
सुनीता लाम्बा एक प्रसिद्ध चित्रकार और मूर्तिकार हैं जो अपने अनोखे और भावपूर्ण कार्यों के लिए जानी जाती हैं। वह विभिन्न माध्यमों जैसे स्टील, पत्थर, कांस्य, फाइबरग्लास आदि के साथ प्रयोग करती हैं और उनकी कृतियों में एक जादुई स्पर्श पाया जाता है।


सफलताएं और प्रदर्शनियां
- सुनीता लाम्बा का काम 2008 में बीजिंग ओलंपिक फाइन आर्ट शो में प्रदर्शित किया गया था, जहां उन्हें स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया था।
- उनकी पहली प्रदर्शनी 1991 में आयोजित की गई थी, और तब से उन्होंने भारत और विदेशों में कई प्रमुख प्रदर्शनियों में भाग लिया है।
- सुनीता ऑल इंडिया फाइन आर्ट्स एंड क्राफ्ट सोसाइटी, दिल्ली की सदस्य हैं और उनकी कृतियों को मानवतावादी गुणवत्ता और संवेदनशील गर्मजोशी के लिए सराहा गया है।


प्रेरणा और रचनात्मकता
- सुनीता लाम्बा की प्रेरणा मानव संबंधों और प्रकृति के साथ जुड़ाव से मिलती है।
- उनकी मूर्तियों में अक्सर दो या तीन मानव आकृतियों को एक दूसरे का समर्थन करते हुए दिखाया जाता है, जो मानव संबंधों के महत्व को दर्शाता है।
पुरस्कार और मान्यता
- सुनीता लाम्बा ने 2008 में बीजिंग ओलंपिक फाइन आर्ट्स में स्वर्ण पदक और ओलंपिक मशाल जीती।
- उन्हें 11वें एशिया लिटरेचर फेस्टिवल में मूर्तिकला पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
- सुनीता लाम्बा को ऑल इंडिया एक्जीबिशन ऑफ आर्ट 2018 में मूर्तिकला पुरस्कार मिला था ¹ ².