
मनोज शर्मा
देशभर में फैले एक बड़े फ्रेंचाइज़ी घोटाले का पर्दाफाश हुआ है, जिसमें भारत के विभिन्न हिस्सों से आए पीड़ितों ने मुंबई और दिल्ली स्थित Dallas Ecom Infotech Pvt. Ltd. पर फर्जी फ्रेंचाइज़ी मॉडल के जरिए ₹3,000 करोड़ से अधिक की धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया है। कंपनी ने Ecom Delivery नाम से यह घोटाला अंजाम दिया। प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पीड़ितों ने तुरंत CBI और ED जांच की मांग की, और कहा कि यह “दोहराए जाने वाला घोटाले का मॉडल” है।
कंपनी द्वारा कथित तौर पर 950 से अधिक फर्जी फ्रेंचाइज़ी बेची गईं, जिनमें राज्य, ज़ोनल, ज़िला और पिन-कोड स्तर के फ्रेंचाइज़ी मॉडल शामिल थे। निवेश की राशि ₹1.5 लाख से लेकर ₹32.5 लाख तक रखी गई थी। पीड़ितों का कहना है कि उन्हें भारी मुनाफे और व्यवसायिक सहायता का झांसा दिया गया, लेकिन भुगतान प्राप्त करने के बाद कंपनी के दिल्ली और मुंबई स्थित सभी ऑफिस अचानक बंद कर दिए गए। सभी फोन नंबर बंद हो गए और संपर्क पूरी तरह से समाप्त हो गया।
पीड़ितों ने यह भी आरोप लगाया कि यह पहली बार नहीं है। इसी कोर टीम से जुड़े लोग पहले भी RoadEx, Just Delivery और अन्य फर्जी कंपनियों के जरिए ऐसे ही घोटाले कर चुके हैं। हर बार नए नाम और डमी डायरेक्टरों के ज़रिए कंपनी बनाई जाती है, जो 9 से 10 महीने चलती है और फिर गायब हो जाती है। एक कर्मचारी, जो पहले RoadEx में Aman Gupta नाम से काम कर रहा था, अब Ecom Delivery में Adarsh Mishra नाम से सक्रिय है।
पीड़ितों ने साझा किया कि उन्होंने कंपनी से जुड़े लोगों की फर्जी डिजिटल पहचान, बदले हुए LinkedIn प्रोफाइल और संबंधित दस्तावेज़ इकट्ठा किए हैं, जो इसे संगठित आर्थिक अपराध का स्पष्ट मामला बनाते हैं। उन्होंने एक पेन ड्राइव में वित्तीय रिकॉर्ड, संवाद और अनुबंधों की कॉपी संबंधित अधिकारियों को सौंपी है, और कहा कि यह मामला मनी लॉन्ड्रिंग तक जुड़ा हो सकता है। पहले ही शिकायतें आर्थिक अपराध शाखा (EOW), गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (SFIO) और सरिता विहार-जसोल दिल्ली के थानों में दी जा चुकी हैं।
पीड़ितों का एक समूह दिल्ली के मुख्यमंत्री से मिला, जिन्होंने मामले की गंभीरता को स्वीकार किया और उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया। हालांकि, पीड़ितों ने चेतावनी दी कि अगर जल्द ही ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो देशव्यापी विरोध-प्रदर्शन किया जाएगा।
प्रेस कॉन्फ्रेंस को विशाल स्वैन, विनोद राठौर, अभिषेक धुर्वे, मोनिका चौधरी, और गुरविंदर सिंह ने संबोधित किया, जो इस घोटाले को उजागर करने और न्याय की मांग में सक्रिय रूप से लगे हुए हैं।
विशाल स्वैन ने कहा,
“हम केवल पीड़ित नहीं हैं—हम एक राष्ट्रीय घोटाले के व्हिसल-ब्लोअर हैं जो लोगों की ज़िंदगियाँ तबाह कर रहा है। सरकार को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए, इससे पहले कि और परिवार शिकार बनें।”
मोनिका चौधरी ने कहा,
“हमने अपनी मेहनत की कमाई इस कंपनी पर विश्वास करके लगाई थी। अब हम केवल अपने पैसे के लिए नहीं, बल्कि एक फर्जी बिज़नेस मॉडल को उजागर करने के लिए लड़ रहे हैं, जो पूरे देश में लोगों का शोषण कर रहा है।”
पीड़ितों की मांगें:
• कंपनी और उसकी वित्तीय नेटवर्क की CBI और ED द्वारा पूर्ण जांच
• सभी आरोपियों की गिरफ्तारी और बैंक खातों की फोरेंसिक ऑडिट
• घोटाले की राशि से खरीदी गई संपत्तियों की जब्ती
• पीड़ित निवेशकों के लिए मुआवज़े की संरचित व्यवस्था
• प्राइवेट फ्रेंचाइज़ी सेक्टर पर कड़ा नियामक नियंत्रण
Ecom Delivery, RoadEx, और Just Delivery जैसी कंपनियों में 2,000 से अधिक परिवारों के साथ कुल ₹3,000 करोड़ की धोखाधड़ी हो चुकी है। पीड़ितों का कहना है कि यह Hi मामला सिर्फ रिकवरी का नहीं, बल्कि जनता के भरोसे की रक्षा का है। इस घोटाले को रोकना ज़रूरी है ताकि भविष्य में और लोग शिकार न बनें।