जब तक हमारे हृदय में करुणा का भाव नहीं है तब तक हम मनुष्य होकर भी मनुष्य नहीं है इसी भाव को लेकर अध्यात्म साधना केंद्र नई दिल्ली में आयोजित समारोह में लद्दाख महाबोधि इंटरनेशनल मेडिटेशन सेंटर द्वारा करुणा दिवस मनाया गया, इस कार्यक्रम के दौरान आध्यात्मिकता, शांति-निर्माण और सांस्कृतिक आदान-प्रदान इस अवसर पर परम पावन भिक्कू सांगसेन ने मारवाह स्टूडियो के अध्यक्ष और एएएफटी विश्वविद्यालय के चांसलर डॉ. संदीप मारवाह को एक प्रतिष्ठित सम्मान प्रदान किया। 156 देशों में कार्यरत विश्व शांति विकास और अनुसंधान फाउंडेशन के अध्यक्ष के रूप में, डॉ. संदीप मारवाह कला और संस्कृति के माध्यम से वैश्विक सद्भाव को बढ़ावा देने की दिशा में अथक प्रयास कर रहे हैं साथ ही एशियाई एकता गठबंधन के अध्यक्ष का पद भी संभालते हैं, जो एशियाई देशों के बीच प्रेम, शांति और एकता को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है। डॉ. मारवाह ने पृथ्वी योग केंद्र के माध्यम से 145 देशों के 30,000 छात्रों तक पहुंच बनाकर योग के अभ्यास का अंतरराष्ट्रीयकरण करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। जिसमें विश्व धर्म परिसंघ, वैश्विक योग गठबंधन, इस्कॉन, ब्रह्मा कुमारिस और लद्दाख में महाबोधि अंतर्राष्ट्रीय ध्यान केंद्र के साथ उनका जुड़ाव शामिल है। दर्शकों को संबोधित करते हुए, डॉ. संदीप मारवाह ने आध्यात्मिकता के सार और एक सामंजस्यपूर्ण दुनिया को आकार देने में इसकी परिवर्तनकारी शक्ति पर गहन अंतर्दृष्टि साझा की। उन्होंने आंतरिक शांति को बढ़ावा देने और विविध समुदायों के बीच समझ को बढ़ावा देने में कला, संस्कृति और योग की भूमिका पर जोर दिया। लद्दाख महाबोधि इंटरनेशनल मेडिटेशन सेंटर के आध्यात्मिक नेता परम पावन भिक्कू सांगसेन ने कहा सारे विश्व में शांति और सुकून हो जो आध्यात्मिक जीवन मूल्यों, और आपस में सौहार्द से व शांति और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के प्रति अटूट प्रतिबद्धता आ सकती है।