बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के ऊपर गृहमंत्री अमित शाह की टिप्पणी के बाद से हमलावर हुआ विपक्ष देश भर में धरने प्रदर्शन कर जहां सत्ता पक्ष को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाह रहा है। वही सरकार में बैठी भाजपा के सांसद बौखलाहट में विपक्षी सांसदों के साथ धक्कामुक्की कर संसद में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के ऊपर हत्या का प्रयास जैसे संगीन आरोप लगाकर FIR दर्ज करवा चुके हैं। इन दोनों ही मुद्दों को लेकर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी सभी जिलों में जोरदार प्रदर्शन और अमित शाह का पुतला दहन कर अपना रोष प्रकट किया गया। इसी कड़ी में करावल नगर कांग्रेस जिलाध्यक्ष आदेश भारद्वाज के नेतृत्व में भी एक विशाल धरना प्रदर्शन किया गया। बुराड़ी विधान सभा प्रत्याशी मंगेश त्यागी सहित तमाम कार्यकर्ताओं ने जिला कार्यालय पर एकत्रित होकर हाथों में बाबा साहेब अम्बेडकर की तस्वीर लेकर बुराड़ी मेन चौक तक मार्च निकाला और पुतला दहन किया।
धरने प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे जिलाध्यक्ष आदेश भारद्वाज और कांग्रेस के बुराड़ी विधानसभा उम्मीदवार मंगेश त्यागी ने कहा कि जिस तरह से देश के गृहमंत्री अमित शाह ने बाबा साहेब पर अभद्र टिप्पणी की वह अपने आप में ही एक निंदनीय विषय है। लेकिन सत्ता के मद में चूर भाजपा और उसके सूत्रधारों को यह हक बिल्कुल नहीं कि वह देश के 140 करोड़ लोगों के आदर्श बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर जी का अपमान करें। संविधान के रचयिता बाबा साहेब जी के योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता। लेकिन भाजपा हमेशा से दलितों वंचितों के अपमान करती रही है। भाजपा की प्राथमिकता पैसे वाले सेठ लोग रहते आए हैं। अगर ऐसा न होता तो संविधान की कसम खाकर देश के सबसे बड़े संवैधानिक पदों में एक पर बैठे अमित शाह यूं सबसे बड़ी पंचायत में खड़े होकर संविधान के रचयिता का ही अपमान नहीं करते। उन्होंने आगे कहा कि जब हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष और वयोवृद्ध नेता मल्लिकार्जुन खड़गे राहुल गांधी , प्रियंका गांधी और दूसरे लोग इस मामले का विरोध कर संसद भवन की तरफ जाते हैं तो भाजपा के सांसद न सिर्फ हमारे नेताओं का रास्ता रोकते हैं, उनका अपमान करते हैं और धक्कामुखी कर गुंडई दिखाकर मुद्दे से ध्यान भटकाना चाहते हैं।
जबकि कांग्रेस हमेशा से दलितों वंचितों के अधिकारों की रक्षा के लिए खड़ी रही है। क्योंकि अगर ऐसा न होता तो कांग्रेस विपरीत विचारधारा के बावजूद बाबा साहब को संविधान सभा में लाने का काम नहीं करती। अगर आपको ध्यान हो तो जब बाबा साहेब बंगाल से चुनाव हार गए थे तो कांग्रेस ने महाराष्ट्र में अपने एक साथी M. R. जयकर से इस्तीफा दिलवाया और उनकी जगह बाबा साहेब को चुनकर संविधान सभा में भेजा। कांग्रेस द्वारा बाबा साहेब को संविधान बनाने वाली समिति का अध्यक्ष बनाया गया। नेहरू जी ने अपनी सरकार में बाबा साहेब को कानून मंत्री जैसा महत्वपूर्ण पद दिया गया। बाबा साहेब को अपनी कैबिनेट में लाना कांग्रेस की मजबूरी नहीं थी बल्कि कांग्रेस की यह सोच थी कि बाबा साहेब एक विद्वान व्यक्ति हैं और आज देश जिस हालात में है इस हालात में ऐसे विद्वान व्यक्ति की दूरगामी सोच की जरूरत देश को है। और आज भी कांग्रेस उसी परिपाटी पर चलकर नागरिकों के हकों की लड़ाई लड़ रही है। इस धरना प्रदर्शन में ब्लॉक अध्यक्ष परवीन भडाना, राजन पांडे, सुरेंद्र कोच, संजीव भारद्वाज, एडवोकेट ए बी शुक्ला एडवोकेट आदित्य भारद्वाज, पर्दीप राणा नारायन दत्त सनवाल जितेंद्र तोमर नणुवा प्रधान, बलजीत शर्मा, देवेंद्र कुमार, रेखा रानी, राज ठाकुर, शिव चरण, कविता, रघुबीर सिंह, कलीचरण पवार चेयरमैन,पी एस रावत, लीलाधर, मुनसुरी भाई देवेंद्र शर्मा आर पी झाँ वीर सिंह प्रधान, भगत चौहान, रामकिशन चौहान, चुन्नी लाल, एस के अग्रवाल, सुंदर पाल, रवि कुमार, सविता चौधरी, मनोज कुमार के साथ अन्य कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया।