Skip to content
December 28, 2025
  • Facebook
  • Youtube
  • X (Twitter)
  • Instagram

Rashtra Times

Largest Hindi Weekly newspaper of india

Primary Menu
  • Home
  • राजनीति
  • E-Paper
  • दुनिया
  • धार्मिक
  • तकनीक
  • Astrology
  • मनोरंजन
  • Astrology
  • बिज़नेस
  • Polls
  • स्वास्थ्य
  • खेल
वीडियो समाचार
  • Home
  • 2025
  • June
  • 22
  • राजनीति
  • पहलगाम पुलवामा बिना पैसे और आतंकवादियों के समर्थकों के बीच फंडों के बगैर नहीं हो सकते-FATF
  • राजनीति
  • राष्ट्रीय

पहलगाम पुलवामा बिना पैसे और आतंकवादियों के समर्थकों के बीच फंडों के बगैर नहीं हो सकते-FATF

rashtratimesnewspaper June 22, 2025 1 min read
Untitled design - 1

प्रदीप शर्मा

आखिरकार भारत की चिर-प्रतीक्षित मांग कि पाकिस्तान को आतंकवाद के पोषण के लिये कटघरे में खड़ा किया जाए, हकीकत बनती नजर आ रही है। भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद विश्व जनमत को पाकिस्तान की हकीकत बताने के जो सार्थक प्रयास किए थे, वे फलीभूत होते नजर आ रहे हैं। अब वैश्विक वित्तीय कार्रवाई कार्य बल यानी एफएटीएफ, जो मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद के वित्तपोषण गतिविधियों के लिए वैश्विक निगरानी संस्था है, ने अंततः 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकवादी हमले की निंदा की है। एफएटीएफ ने भारत की तार्किक दलील पर ही मोहर लगायी है। एफएटीएफ ने दो टूक शब्दों में कह दिया है कि ‘ऐसे घटनाक्रम बिना पैसे और आतंकवादियों के समर्थकों के बीच फंडों के स्थानांतरित करने के बगैर नहीं हो सकते।’ आतंकवाद के लिए फंडिग के रिकॉर्ड की निगरानी करने वाली इस संस्था ने फरवरी 2019 में पुलवामा आत्मघाती हमले की भी निंदा करते हुए ऐसे ही शब्दों का उपयोग किया था।


