Skip to content
August 1, 2025
  • Facebook
  • Youtube
  • X (Twitter)
  • Instagram

Rashtra Times

Largest Hindi Weekly newspaper of india

Primary Menu
  • Home
  • राजनीति
  • E-Paper
  • दुनिया
  • धार्मिक
  • तकनीक
  • मनोरंजन
  • बिज़नेस
  • स्वास्थ्य
  • खेल
वीडियो समाचार
  • Home
  • 2024
  • December
  • 2
  • पंडित हरिदत्त शर्मा की कलम ने सांस्कृतिक, सामाजिक और भावनात्मक एकता को मजबूत बनाया – मनोज सिन्हा
  • राजनीति

पंडित हरिदत्त शर्मा की कलम ने सांस्कृतिक, सामाजिक और भावनात्मक एकता को मजबूत बनाया – मनोज सिन्हा

rashtratimesnewspaper December 2, 2024 1 min read
WhatsApp Image 2024-11-30 at 7.06.29 PM

पंडित हरिदत्त शर्मा एक यशस्वी लेखक, चिंतक, पत्रकार होने के साथ-साथ वह संवेदनशील समाजसेवी भी थे। अपनी सरलता और अपनी लेखनी से उन्होंने जबरदस्त सामाजिक चेतना को जन्म दिया। भारतीय परम्परा, मूल्यों एवं चिंतन के प्रसार के लिए कार्य किया तथा उसकी परिवर्तनकारी ऊर्जा को राष्ट्र-निर्माण में लगाया। पंडित हरिदत्त शर्मा के शब्दों को मैं नॉलेज और विजडम – ज्ञान और प्रज्ञा की एक असाधारण कलाकृति के रूप में देखता हूं जिसमें उनके सहज व्यक्तिगत स्वभाव की अभिव्यक्ति है, साहित्य की मौलिकता है और भारतवर्ष के उज्जवल भविष्य की आकांक्षा का स्वर भी है। मैं समझता हूं उनकी स्मृति में यह पुरस्कार समारोह एक ऐसा अवसर है जब हम‌ उनके संकल्पों को दोहराएं, उनकी सिद्धि की शपथ ले; यही शक्तिशाली राष्ट्र के सपने सजाने वाले पंडित जी को सबसे उपयुक्त श्रद्धांजलि होगी।


पंडित जी हमारी संस्कृति के मानवतावादी आदर्श और मूलभूत नैतिक मूल्यों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
महर्षि पतंजलि योग सूत्र में व्यक्तियों की प्रकृति को ध्यान में रखते हुए कहा था- तीव्र संवेगा सन्न – सफलता सबसे निकट उस व्यक्ति के पास होती है इसके प्रयास तीव्र, प्रगाढ़ और सच्चे होते हैं। इस भाव का जीता जागता स्वरूप थे पंडित हरिदत्त शर्मा जी। जिन्होंने दरिद्र नारायण की सेवा, मानव कल्याण और शांति को बढ़ावा देने के लिए समाज सेवा को
जन आंदोलन बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। महर्षि पतंजलि ने कहा है कि इंसान जब कुछ खोजने निकलता है तो उस खोज को ट्रिगर – Trigger करने के कई कारण होते हैं और खोज के दौरान व्यक्तियों के सामने कई रास्ते भी आते हैं। कुछ लोगों को नए को जानने की जिज्ञासा होती है‌ जो उन्हें लक्ष्य की तरफ बढ़ने की प्रेरणा देती है। कुछ लोग होते हैं जो अपने आपको ईश्वर के प्रति समर्पित करके खोजने निकलते हैं। महर्षि पतंजलि ने कहा है कि जो समर्पित होकर खोजने निकलता है वह उपलब्धियां के शिखर को प्राप्त कर लेता है। यह बात जितनी योग के लिए प्रासंगिक है उतनी ही समाज और राष्ट्र के निर्माण के लिए भी प्रासंगिक है। योग का आनंद, योग की शांति, योग की कला, योग का उत्सव सीधे-सीधे समाज की समृद्धि में रूपांतरित हो, यह हमारा सामूहिक लक्ष्य होना चाहिए।‌


11वीं शताब्दी में आचार्य मम्मट द्वारा रचित काव्यशास्त्र का पहला सूत्र है- रासों आत्मा काव्यात्व – रस काव्य की आत्मा है। आचार्य मम्मट का मानना है कि काव्य अगर बाहर से देखा जाए तो अत्यंत सुंदर शिल्प के भवन जैसा है तथा उसके उसके शब्द वाकई में अस्तित्व की गूंज जैसे हैं और यही रचनाकार का सबसे बड़ा परिचय भी है।


मैं पंडित जी को एक ऐसे बहुआयामी प्रतिभा का स्वामी मानता हूं जिनकी कलम की ताकत ने सांस्कृतिक, सामाजिक और भावनात्मक एकता को मजबूत बनाया है। उन्होंने राष्ट्रीय हित के लक्ष्य को साधा, सामाजिक उत्थान के उद्देश्यों को माध्यम बनाया, उनके द्वारा लिखे गए आलेख और किताबें शब्दों की कारीगरी से ज्यादा एक हथौड़े की तरह थे जो रोजमर्रा की जरूरत से संघर्ष करते हुए व्यक्ति की भावना और उससे जुड़ी व्यवस्था को उजागर करते हुए बड़े निर्ममता से हमारी चेतना पर प्रहार करता है। हमारी संस्कृति में यह भी माना जाता है कि लेखक की अपनी आवाज नहीं होती बल्कि वह जनता की आवाज का प्रतिनिधित्व करता है।‌ अयोध्या प्रसाद गोयलीय ने 1948 में इसीलियें लिखा था कि कवि‌ लेखक कलाकार आत्म-गौरव से भरा होता है और भगवान से भी आदर मांगता है। सीमाब का एक बड़ा पुराना शेर है –
सजदे करूं, सवाल करूं, इंतजार करूं,
यूं दे तो कायनात मेरे काम की ही नहीं,
वह खुद अता करें तो जहन्नुम भी है बहिश्त,
मांगी हुई निजात मेरे काम की नहीं।
इसी आत्म-गौरव के भाव से पंडित जी ने अनेक सामाजिक मुद्दों को उठाया और उनका प्रयास रहा कि लोग स्वयं उन‌ विषयों से भी जुड़ें और भारत को शिखर पर पहुंचने का प्रयास करें। भारतवर्ष को अध्यात्म, साहित्य, साइंस, कला संस्कृति में विश्व में सबसे प्राचीन और सबसे पूर्ण सभ्यता माना जाता रहा है। हमें  गर्व करना चाहिए कि हमारे पूर्वजों ने आध्यात्म साइंस और कला के मूल तत्वों को पूरे विश्व में पहुंचने का काम किया।

वर्तमान में एक बार पुनः भारत पर विश्व की नजर टिकी है और मुझे पूर्ण विश्वास है कि अतीत में जो दिव्य था वह इसी धरा पर था और भविष्य में भी मानव चेतना का शिखर भारत ही होगा। इसी परिपेक्ष में पंडित हरिदत्त शर्मा पुरस्कार से सम्मानित दोनों विभूतियां डॉ. नागेंद्र और प्रोफेसर अशोक चक्रधर समाज के पथ की रोशनी के रूप में नजर आते हैं। दोनों व्यक्तित्व उज्जवलतर भारत के संकल्प के साथ समाज को एक नई दिशा में ले जाने को उत्सुक हैं।‌ आप दोनों अलग-अलग माध्यमों के द्वारा समाज में एक सी सदभाव, स्वास्थ्य और शांति कि आबोहवा पैदा करना चाहते हैं। नागेंद्र और अशोक चक्रधर का जीवन उद्देश्य और उसे प्राप्त करने का साधन उतना ही पवित्र है जितनी गंगोत्री से उतर रही गंगा है मैं इन दोनों कर्मयोगियों को बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं लेकिन अपनी बात समाप्त करने से पहले समाज के प्रबुद्ध वर्ग, योगियों, साहित्यकारों, चिंतकों, कवियों, कलाकारों से चिर आग्रह करना चाहूंगा‌ –
मेरा पहला आग्रह है कि किसी जरूरतमंद का जीवन बेहतर बनाएं। निस्वार्थ सेवा और दूसरों का हित सदैव से भारत का धर्म रहा है। यह हमारी लोक चेतना का महत्वपूर्ण तत्व है और मैं यह कह सकता हूं कि राष्ट्र निर्माण में यही भाव हमारी ताकत का प्रमुख स्त्रोत भी है। हमारी संस्कृति में कहा जाता है कि दूसरों की परवाह करें और जो कुछ भी आपके पास है उसे उन कम प्रतिभाशाली भाग्यशाली लोगों के साथ साझा करें- मैत्री प्रमोद: कारुण्य माध्य स्यानि। मैं मानता हूं की निस्वार्थ सेवा समाज के प्रत्येक सदस्य के लिए जीवन का अर्थ प्रदान करती है।


