
मध्य प्रदेश अपनी समृद्ध सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को करेगा प्रस्तुत
नई दिल्ली के लाल किले में आयोजित होने वाले भारत पर्व में मध्य प्रदेश अपनी समृद्ध सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को प्रस्तुत करने जा रहा है। यह आयोजन 26 से 31 जनवरी तक आयोजित किया जायेगा। पर्यटन, संस्कृति एवं धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग के प्रमुख सचिव और मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड के प्रबंध संचालक शिव शेखर शुक्ला ने कहा, “भारत पर्व हमारे देश की सांस्कृतिक विविधता का भव्य उत्सव है और मध्य प्रदेश का इस आयोजन में प्रमुख भागीदार होना गर्व की बात है। हमारे मंडप के माध्यम से, हम राज्य की विरासत, संस्कृति और पर्यटन की संभावनाओं को गहराई से अनुभव कराने का प्रयास करेंगे।”
इस कार्यक्रम के जरिये मध्य प्रदेश की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक समृद्धि व कारीगरों की अद्वितीय प्रतिभा को प्रदर्शित किया जायेगा, साथ ही महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग, ओंकारेश्वर मंदिर और सांची स्तूप जैसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों की जानकारी भी दी जाएगी। यहाँ मध्य प्रदेश के जीआई-टैग वाले उत्पादों और एक जिले के एक उत्पाद (ODOP) की झलक भी दिखेगी। मध्य प्रदेश का हस्तशिल्प और हथकरघा स्टॉल राज्य की कारीगरी और कला की झलक पेश करेगा। गोंड पेंटिंग्स, जरदोजी और चंदेरी-महेश्वरी साड़ी सहित अन्य पारंपरिक कलाकृतियां प्रदर्शन और बिक्री के लिए उपलब्ध होंगी।
साथ ही भोजन प्रेमियों के लिए मंडप में पोहा-जलेबी, ग्वालियर की बेड़ई पूरी, मुरैना की गजक, इंदौरी कचौरी जैसे पारंपरिक व्यंजन उपलब्ध होंगे। 30 जनवरी को गराड़ू चाट और खोपरा पेटीस जैसे व्यंजनों की लाइव किचन प्रदर्शनी भी आकर्षण का केंद्र बनेगी। भारत पर्व 2025 में मध्य प्रदेश की आध्यात्मिकता, संस्कृति और कला का समृद्ध संगम प्रस्तुत करेगा, जो दर्शकों को राज्य की विविधता और विशिष्टता का अद्वितीय अनुभव प्रदान करेगा।