अग्रसेन टेक्नीकल एजुकेशन सोसाइटी और तीर्थ विकास ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में महाशिवरात्रि व फाल्गुन महोत्सव का आयोजन हुआ I इस कार्यक्रम में अंतर्राष्ट्रीय भजन सम्राट कैलाश अनुज पीयूशा अनुज ने बहाई भजनों की सरिता की जोड़ी ने अपने भजनों के माध्यम से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया कर दिया I कार्यक्रम में सकाय के अध्यापक व छात्रों के लिए अध्यात्मिक ज्ञानवर्धन पहेली प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया I
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कार्यक्रम के संयोजक व संस्थान के सयुंक्त महासचिव व तीर्थ विकास ट्रस्ट के अध्यक्ष मोहन गर्ग ने कहा कि संस्थान के संस्थापक डॉ. नंद किशोर गर्ग ने यह परम्परा आरम्भ की जो सालों से चली आ रही है की संस्थान में ऐसे कार्यक्रम सदेव होते रहें जोकि हमारें अध्यापकों व विद्यार्थियों को हमारी प्राचीन भारतीय संस्कृति, धर्म से जोड़ते हों I
इस अवसर पर पीयूशा -कैलाश अनुज के भजनों महादेव जी की स्तुति,रात श्याम सपने में आए कृष्ण भजन, जय जय राधा रमण हरि बोल ने एक अद्भुत शिवमय वातावरण बना दिया जिसमे सभी सराबोर दिखें !
भजन सम्राट कैलाश अनुज ने इस दिन के महत्व के बारे में बताया कि इस दिन लोग भगवान शिव और मां पार्वती का विवाह महाशिवरात्रि के रूप में मनाते हैं। फाल्गुन माह का प्राकृतिक, वैज्ञानिक और धार्मिक रूप से खास महत्व है। इस माह में महाशिवरात्रि व होली दो बड़े त्योहार आएंगे। पूरे महीने फाग महोत्सव की धूम रहेगी।इस महीने की पूर्णिमा पर चंद्रमा फाल्गुनी नक्षत्र में होते हैं। इस कारण इस महीने को फाल्गुन कहा जाता है। इस माह के व्रत ऊर्जा से भरपूर होते हैं।हम जीवन में मंगल उत्सव मनाते हैं। वैसे हमें भगवान की कथा में भी उत्सव मनाना चाहिए। इन उत्सवों को युवा पीढ़ी देखती है। उनके मन में भक्ति जाग्रत होती है।संस्थान में इस तरह के आयोजनों के लिए मैनेजमेंट की प्रशंसा की
इस कार्यक्रम में श्रद्धालुओं ने गुलाब की पंखुड़ियों से होली खेली। सभी भक्तों ने नाच गाकर भगवान के विवाह का आनंद लिया। कार्यक्रम के संयोजक सयुंक्त महासचिव व तीर्थ विकास ट्रस्ट के अध्यक्ष मोहन गर्ग ने सभी के प्रति आभार प्रकट किया I
कार्यक्रम में जयभगवान निगम पार्षद बेगमपुर व संस्थान के उपाध्यक्ष ज्ञान चंद अग्रवाल , सचिव सतीश गर्ग, मिडिया सलाहकार अतुल सिंघल, मेट की निदेशक प्रो नीलम शर्मा ,मैम्स की निदेशक प्रोफ रजनी मल्होत्रा धींगरा,डीनप्रो. एस .के देसवाल, सकाय के अध्यापक व छात्र- छात्राएं आदि बड़ी संख्या में उपस्थित रहें I