Skip to content
November 18, 2025
  • Facebook
  • Youtube
  • X (Twitter)
  • Instagram

Rashtra Times

Largest Hindi Weekly newspaper of india

Primary Menu
  • Home
  • राजनीति
  • E-Paper
  • दुनिया
  • धार्मिक
  • तकनीक
  • मनोरंजन
  • बिज़नेस
  • स्वास्थ्य
  • खेल
वीडियो समाचार
  • Home
  • 2025
  • April
  • 9
  • राजनीति
  • नंद चतुर्वेदी रचना वली’ : कवि और लेखक नंद बाबू का क्रांतिकारी दस्तावेज
  • मनोरंजन
  • राजनीति
  • राष्ट्रीय

नंद चतुर्वेदी रचना वली’ : कवि और लेखक नंद बाबू का क्रांतिकारी दस्तावेज

rashtratimesnewspaper April 9, 2025 1 min read
WhatsApp Image 2025-04-08 at 8.50.10 PM

“तुम भारत से अपरिचित नहीं हो, ह्वेनसांग
उसका आकाश अभी स्वच्छ और नीला है
लेकिन भविष्य की अनेक पीढ़ियों की शिराओं में
वह जो घृणा का रक्त बहेगा
उसका दायित्व कौन संभालेगा
दुख है , ह्वेनसांग जब बंदुके उठती हैँ
तो लोग बुद्ध को भूल जाते हैँ”

यह हैं प्रसिद्ध कवि नंद चतुर्वेदी। यह कविता उन्होंने भारत चीन युद्ध के समय लिखी थी। आज भी कोई स्थिति में परिवर्तन हुआ है, ऐसा नहीं लगता। यही कवि के दूरगामी सोच की छाप होती है । नंद चतुर्वेदी की कविताओं में वो गूंज सुनाई पड़ती है।
देश के प्रसिद्ध लेखक स्वर्गीय नंद चतुर्वेदी द्वारा लिखित चार खंडों में छपी ‘रचनावली’ मिली। अनुराग, नंद बाबू के पुत्र हैं। अनुराग का और मेरा साथ लगभग 37 साल से हैं। हम दोनों ही हिन्दी की मशहूर पत्रिका ‘रविवार’ में एक साथ काम करते थे। नंद बाबू से मैं केवल दो बार मिला, पहली बार उदयपुर जहाँ के वो रहने वाले थे, दूसरी बार दिल्ली। (वो किस्से फिर कभी) मैंने अनुराग से यही सुना था कि नंद बाबू एक शिक्षक और कवि हैं।
जब से ‘नंद चतुर्वेदी रचनावली’ मिली है, मुझे अहसास हुआ कि नंद बाबू बहुत ही संवेदनशील थे। समुद्र की गहराई लिए उनका चिंतन। ‘नंद चतुर्वेदी रचनावली’ चार खंडों में है। प्रत्येक खंड की अपनी विशेषता है। चारों को पढ़ने में समय लगेगा। लेकिन मैंने गंभीरता से चारों खंडों के कुछ पन्नों को खंगाला है ।
इस रचनावली का संपादन कथा आलोचना में घनघोर दिलचस्पी रखनेवाले पल्लव ने किया है। पल्लव पेशे से अध्यापक हैं और ‘बनास जन’ नाम से एक पत्रिका का सम्पादन-प्रकाशन भी करते हैं। पल्लव के संपादन का कसाव रचनावली में दिखायी पड़ता है। पल्लव को बधाई ।
नंद रचनावली का पहला खंड 567 पृष्ठ का है। एक कविता जो मुझे पसंद आई वो मैंने ऊपर उद्धृत की है। पहला खंड नंद बाबू की कविताओं को समर्पित है, जिसमे उनकी 548 कविताएं हैं। एक से बढ़कर एक । कविता की विवेचना करना कठिन काम है, इसलिए नहीं करूंगा। ये मेरा क्षेत्र भी नहीं है।

“यही प्रतिद्वंदीता है
विषाद के ढेर पर
खड़ा मुर्गा , एक खूबसूरत-सी
नरम-सी गर्दन उठा कर, जगाता है सबको
कोई उठता है या नहीं
कोई चलता भी है या नहीं
यह हिसाब नहीं करता।

वाह! क्या व्यंग है, पीड़ा है, यह पूरी कविता को पढ़ कर ही समझ आ सकता है
प्रथम खंड के आखिरी पन्ने पर एक कविता पर बरबस ध्यान जाता है ।