मेरा दूसरा आग्रह यह है कि एक सुखी स्वस्थ समृद्ध और शांतिपूर्ण समाज के विकास के लिए सामूहिक शक्ति और जन भागीदारी की भावना से कार्य करें। यह एक एकीकृत मिशन है जिसमें साइंटिस्ट, स्पिरिचुअलिस्ट, कलाकार, साहित्यकार सभी को भेदभाव समाप्त करके सुदृढ़ समाज का निर्माण करने के लिए स्वयं को समर्पित करना होगा।
मेरातीसरा आग्रह है कि मूल्यवर्धित शिक्षा (वैल्यू एडेड एजुकेशन) प्रदान करने के उद्देश्य से फॉर्मल इनफॉर्मल तरीके से युवाओं की कैपेसिटी बिल्डिंग का अभियान निरंतर चलते रहना चाहिए
मेरा चौथा आग्रह’ है कि समाज की सामूहिक उत्पादकता *(कलेक्टिव प्रोडक्टिविटी) के लिए संस्कृति, साहित्य और योग को हमारे *नॉलेज प्लेटफार्म” में शामिल किया जाना चाहिए।
मैं इन चारों लक्ष्यों को किसी सरकारी कार्यक्रम की तरह नहीं देखता हूं बल्कि समाज की जिम्मेदारी समझता हूं। इससे लोगों में आत्मसम्मान और आत्म-गौरव की भावना पैदा होगी तथा उनके मानस पटल पर हमारी संस्कृति के आदर्श एवं मूल्य अमित छाप छोड़ेंगे। यह एक महान दायित्व है जिसे हमारी वर्तमान प्रबुद्ध पीढ़ी को निभाना है। उन्होंने डॉ. नागेंद्र तथा प्रोफेसर अशोक चक्रधर को बधाई एवं शुभकामना दी

रचनात्मक कार्यों के लिए दिया गया ‘पंडित हरिदत्त शर्मा पुरस्कार’
‘पंडित हरिदत्त शर्मा फाउंडेशन’ द्वारा नई दिल्ली के नेशनल म्यूजियम में आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि जम्मू कश्मीर के‌ उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने प्रसिद्ध योग गुरु और विवेकानंद योग अनुसंधान संस्थान (व्यासा) के अध्यक्ष डॉ. एच. आर. नागेंद्र और प्रसिद्ध व्यंग्यकार, कवि व लेखक प्रोफेसर (डॉ.) अशोक चक्रधर को “पंडित हरिदत्त शर्मा पुरस्कार” प्रदान किया। सम्मान स्वरूप 51,000/- रुपये की धनराशि, शाल, प्रशस्ति-पत्र एवं प्रतीक-चिन्ह आदि समर्पित किया गया। समारोह के विशिष्ट अतिथि सांसद डॉ. महेश शर्मा थे व अध्यक्षता न्यूज़ 24 चैनल की संपादक अनुराधा प्रसाद ने की।‌ प्रशस्ति पत्र का वाचन समिति के सचिव मनोज शर्मा ने किया। धन्यवाद ज्ञापन महासचिव राजकुमार शर्मा ने और मंच संचालन संयोजक मोनिका शर्मा ने किया।
देश के प्रसिद्ध पत्रकार, लेखक, चिंतक, वक्ता समाजसेवी, कुशल प्रशासक और राजनीतिज्ञ पंडित हरिदत्त शर्मा (तत्कालीन संपादक, नवभारत टाइम्स, दिल्ली, टाइम्स ऑफ़ इंडिया ग्रुप) की स्मृति में स्थापित ‘पंडित हरिदत्त शर्मा फाउंडेशन’ द्वारा‌ पत्रकारिता, लेखन, शिक्षा एवं समाज-सेवा आदि क्षेत्रों में सराहनीय रचनात्मक कार्य कर रहे लोगों को हर वर्ष 51,000/- रुपये के ‘पंडित हरिदत्त शर्मा पुरस्कार’ से‌ सम्मानित किया जाता है।

