कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राहुल गांधी के साथ बहस का निमंत्रण स्वीकार करने की अभी तक ‘‘हिम्मत नहीं जुटाई है।’’ न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) मदन बी लोकुर, न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) अजीत पी शाह और एन राम ने पिछले सप्ताह कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष गांधी और प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर लोकसभा चुनाव के प्रमुख मुद्दों पर बहस के लिए एक मंच पर आमंत्रित किया था। रमेश ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री से बहस का निमंत्रण स्वीकार करते हुए राहुल गांधी द्वारा पत्र लिखे एक दिन बीत चुका है। तथाकथित 56 इंच के सीने ने अभी तक निमंत्रण स्वीकार करने की हिम्मत नहीं जुटाई।’’
रमेश ने प्रधानमंत्री द्वारा दिए जा रहे साक्षात्कारों को भी ‘प्रायोजित’ बताया। गांधी ने मोदी के साथ बहस का निमंत्रण स्वीकार कर लिया और यह भी कहा कि देश को उम्मीद है कि प्रधानमंत्री इसमें भाग लेंगे। मोदी को ‘‘निवर्तमान प्रधानमंत्री’’ बताते हुए रमेश ने यह भी आरोप लगाया कि उनके द्वारा अखबारों और टीवी चैनलों को दिए जा रहे साक्षात्कार ‘‘सुनियोजित’’ हैं। रमेश ने कहा, ‘‘निवर्तमान प्रधानमंत्री के अखबारों और टीवी चैनलों को दिए गए साक्षात्कार पूरी तरह से एक सफेद झूठ हैं जिसका सामना इन दिनों हमारे देश को करना पड़ रहा है। हर छोटे से छोटे विवरण को प्रधानमंत्री द्वारा व्यवस्थित और प्रबंधित किया जाता है। उनके झूठ और नाटकीयता को छोड़कर उनके साक्षात्कार में कोई भी चीज स्वाभाविक या सहज नहीं है।’’
रमेश ने कहा, ‘‘कोई असल वाद-विवाद नहीं है और न्यूज एंकर द्वारा उनको बातचीत में शामिल करने का कोई प्रयास नहीं है। इन सबकी पटकथा पहले से तय है। भारत में वर्तमान या अतीत में कोई अन्य राजनीतिक नेता नहीं हुआ है, जिसने मीडिया के साथ इस तरह से व्यवहार किया हो।