यह संसार अजब रे साधौ
‘संसद मैं जा कर जो सोता
जी हुजूर जो बोले तोता
उसकी जनम कुंडली पंडित
देख देख कर गदगद होता
पुण्यवान वह ही कहलाता
करता जो सौ सौ अपराधौ
यह संसार अजब रे साधौ”
नंद बाबू ने यह कविता कब लिखी होगी, नहीं मालूम। यह आप पर है सोचे, कही कुछ बदला क्या ?
दूसरा खंड नन्द चतुर्वेदी रचनावली का उनके काव्य आलोचना और निबंधों पर है या यूं कहें गध पर है । इस खंड में लगभग 70 के करीब रचनाएँ है. इसमें एक विषय है ‘कवि सम्मेलन और रूपांतर की नई दिशाएँ’ इसमें नंद बाबू लिखते हैं “कवियों से मेरी यही प्रार्थना है यदि वे औसत श्रोताओं के लिए नहीं लिखते तो एक व्यवधान एक रिक्तता आती रहेगी और उस रिक्तता में ये सब लोग घुस आएँगे जिन्हें हम नहीं आने देना चाहते”
नंद बाबू समाजवादी विचार धार से प्रभावित थे। इसी खंड में नन्द बाबू ने जन योद्धा डॉक्टर राम मनोहर लोहिया पर एक लेख लिखा है उसमें नंद बाबू लिखते हैं “राजनीति के फरेब और क्रूर सामंती आचरण को उद्घाटित करते हुए भी देश के सांस्कृतिक सरोकारों से जुड़े रहने की कोशिश लोहिया को एक लासानी राजनेता और बड़ा आदमी बनाती है” अगर लोहिया को आप जानना चाहते हैं तो यह लेख जरूर पढ़िए। इस खंड में एक दिलचस्प और अंतिम लेख है ‘शब्द संसार की यायावरी’ इस के आरंभ में ही नंद बाबू ने लिखा है “ हमारे समय की विलक्षणता यह है यह हम लिखते है और बार बार यह पूछते हैं कि लिखते क्यों हैं। यह है क्यों है, ऐसा पूछना ‘आत्म साक्षात्कार’ से कम नहीं होता। एक सवाल का सामना करना तलवार की धार पर चलना होता है।
नंद चतुर्वेदी रचनावली का चौथा खंड उनके द्वारा किये गए अनुवाद और साक्षात्कारों पर है। इस के आरंभ में ही संपादक पल्लव ने लिखा है “नन्द चतुर्वेदी प्रतिबद्ध कवि थे उनकी प्रतिबद्धता किसी दल या विचारधारा के साथ ना हो कर मनुष्य मुक्ति के लिए थी। मुक्ति के संघर्ष में जो राजनैतिक’ दल या विचार नन्द बाबू को उपयोगी लगते थे उनका साथ देने में वे झिझकते नहीं थे। अपने सुदीर्घ रचना जीवन में उन्होंने अनुवाद और संपादन के अनेक काम किए इन कार्यों का आश्रय भी उनके किसी आग्रह में देखा जाना चाहिए”।
जी फाइल्स का संपादक होने के नाते पिछले 18 वर्षों में मेरा वास्ता आईएएस,आईपीएस अफसरों द्वारा अंग्रेजी में लिखी किताबों से ही रहा, ज़्यादातर उन किताबों में आत्मकथाएँ होती थी या बहुत हुआ तो प्रशासनिक अन्तर्द्वन्दों का विश्लेषण। हिंदी की किताबों का मित्रों द्वारा ही पता चलती रहा कि कौन क्या लिख रहा है। अनुराग जी ही वॉट्सऐप ग्रुप पर कभी कभी हंस पत्रिका भेजते हैं। जिसका संपादन प्रसिद्ध लेखक और राजनीतिज्ञ स्वर्गीय दयानन्द सहाय के पुत्र संजय सहाय करते है।
किसी ग्रंथावली को क्यों पढ़ना चाहिए, ये एक सवाल है? लगभग 2000 पन्नों को पढ़ना अपने आप में एक श्रम साध्य कार्य है । इस तरह की ग्रंथावलियाँ इसलिए पढ़नी चाहिए कि लेखक आप को साहित्य इतिहास के उस काल खंड के अंतर्द्वंद में ले जाता है, जिस से वो स्वयं जूझ रहा होता है । नंद बाबू द्वारा राजस्थान के राजे रजवाड़ों में बटे प्रदेश में साहित्य इतिहास के सृजन का जो काम किया , वो वास्तव में ही बड़ा काम है।
नंद बाबू, अनुराग को पत्रों में किस नाम से संबोधित करते थे, उसके लिए आपको यह रचनावली खगालनी पड़ेगी । मैं यह रहस्य नहीं बताने वाला हूँ।
हिन्दी के प्रतिष्ठित प्रकाशक राजकमल ने बहुत सुन्दर तरीके से ग्रंथावली को छापा है। राजकमल प्रकाशन को बधाई। अनुराग चतुर्वेदी हालांकि नंद बाबू के पुत्र है, लेकिन पिछले पाँच वर्षों के अथक प्रयासों से यह ग्रंथावली प्रकाशित हुई है। मैने साहित्यकारों के बच्चों को पिता की लाइब्रेरी को कबाड़ी को बेचते देखा है । लेकिन अनुराग जी ने यह साहस का काम किया है । बरसों की इधर उधर बिखरी सामग्री को एकत्र करना। यह दिखाता है पुत्र का पिता के प्रति सम्मान और समर्पण। पिता की धरोहर को देश दुनिया के सामने ले जाना बड़े साहस का काम है। पल्लव ने उसी धर्य से संपादन भी किया है। अनुराग जी को बहुत बहुत बधाई। आपकी दिलचस्पी अगर इस ग्रंथावली को पढ़ने मैं है तो आप इसे amzon, इस लिंक को क्लिक कर के खरीद सकते हैं।
https://amzn.in/d/8mtC6mf
अंत में । ‘40 बरस के याराने की रस कथा’ में नन्द बाबू ने कवि प्रकाश का चित्रण किया है। यह तीसरे खंड में है, जो कि नंद बाबू के संस्मरण , डायरी , व्याख्यानों और पत्रों का संकलन है । प्रकाश एक शिक्षक कवि और राजनेता की तरह राजस्थान के राजनीति के शिखर पर थे ,लेकिन राजनीति में जैसा होता है हर व्यक्ति के भाग्य में विजय नहीं होती ऐसा ही प्रकाश बाबू के साथ भी हुआ। नंद बाबू और प्रकाश कवि का का यराना था और इस लेख के अंत में नन्द बाबू लिखते हैं प्रकाश को 60 बरस का होते देखने का ये सुख है की वह हमें वार्धक्य के थकान की नहीं तारुण्य की उस कविता की याद दिलाता है। जो उसने कभी लिखी थी।