About Author

rashtratimesnewspaper

राष्ट्र टाइम्स हिंदी साप्ताहिक समाचारपत्र है, जो 1981 में शुरू किया गया था। यह समाचारपत्र भारत की राजधानी नई दिल्ली स्थित है और हर सप्ताह जारी किया जाता है। इस समाचारपत्र के उद्देश्य के रूप में देश और विदेश की ताजा घटनाओं की विस्तृत विवरण प्रदान करना और आधुनिक समाज में जागरूकता बढ़ाना शामिल है।

राष्ट्र टाइम्स को नई दिल्ली के प्रमुख समाचारपत्रों में से एक माना जाता है जिसका पैमाना देश और दुनिया भर में बड़े वर्गों तक होता है। इस समाचारपत्र का मुख्य आधार हिंदी भाषा है जिससे उन लोगों तक समाचार पहुंचता है जो अंग्रेजी नहीं जानते हैं।

इस समाचारपत्र में व्यापक क्षेत्रों पर विशेषज्ञता वाले न्यूज रिपोर्टरों और लेखकों की टीम है, जो उन विषयों पर विस्तृत रूप से विचार करते हैं जो उन्हें महत्वपूर्ण लगते हैं।

See author's posts

Continue Reading

Previous: राष्ट्र टाइम्स, वर्षः 44, अंकः 48, नई दिल्ली, 01 से 07 नवंबर 2024
Next: दिल्ली के प्रथम उपमहापौर – स्वतंत्रता संग्राम सैनानी लाला रामचरण अग्रवाल जी की 107वीं जयंती मनाई गई

संबंधित कहानियां

WhatsApp Image 2025-07-30 at 8.23.41 PM
1 min read
  • राजनीति
  • राष्ट्रीय

विद्या बाल भवन स्कूल में रंगारंग वार्षिक एग्ज़ीबिशन कार्यक्रम का आयोजन

rashtratimesnewspaper July 31, 2025
WhatsApp Image 2025-07-30 at 7.55.28 PM
1 min read
  • बिज़नेस
  • राजनीति
  • राष्ट्रीय
  • स्वास्थ्य

सी-लैब की अभिनव पहल: बच्चों के यौन उत्पीड़न मामलों में ‘सपोर्ट पर्सन’ के लिए देश का पहला सर्टिफिकेट कोर्स शुरू

rashtratimesnewspaper July 31, 2025
WhatsApp Image 2025-07-28 at 6.13.58 PM
1 min read
  • राजनीति
  • राष्ट्रीय

असम के मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री एवं वित्त मंत्री से की भेंट

rashtratimesnewspaper July 31, 2025

लेखक के बारे में

Vijay Shankar Chaturvedi

ट्रेंडिंग समाचार

विद्या बाल भवन स्कूल में रंगारंग वार्षिक एग्ज़ीबिशन कार्यक्रम का आयोजन WhatsApp Image 2025-07-30 at 8.23.41 PM 1

विद्या बाल भवन स्कूल में रंगारंग वार्षिक एग्ज़ीबिशन कार्यक्रम का आयोजन

July 31, 2025
सी-लैब की अभिनव पहल: बच्चों के यौन उत्पीड़न मामलों में ‘सपोर्ट पर्सन’ के लिए देश का पहला सर्टिफिकेट कोर्स शुरू WhatsApp Image 2025-07-30 at 7.55.28 PM 2

