जूडिशियल कॉउन्सिल दुनिया भर के लोगों के लिए एक वैश्विक और लोकतांत्रिक पुरस्कार – संविधान रत्न लेकर आई है जो लोकतांत्रिक प्रणाली के क्षेत्र में उत्कृष्टता का सम्मान और पहचान करता है। कानूनी क्षेत्र से सर्वश्रेष्ठ को सम्मानित करते हुए, पुरस्कार प्रतिवर्ष आयोजित किए जाएंगे।
संविधान रत्न के लॉन्च के बारे में बात करते हुए, जूडिशियल कॉउन्सिल के अध्यक्ष श्री राजीव अग्निहोत्री ने कहा, “संविधान रत्न पुरस्कार लाखों भारतीयों और दुनिया भर में कानून का पालन करने वाले और लोकतांत्रिक व्यवस्था को पसंद करने वाले नागरिकों के करीब आने की दिशा में एक कदम है, जो संविधान में विश्वास करते हैं। पुरस्कारों की घोषणा संविधान दिवस यानी 26 नवंबर के समय हुई, उन्होंने कहा कि हमारा संविधान 2 साल 11 महीने 18 दिन में 25 नवंबर 1949 को पूरा हुआ, सविंधन दिवस की हार्दिक बधाई, मैं उन सभी को धन्यवाद देता हूं जो न्यायिक प्रणाली और लोकतंत्र में विश्वास करते हैं ”।
इस पुरस्कार के बारे में टेलीग्राफ न्यूज़ संवाददाता से बात करते हुए, मंजू शुक्ला सदस्य मानवाधिकार समिति, जूडिशियल कॉउन्सिल ने कहा, “जूडिशियल कॉउन्सिल की ओर से, मुझे यह कहते हुए खुशी और गर्व हो रहा है कि यह बहुत बड़ा प्रयास है; पुरस्कार सत्यनिष्ठा, विश्वसनीयता और ईमानदारी का प्रतिनिधित्व करते हैं। मुझे खुशी है कि जूडिशियल कॉउन्सिल ने एक बड़ा कदम उठाया है। यह वास्तव में उल्लेखनीय है कि प्रस्ताव पारित किया गया है और अनुमोदित किया गया है। जूडिशियल कॉउन्सिल ने न्यायविदों के सम्मान के लिए यह महान पहल की है।”
टेलीग्राफ समाचार संवाददाता से बात करते हुए श्री अग्निहोत्री ने कहा, “नामांकन प्रक्रिया मानद सलाहकार बोर्ड के सदस्यों के साथ पुरस्कार समिति द्वारा संचालित होगी । पुरस्कार हर साल दिए जाएंगे, बशर्ते हमें सही नामांकन और समितियों को मजबूत अनुशंसाएं मिलें । संविधान रत्न पुरस्कार जीवन काल में या मरणोपरांत दोनों तरह से दिया दिया जा सकेगा । अध्यक्ष के पास समिति के नामांकन को स्वीकार या अस्वीकार करने का पूरा अधिकार है अर्थात अंतिम अनुमोदन अध्यक्ष द्वारा किया जाएगा।
श्री संजय सदस्य लोक शिकायत समिति जूडिशियल कॉउन्सिल ” संविधान दिवस पर सभी को हार्दिक बधाई, मैं न्यायिक प्रणाली और लोकतंत्र में विश्वास करने वाले सभी को धन्यवाद देता हूं”