चट्टान तोड़ कर रहां करें
यह वह लहराता पानी है
लड़ने का नाम जवानी रे
बढ़ने का नाम जवानी है।

‘नंद चतुर्वेदी रचना वली’ साहित्य इतिहास का एक क्रांतिकारी दस्तावेज
खंड 4, प्रकाशक राजकमल । मूल्य र 2500/- मात्र।

About Author

rashtratimesnewspaper

राष्ट्र टाइम्स हिंदी साप्ताहिक समाचारपत्र है, जो 1981 में शुरू किया गया था। यह समाचारपत्र भारत की राजधानी नई दिल्ली स्थित है और हर सप्ताह जारी किया जाता है। इस समाचारपत्र के उद्देश्य के रूप में देश और विदेश की ताजा घटनाओं की विस्तृत विवरण प्रदान करना और आधुनिक समाज में जागरूकता बढ़ाना शामिल है।

राष्ट्र टाइम्स को नई दिल्ली के प्रमुख समाचारपत्रों में से एक माना जाता है जिसका पैमाना देश और दुनिया भर में बड़े वर्गों तक होता है। इस समाचारपत्र का मुख्य आधार हिंदी भाषा है जिससे उन लोगों तक समाचार पहुंचता है जो अंग्रेजी नहीं जानते हैं।

इस समाचारपत्र में व्यापक क्षेत्रों पर विशेषज्ञता वाले न्यूज रिपोर्टरों और लेखकों की टीम है, जो उन विषयों पर विस्तृत रूप से विचार करते हैं जो उन्हें महत्वपूर्ण लगते हैं।

See author's posts

Continue Reading

Previous: वरिष्ठ पत्रकार अरशद फरीदी बने ऐतिहासिक हज़रत सलीम शेख चिश्ती दरगाह के सज्जादानशीन
Next: श्रीमती अमिता कन्ना और श्री देवी पाटक को उनकी असाधारण सेवा के लिए सम्मान

संबंधित कहानियां

Car Blast Reported Near Lal Quila Metro Station
1 min read
  • राजनीति
  • राष्ट्रीय

नई दिल्ली: लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास जोरदार धमाका, 8 की मौत, कई घायल

rashtratimesnewspaper November 11, 2025
advt
1 min read
  • राजनीति
  • राष्ट्रीय

राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर होगा विशेष समारोह का आयोजन

rashtratimesnewspaper November 10, 2025
WhatsApp Image 2025-11-02 at 22.43.54_f46fa807
1 min read
  • राजनीति
  • राष्ट्रीय

