
नशा मुक्त भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, एनआईआईएमएस मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के सामुदायिक चिकित्सा विभाग ने “नशा मुक्त भारत अभियान” के तहत एक जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में 300 से ज्यादा छात्रों ने भाग लिया और नशे से दूर रहने तथा दूसरों को भी नशा छोड़ने में मदद करने का संकल्प लिया।
कार्यक्रम का नेतृत्व डॉ. रंजना सिंह, प्रमुख, सामुदायिक चिकित्सा विभाग ने किया। उन्होंने कहा, “अगर नशा करना है तो आत्मविश्वास, करियर, शिक्षा और विकास का करो। अपने भविष्य को उज्ज्वल बनाने के लिए अच्छे कामों के लिए नशेड़ी बनो। जेल की हथकड़ी से बचने के लिए नशे से बचो।”

कार्यक्रम के दौरान छात्रों ने कैंपस में वाकाथॉन निकाला और एमबीबीएस बैच 2022 के छात्रों ने नशे की बुरी आदतों और उसके परिणामों को दर्शाते हुए एक नाट्य प्रस्तुति भी दी। अंत में सभी छात्रों ने एक साथ नशा मुक्त भारत के निर्माण का संकल्प लिया।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारत में लगभग 2.8% आबादी (करीब 3 करोड़ लोग) नशे की समस्या से ग्रसित है। लगभग 5.7 करोड़ लोग शराब पर निर्भर हैं और 2.6 करोड़ लोग हेरोइन, अफीम और अन्य नशीली दवाओं का सेवन करते हैं। नशा न केवल शारीरिक बीमारियाँ जैसे हृदय रोग, लीवर खराब होना और मानसिक बीमारियाँ लाता है, बल्कि डिप्रेशन, चिंता, मनोविकृति और आत्महत्या जैसी मानसिक समस्याएँ भी बढ़ाता है।
कार्यक्रम की नोडल अधिकारी डॉ. संगीता दीवान ने कहा कि इस कार्यशाला ने नशे की बढ़ती समस्या से लड़ने, प्रभावित लोगों के पुनर्वास और एक स्वस्थ भारत बनाने के लिए मिलकर काम करने की आवश्यकता पर जोर दिया। इस अवसर पर डीन डॉ. अशुतोष निरंजन और एसोसिएट डीन डॉ. अरुण चौधरी भी उपस्थित रहे। उन्होंने छात्रों को समाज में बदलाव लाने वाला बनने के लिए प्रेरित किया।
एनआईआईएमएस मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल इस तरह के प्रयासों के जरिए नशा मुक्त भारत के सपने को साकार करने की दिशा में अपना योगदान लगातार दे रहा है — जहाँ युवा अपनी ऊर्जा शिक्षा, विकास और राष्ट्र निर्माण में लगाएँ।