
द्वारका, डीपीएस द्वारका के अभिभावकों ने अपने बच्चों के साथ हो रहे अमानवीय व्यवहार और मानसिक उत्पीड़न के विरोध में स्कूल के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। अभिभावकों का आरोप है कि स्कूल प्रबंधन बच्चों को लाइब्रेरी में बंद कर रहा है। इस संबंध में जिलाधिकारी (डीएम) द्वारा की गई जांच में 14 बच्चों ने अपने लिखित और वीडियो रिकॉर्डेड बयान दिए।

जिन छात्रों के माता-पिता स्कूल की मनमानी फीस भरने को मजबूर हैं, उनके बच्चों ने भी एकसुर में लगातार बच्चों को लाइब्रेरी में बंद किए जाने की पुष्टि की। यह स्पष्ट है कि भय के माहौल में बच्चों को प्रताड़ित किया जा रहा है।
आप पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने भी डीपीएस के मुद्दे को उठाते हुए सत्तापक्ष को कटघरे में खड़ा किया। वहीं भाजपा के शिक्षा मंत्री ने बचाव में वर्षों से लंबित डीपीएस के अभिभावकों की शिकायतों की फाइलें उठाकर प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिखाई और केवल डीएम जांच का हवाला दिया, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
हाई-लेवल जांच के बाद भी बच्चों की कैद जारी
जांच के बावजूद लगभग 20 बच्चों को दोबारा लाइब्रेरी में बंद किया गया। इससे साफ है कि प्रशासनिक कार्रवाई का कोई असर स्कूल प्रबंधन पर नहीं पड़ा।

राजनीति नहीं, बच्चों को चाहिए न्याय
एक अभिभावक ने कहा, “हमने अपनी बेटी के साथ टीवी पर मंत्री महोदय की प्रेस कॉन्फ्रेंस देखी, लेकिन हमारी बच्ची का सीधा सवाल था— क्या बीजेपी सरकार भी पिछली सरकार की तरह स्कूलों से साठगांठ तो नहीं करेगी?” डीएम की रिपोर्ट में बच्चों द्वारा दिए गए बयानों के बावजूद कोई आपराधिक कार्रवाई न होना चिंता का विषय है।
माता-पिता का दर्द छलका
एक अन्य अभिभावक मीडिया से बात करते हुए रो पड़ीं। उन्होंने कहा, “हम हर महीने समय से फीस भरते हैं, लेकिन अगर कोई न भी भर पाए तो क्या बच्चों के साथ ऐसा अमानवीय व्यवहार और उनका मानसिक उत्पीड़न सही है?”
एक अन्य अभिभावक ने तीखा आरोप लगाते हुए कहा, “डीपीएस सोसायटी ने प्रशासन और सरकार को खरीद लिया है, सब इनके आगे बौने हैं।”
सवाल वही—सरकार अब तक चुप क्यों?
जब यह मामला लगातार नैशनल और इंटरनेशन मीडिया में आ रहा है, चर्चा हो रही है, तो अब तक कोई समाधान क्यों नहीं? क्या बच्चों की पीड़ा सिर्फ एक राजनीतिक मुद्दा बन कर रह जाएगी?
संकल्प— जब तक समाधान नहीं, तब तक प्रदर्शन जारी
सभी अभिभावकों ने एकमत से कहा कि जब तक उचित समाधान नहीं मिलता, प्रदर्शन जारी रहेगा। यदि यही स्थिति बनी रही, तो यह आंदोलन दिल्ली से निकलकर पूरे देश में फैल सकता है।
आगामी कदम: डीपीएस द्वारका पर सभी अभिभावक एकत्रित होंगे और समाधान न होने पर जल्द ही दिल्ली के सभी अभिभावक आन्दोलन करेंगे