मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार में आयुष मंत्री व परसावाड़ा विधायक रामकिशोर कांवरे व उनके भाई से खुद व परिवार को खतरा होने की आशंका व्यक्त करते हुए एक पत्रकार ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। जस्टिस संजय द्धिवेदी ने याचिका की सुनवाई करते हुए गृह सचिव, डीजीपी सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
बालाघाट निवासी मिलिंद ठाकरे सामाजिक कार्यकर्ता व पत्रकार है। उन्होंने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में याचिका में कहा है की मंत्री रामकिशोर कांवरे के भाई राजकुमार कांवरे के खिलाफ आवाज उठाई थी। जिसके कारण वह लोग उससे दुर्भावना रखने लगे। उसे झूठे मामले में फंसाने की धमकियां दी जा रहीं है। जिससे कारण उसे तथा परिवार को खतरा बना हुआ है।
याचिका में पत्रकार ने कहा है कि राजकुमार कांवरे को 2003 में हत्या के आरोप में दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी परन्तु राजनीतिक रसूख का इस्तेमाल कर परिवीक्षा अधिनियम के तहत प्रशाशन द्वारा उसे जेल से बाहर ले आया गया। बहार आने के बाद भी विभिन्न आपराधिक गतिविधियों में उसकी संलिप्तता बनी हुई है। जबकि परिवीक्षा अधिनियम में साफ किया गया है कि जेल से बाहर आने पर अगर आपराधिक गतिविधियां साबित होती है तो अपराधी को वापस जेल जाना पड़ता है। इसके बावजूद कार्रवाई नहीं हो रही है। आवेदक ने कहा कि वह राजकुमार कांवरे के भ्रष्टाचार, शराब की अवैध बिक्री, अवैध रेत खनन, और जुआ में संरक्षण को उजागर कर चुका है। जिस वजह से वह उससे दुर्भावना रखता है। याचिका की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।