सी-लैब की अभिनव पहल: बच्चों के यौन उत्पीड़न मामलों में ‘सपोर्ट पर्सन’ के लिए देश का पहला सर्टिफिकेट कोर्स शुरू

July 31, 2025
असम के मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री एवं वित्त मंत्री से की भेंट WhatsApp Image 2025-07-28 at 6.13.58 PM 3

असम के मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री एवं वित्त मंत्री से की भेंट

July 31, 2025
दंत चिकित्सा के क्षेत्र में उत्कृष्ट सेवाओं हेतु डॉ. कपिल गुप्ता को ‘राष्ट्र टाइम्स’ के 45वें स्थापना दिवस पर किया गया सम्मानित WhatsApp Image 2025-07-30 at 7.10.50 AM 4

दंत चिकित्सा के क्षेत्र में उत्कृष्ट सेवाओं हेतु डॉ. कपिल गुप्ता को ‘राष्ट्र टाइम्स’ के 45वें स्थापना दिवस पर किया गया सम्मानित

July 31, 2025
राजस्थान: सरकारी स्कूलों के विलय से लड़कियों की शिक्षा पर संकट girl school 5

राजस्थान: सरकारी स्कूलों के विलय से लड़कियों की शिक्षा पर संकट

July 29, 2025
  • Share on Facebook
  • Share on Twitter
  • Share on LinkedIn

हो सकता है आप चूक गए हों

WhatsApp Image 2025-07-30 at 8.23.41 PM
1 min read
  • राजनीति
  • राष्ट्रीय

विद्या बाल भवन स्कूल में रंगारंग वार्षिक एग्ज़ीबिशन कार्यक्रम का आयोजन

rashtratimesnewspaper July 31, 2025
WhatsApp Image 2025-07-30 at 7.55.28 PM
1 min read
  • बिज़नेस
  • राजनीति
  • राष्ट्रीय
  • स्वास्थ्य

सी-लैब की अभिनव पहल: बच्चों के यौन उत्पीड़न मामलों में ‘सपोर्ट पर्सन’ के लिए देश का पहला सर्टिफिकेट कोर्स शुरू

rashtratimesnewspaper July 31, 2025
WhatsApp Image 2025-07-28 at 6.13.58 PM
1 min read
  • राजनीति
  • राष्ट्रीय

असम के मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री एवं वित्त मंत्री से की भेंट

rashtratimesnewspaper July 31, 2025
WhatsApp Image 2025-07-30 at 7.10.50 AM
1 min read
  • राजनीति
  • राष्ट्रीय

दंत चिकित्सा के क्षेत्र में उत्कृष्ट सेवाओं हेतु डॉ. कपिल गुप्ता को ‘राष्ट्र टाइम्स’ के 45वें स्थापना दिवस पर किया गया सम्मानित

rashtratimesnewspaper July 31, 2025

Meta

  • Log in
  • Entries feed
  • Comments feed
  • WordPress.org

नवीनतम

  • विद्या बाल भवन स्कूल में रंगारंग वार्षिक एग्ज़ीबिशन कार्यक्रम का आयोजन
  • सी-लैब की अभिनव पहल: बच्चों के यौन उत्पीड़न मामलों में ‘सपोर्ट पर्सन’ के लिए देश का पहला सर्टिफिकेट कोर्स शुरू
  • असम के मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री एवं वित्त मंत्री से की भेंट
  • दंत चिकित्सा के क्षेत्र में उत्कृष्ट सेवाओं हेतु डॉ. कपिल गुप्ता को ‘राष्ट्र टाइम्स’ के 45वें स्थापना दिवस पर किया गया सम्मानित
  • राजस्थान: सरकारी स्कूलों के विलय से लड़कियों की शिक्षा पर संकट

श्रेणियाँ

  • E-Paper
  • Uncategorized
  • खेल
  • तकनीक
  • दुनिया
  • धार्मिक
  • बिज़नेस
  • मनोरंजन
  • राजनीति
  • राष्ट्रीय
  • स्वास्थ्य
कॉपीराइट © सर्वाधिकार सुरक्षित rashtratimes | MoreNews by AF themes.