
गुरुगोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय से संबद्ध सीपीजे कॉलेज ऑफ हायर स्टडीज एंड स्कूल ऑफ लॉ, नरेला में आयोजित इस कार्यक्रम में 45 से अधिक लॉ यूनिवर्सिटी/कॉलेजों के 300 से अधिक छात्रों ने भाग लिया। मूट कोर्ट, डिबेट, जजमेंट राइटिंग और क्लाइंट काउंसलिंग जैसी प्रतियोगिताएं आकर्षण का केंद्र रहीं।

मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति एम.एल. मेहता (पूर्व न्यायाधीश, दिल्ली उच्च न्यायालय) और विशिष्ट अतिथि प्रो. (डॉ.) ए.पी. सिंह (कुलपति, आरएमएल नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी) रहे। अन्य गणमान्य अतिथियों में प्रो. (डॉ.) प्रसन्नांशु, श्री जोगिंदर सिंह (रजिस्ट्रार, एनएचआरसी), एडवोकेट आर.एस. गोस्वामी, एडवोकेट मुरारी तिवारी और प्रो. (डॉ.) उपमा गौतम शामिल रहे।

समारोह की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन से हुई, डॉ. युगांक चतुर्वेदी ने मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा (यूडीएचआर, 1948) के प्रकाश में उनके महत्व पर प्रकाश डाला। न्यायमूर्ति मेहता और प्रो. (डॉ.) सिंह ने दयालुता, निष्पक्षता, गरिमा, समानता और स्वतंत्रता के मूल्यों पर जोर दिया।

मूट कोर्ट प्रतियोगिता का निर्णायक दौर प्रतिष्ठित न्यायाधीशों की पीठ ने संचालित किया, जिन्होंने प्रतिभागियों के तर्कों की सराहना की। विजेताओं और उपविजेताओं को ट्रॉफी व नकद पुरस्कार प्रदान किए गए।