
डॉ. गोपाल चतुर्वेदी
वृन्दावन।वाराहघाट/परिक्रमा मार्ग स्थित श्रीब्रजधाम आश्रम में मानव सेवा ट्रस्ट (रजि.) मुंबई के द्वारा श्रीब्रज धाम आश्रम का 13 वां त्रिदिवसीय वार्षिकोत्सव आश्रम के संस्थापक अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी अनंतानन्द महाराज के पावन सानिध्य में संपन्न हुआ।
इस अवसर पर आयोजित संत-विद्वत सम्मेलन में अपने विचार व्यक्त करते हुए श्रीब्रजधाम आश्रम के संस्थापक अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी अनंतानन्द महाराज ने कहा कि श्रीधाम वृन्दावन परब्रह्म परमेश्वर भगवान श्रीकृष्ण और उनकी आल्हादिनी शक्ति स्वरूपा श्रीराधा की पावन लीला भूमि है।यहां निवास पाने के लिए देवतागण भी लालायित रहते हैं।यहां केवल वही लोग आ पाते हैं, जो कि श्रीराधा रानी के परम् कृपापात्र होते हैं।
अखंड दया धाम के संस्थापक महामंडलेश्वर स्वामी भास्करानंद महाराज एवं चिंतामणि कुंज के अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी आदित्यानंद गिरि महाराज ने कहा कि संत, वृक्ष, नदी, गिरि एवं धरणी ये अपनी लिए नही जीते हैं।इनका निर्माण केवल और केवल परहित और कल्याण के लिए हुआ है।महामंडलेश्वर स्वामी अनन्तानंद महाराज ऐसे ही भगवदनिष्ठ संत हैं,जिन्होंने अपना समूचा जीवन प्रभु भक्ति, धर्म प्रचार एवं समाजसेवा के लिए पूर्णतः समर्पित किया हुआ है।

प्रख्यात साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी एवं ब्रज भूमि कल्याण परिषद् के राष्ट्रीय अध्यक्ष पण्डित बिहारीलाल वशिष्ठ ने कहा कि मानव सेवा ट्रस्ट के संस्थापक अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी अनंतानन्द महाराज धर्म व अध्यात्म जगत के जाज्वल्यमान नक्षत्र हैं।उनके द्वारा समूचे विश्व में प्राचीन भारतीय वैदिक सनातन संस्कृति का जो प्रचार-प्रसार किया जा रहा है,वो अति प्रशंसनीय है।
संत-विद्वत सम्मेलन में महामंडलेश्वर स्वामी कृष्णानंद गिरि महाराज (कनखल, हरिद्वार), महामंडलेश्वर स्वामी योगेंद्रानंद महाराज (हरिद्वार), भागवत प्रवक्ता आचार्य रामविलास चतुर्वेदी, महामंडलेश्वर स्वामी नवल गिरि महाराज, स्वामी सत्यानंद महाराज, आचार्य बद्रीश महाराज, सौरभ गौड़, महामंडलेश्वर स्वामी कृष्णानंद महाराज, आचार्य पीठाधीश्वर स्वामी यदुनंदनाचार्य महाराज, एडवोकेट कुंवर महेंद्र प्रताप सिंह, भागवताचार्य श्रीराम मुद्गल, युवा साहित्यकार डॉ. राधाकांत शर्मा, दिनेश दास शास्त्री, स्वामी वेदानंद गिरि महाराज, महंत रामदेव चतुर्वेदी, युवराज वेदान्त आचार्य, ध्रुव शर्मा, स्वामी दीप्तानंद महाराज, आश्रम के प्रबन्धक निरंजन, स्वामी धर्मनंदन महाराज आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।संचालन स्वामी प्रेमानंद महाराज ने किया।
महोत्सव के अंतर्गत महामंडलेश्वर स्वामी अनंतानन्द महाराज ने सभी संतों, विद्वानों एवं अतिथियों का शॉल ओढ़ाकर और स्मृति चिन्ह भेंट कर अभिनंदन किया।