हिंदी भाषा के समर्पित साधक-साहित्य-संस्कृति के सच्चे सेवक, स्वर्गीय नारायण दत्त पालीवाल की 23वीं पुण्यतिथि पर ‘राष्ट्र टाइम्स’ परिवार भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित करता है।

rashtratimesnewspaper November 3, 2025

लेखक के बारे में

Vijay Shankar Chaturvedi

ट्रेंडिंग समाचार

नई दिल्ली: लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास जोरदार धमाका, 8 की मौत, कई घायल Car Blast Reported Near Lal Quila Metro Station 1

नई दिल्ली: लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास जोरदार धमाका, 8 की मौत, कई घायल

November 11, 2025
राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर होगा विशेष समारोह का आयोजन advt 2

राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर होगा विशेष समारोह का आयोजन

November 10, 2025
राष्ट्र टाइम्स, वर्षः 45, अंकः 45, नई दिल्ली, 09 से 15 नवम्बर 2025 logo 3

राष्ट्र टाइम्स, वर्षः 45, अंकः 45, नई दिल्ली, 09 से 15 नवम्बर 2025

November 8, 2025
हिंदी भाषा के समर्पित साधक-साहित्य-संस्कृति के सच्चे सेवक, स्वर्गीय नारायण दत्त पालीवाल की 23वीं पुण्यतिथि पर ‘राष्ट्र टाइम्स’ परिवार भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित करता है। WhatsApp Image 2025-11-02 at 22.43.54_f46fa807 4

हिंदी भाषा के समर्पित साधक-साहित्य-संस्कृति के सच्चे सेवक, स्वर्गीय नारायण दत्त पालीवाल की 23वीं पुण्यतिथि पर ‘राष्ट्र टाइम्स’ परिवार भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित करता है।

November 3, 2025
चित्रकला विभाग, राजस्थान विश्वविद्यालय की स्वर्ण जयंती वर्ष (2025) पर डॉ. ममता चतुर्वेदी का सम्मान — एक अविस्मरणीय क्षण WhatsApp Image 2025-11-02 at 14.16.32_7b085d05 5

चित्रकला विभाग, राजस्थान विश्वविद्यालय की स्वर्ण जयंती वर्ष (2025) पर डॉ. ममता चतुर्वेदी का सम्मान — एक अविस्मरणीय क्षण

November 3, 2025
  • Share on Facebook
  • Share on Twitter
  • Share on LinkedIn

हो सकता है आप चूक गए हों

Car Blast Reported Near Lal Quila Metro Station
  • राजनीति
  • राष्ट्रीय

नई दिल्ली: लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास जोरदार धमाका, 8 की मौत, कई घायल

rashtratimesnewspaper November 11, 2025
advt
1 min read
  • राजनीति
  • राष्ट्रीय

राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर होगा विशेष समारोह का आयोजन

rashtratimesnewspaper November 10, 2025
logo
  • E-Paper

राष्ट्र टाइम्स, वर्षः 45, अंकः 45, नई दिल्ली, 09 से 15 नवम्बर 2025

rashtratimesnewspaper November 8, 2025
WhatsApp Image 2025-11-02 at 22.43.54_f46fa807
1 min read
  • राजनीति
  • राष्ट्रीय

हिंदी भाषा के समर्पित साधक-साहित्य-संस्कृति के सच्चे सेवक, स्वर्गीय नारायण दत्त पालीवाल की 23वीं पुण्यतिथि पर ‘राष्ट्र टाइम्स’ परिवार भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित करता है।

rashtratimesnewspaper November 3, 2025

Meta

  • Log in
  • Entries feed
  • Comments feed
  • WordPress.org

नवीनतम

  • नई दिल्ली: लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास जोरदार धमाका, 8 की मौत, कई घायल
  • राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर होगा विशेष समारोह का आयोजन
  • राष्ट्र टाइम्स, वर्षः 45, अंकः 45, नई दिल्ली, 09 से 15 नवम्बर 2025
  • हिंदी भाषा के समर्पित साधक-साहित्य-संस्कृति के सच्चे सेवक, स्वर्गीय नारायण दत्त पालीवाल की 23वीं पुण्यतिथि पर ‘राष्ट्र टाइम्स’ परिवार भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित करता है।
  • चित्रकला विभाग, राजस्थान विश्वविद्यालय की स्वर्ण जयंती वर्ष (2025) पर डॉ. ममता चतुर्वेदी का सम्मान — एक अविस्मरणीय क्षण

श्रेणियाँ

  • E-Paper
  • Uncategorized
  • खेल
  • तकनीक
  • दुनिया
  • धार्मिक
  • बिज़नेस
  • मनोरंजन
  • राजनीति
  • राष्ट्रीय
  • स्वास्थ्य
कॉपीराइट © सर्वाधिकार सुरक्षित rashtratimes | MoreNews by AF themes.