
गुरु काशी विश्वविद्यालय (जीकेयू) के फैकल्टी ऑफ कंप्यूटिंग द्वारा “इननोवेशन एंड एप्लिकेशन ऑफ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस” विषय पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का सफल आयोजन किया गया। सम्मेलन में अमेरिका की फ्रेंड्स यूनिवर्सिटी, बांग्लादेश की ढाका इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी, नेपाल की काठमांडू यूनिवर्सिटी और इथियोपिया की गम्बेला यूनिवर्सिटी सहित 23 देशों और भारत के 11 राज्यों से कुल 505 शोधकर्ताओं और विद्यार्थियों ने भाग लिया।
सम्मेलन का उद्घाटन मुख्य अतिथि प्रो. (डा.) मदन मोहन गोयल (पूर्व कुलपति, जगन्नाथ यूनिवर्सिटी, जयपुर) ने किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा, “आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को ‘नीडनामिक्स’ से जोड़कर मानवता की भलाई के लिए इस्तेमाल करना समय की मांग है। एआई का विवेकपूर्ण और सकारात्मक उपयोग समाज के हर वर्ग को लाभ पहुंचा सकता है।”
इस अवसर पर जीकेयू और अमेरिका की फ्रेंड्स यूनिवर्सिटी के बीच अकादमिक और अनुसंधान सहयोग के लिए एक द्विपक्षीय समझौता (एमओयू) भी साइन किया गया। इस एमओयू के तहत संयुक्त शोध, अकादमिक आदान-प्रदान और नवाचार को बढ़ावा मिलेगा।
चांसलर गुरलाभ सिंह सिद्धू ने कहा, “गुरु काशी यूनिवर्सिटी एआई और मशीन वरिष्ठ पत्रकार राकेश कुमार सिंह ने तेलुगू सुपरस्टार नंदामुरी बालकृष्ण को पद्मभूषण मिलने पर दी बधाई
वरिष्ठ पत्रकार राकेश कुमार सिंह, जो भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (ICCR) और केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) के पूर्व सदस्य रहे हैं, ने अपने करीबी दोस्त और तेलुगू सिनेमा के बड़े नाम, नंदामुरी बालकृष्ण को पद्मभूषण मिलने पर बधाई दी है। यह सम्मान उन्हें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा उनके कला क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान के लिए दिया गया है।
बालकृष्ण, जो तेलुगू फिल्म इंडस्ट्री के जाने-माने अभिनेता हैं, अपनी अद्भुत अभिनय शैली और फिल्मों के प्रति अपनी निष्ठा के लिए जाने जाते हैं। उनका काम न केवल तेलुगू सिनेमा को पहचान दिलाई है, बल्कि भारतीय सिनेमा पर भी गहरा प्रभाव डाला है। वे तीन बार के आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री स्व. एन. टी. रामाराव के बेटे और वर्तमान मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के बहनोई हैं।
राकेश कुमार सिंह, जो कई वर्षों से बालकृष्ण के अच्छे मित्र रहे हैं, ने इस मौके पर अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा, “यह सिर्फ बालकृष्ण के लिए ही नहीं, बल्कि हम सभी के लिए गर्व का पल है, जिन्होंने उनकी शानदार यात्रा को देखा है। उनके योगदान ने न केवल सिनेमा की दुनिया को बल्कि हमारी संस्कृति को भी समृद्ध किया है।”
पद्मभूषण, भारत का तीसरा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान, बालकृष्ण को उनके सिनेमा में अद्वितीय योगदान और समाज में उनके सकारात्मक प्रभाव के लिए दिया गया है। उनका काम आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा है।