चिन्हित राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति के केंद्रीय मुख्य संरक्षक एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री धीरेंद्र प्रताप ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को चेतावनी दी है यदि राज्य सरकार आंदोलनकारी के तस्वीर आरक्षण के सवाल पर राज्यपाल से हस्ताक्षर करने वाली नहीं है और आंदोलनकारी की मांगों को मानने वाली नहीं है तो मुख्यमंत्री समझा दें कि हम भी झुकने वाले नहीं धीरेंद्र प्रताप आज क्रांति कुकरेती मोहन सिंह रावत जगमोहन सिंह नेगी जितेंद्र चौहान के ताजा नेतृत्व में देहरादून सहित स्मारक पर कचहरी स्थित सत्याग्रह को संबोधित कर रहे थे इस सत्याग्रह में 10 फ़ीसदी आरक्षण को जल्दी अमली जामा पहनाने की सरकार से मांग की जा रही है सत्याग्रह में धीरेंद्र प्रताप ने कहा कि हम पहाड़ी हैं टूट सकते हैं मगर चूक नहीं सकते उन्होंने कहा कि आंदोलनकारी का धैर्य टूटने लगा है और यह गांधीवादी आंदोलनकारी का अंतिम सत्याग्रह होगा उन्होंने कहा कि इसके बाद अगर कहीं कोई घटना घटती है तो उसकी जिम्मेदारी धामी की निकली सरकार की होगी धीरेंद्र प्रताप हल्द्वानी में कल होने वाले राज्य अधिकारी सम्मेलन में भाग लेने के लिए जाते हुए यहां रुके थे इस मौके पर आंदोलनकारी के नेता क्रांति कुकरेती ने कहा कि हम अपनी मांगों को लेकर अधिक है सरकार को इसमें झुकना ही होगा और सरकार आंदोलनकारी की बदौलत है ना कि सरकार की बदौलत आंदोलनकारी इस सत्याग्रह को उनके अलावा आंदोलनकारी परिषद के पूर्व अध्यक्ष जितेंद्र चौहान प्रसिद्ध आंदोलनकारी मोहन सिंह रावत सुनीता ठाकुर उर्मिला शर्मा समय अनेक आंदोलनकारी ने संबोधित किया इस मौके पर 1978 में जेल जाने वाले शीर्ष राज्य जानकारी और कश्मीर शांति मिशन के प्रमुख ओमप्रकाश डंगवाल भी वहां पर मौजूद थे उन्होंने तमाम राज्य आंदोलनकारी को आशीर्वाद देते हुए राज्य सरकार से 1978 में राज्य आंदोलन करने वाले लोगों को जो जेल गए थे सरकार द्वारा सम्मानित करने की मांग उठाई उन्होंने कहा यह दुर्भाग्य का विषय है कि जो लोग सन 1978 में स्वर्गीय श्रीमती सुमन लता भदोला स्वर्गीय 53 सिंह नेगी आदि नेताओं के नेतृत्व में जेल गए थे सरकार ने उनका आज तक भी चीनी कारण करना वाजिब नहीं समझा धीरेंद्र प्रताप ने बताया कि 30 जून के सत्याग्रह में जब मुख्यमंत्री से आंदोलनकारी की बात हुई थी तो मुख्यमंत्री ने सत्याग्रहियों को विश्वास दिलाया था किस 78 के आंदोलनकारी की भी धीरेंद्र प्रताप की मदद से जांच की जाएगी और उन सभी आंदोलनकारी को राज्य सरकार एक दिन मुख्यमंत्री आवास पर बुलाकर सम्मानित करेगी