लेकिन इस बार का अंतर यह है कि एफएटीएफ ने घोषणा की है कि ‘राज्य प्रायोजित आतंकवाद’ इसकी आगामी रिपोर्ट में आतंकवाद के वित्तपोषण मामलों की जांच का हिस्सा होगा। दरअसल, पहलगाम नरसंहार के बाद भारत लगातार पाकिस्तान को फिर से एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में डालने की मांग करता रहा है। जो पाकिस्तान की अंतर्राष्ट्रीय ऋणों तक पहुंच को गंभीर रूप से सीमित कर देगा। उल्लेखनीय है कि पाक को वर्ष 2022 में इस सूची से हटा दिया गया था। दरअसल, पाकिस्तान गढ़े हुए तर्कों के आधार पर इस निगरानी संगठन को मनाने में सफल रहा था कि वह धन शोधन और आतंकवाद वित्तपोषण से निपटने के लिये अपने सिस्टम में सुधार कर रहा है। उल्लेखनीय है कि भारत के प्रबल विरोध के बावजूद इस्लामाबाद ने अंतर्राष्ट्रीय मद्रा कोष यानी आईएमएफ से एक अरब डॉलर का बेलआउट पैकेज हासिल करने में कामयाबी हासिल कर ली थी। हालांकि, इस बेलआउट पैकेज के साथ कई कड़ी शर्तों का सामना भी पाकिस्तान को करना पड़ेगा।
यह विडंबना ही कि पश्चिमी देश अपने स्वार्थों के लिये आतंकवाद पोषण की परिभाषा ही बदल देते हैं। उन्हें मानवता के प्रति अपराध करने वाले देश अपने निहित स्वार्थों के चलते पाक-साफ नजर आने लगते हैं। भारत समेत अंतर्राष्ट्रीय बिरादरी तब हैरान हुई जब आईएमएफ ने दावा किया कि पाकिस्तान ने अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिये संतोषजनक प्रगति की है। लेकिन ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान को अंतर्राष्ट्रीय बिरादरी के सामने बेनकाब किया। भारत ने दुनिया को बताया कि कैसे पाकिस्तान आतंकवाद की पाठशालाओं को स्वास्थ्य केंद्रों या स्कूलों के रूप में छिपा रहा था। पाकिस्तान का मकसद था कि इससे दुनिया को आतंकवाद के प्रशिक्षण केंद्रों का पता नहीं चलेगा और वह वैश्विक संगठनों की सजा से बच जाएगा। दरअसल, पाकिस्तानी हुकमरान हमेशा से खुद को आतंकवाद से पीड़ित बताकर अंतर्राष्ट्रीय बिरादरी से मदद हासिल करने की फिराक में रहते हैं।
भारत ने इस खतरे का हवाला देते हुए विश्व जनमत को हकीकत से अवगत कराने का प्रयास किया है। अब यह एफएटीएफ के कर्ता-धर्ताओं के विवेक पर निर्भर करता है कि वे पाक के खतरनाक मंसूबों को कितनी जल्दी भांपने में कामयाब हो सकते हैं। एक ओर पाकिस्तान आर्थिक बदहाली का हवाला देकर अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं से मदद की गुहार लगा रहा है, तो दूसरी ओर उसने अपनी रक्षा मद पर बीस प्रतिशत व्यय बढ़ा दिया है। यह तथ्य किसी से छिपा नहीं है कि पाकिस्तान इस रक्षा बजट वृद्धि का सारा पैसा राष्ट्रीय सुरक्षा पर खर्च नहीं करेगा। धन के किसी भी दुरुपयोग का पता लगाने के लिये उसके नियमित खर्च की निगरानी अंतर्राष्ट्रीय बिरादरी को करनी चाहिए। भारत को निगरानी करने वाली वैश्विक संस्था को प्रोत्साहित करना चाहिए कि वह आतंकवादी हमलों को बढ़ावा देने वाले नेटवर्क को खत्म करने के पाकिस्तान के दावे की हकीकत पता लगाए। अब वित्तीय कार्रवाई कार्य बल यानी एफएटीएफ को इस बात पर जोर देना चाहिए कि पाकिस्तान की कार्रवाई में पारदर्शिता सुनिश्चित हो ताकि पाकिस्तान एक बार फिर से अपने खतरनाक मंसूबों को अंजाम न दे सके।

About Author

rashtratimesnewspaper

राष्ट्र टाइम्स हिंदी साप्ताहिक समाचारपत्र है, जो 1981 में शुरू किया गया था। यह समाचारपत्र भारत की राजधानी नई दिल्ली स्थित है और हर सप्ताह जारी किया जाता है। इस समाचारपत्र के उद्देश्य के रूप में देश और विदेश की ताजा घटनाओं की विस्तृत विवरण प्रदान करना और आधुनिक समाज में जागरूकता बढ़ाना शामिल है।

राष्ट्र टाइम्स को नई दिल्ली के प्रमुख समाचारपत्रों में से एक माना जाता है जिसका पैमाना देश और दुनिया भर में बड़े वर्गों तक होता है। इस समाचारपत्र का मुख्य आधार हिंदी भाषा है जिससे उन लोगों तक समाचार पहुंचता है जो अंग्रेजी नहीं जानते हैं।

इस समाचारपत्र में व्यापक क्षेत्रों पर विशेषज्ञता वाले न्यूज रिपोर्टरों और लेखकों की टीम है, जो उन विषयों पर विस्तृत रूप से विचार करते हैं जो उन्हें महत्वपूर्ण लगते हैं।

See author's posts

Post navigation

Previous: 183 करोड़ के फर्जी बैंक गारंटी घोटाले में पीएनबी का सीनियर मैनेजर गिरफ्तार
Next: राष्ट्र टाइम्स ने मनाया पत्रकारिता के 45 गौरवशाली वर्षों का उत्सव, प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में हुआ भव्य आयोजन

संबंधित कहानियां

WhatsApp Image 2025-12-26 at 2.35.25 PM
1 min read
  • राजनीति
  • राष्ट्रीय

24 साल से वेतन-पेंशन नहीं, 96 पूर्व सैनिकों ने दिल्ली में फूंका आंदोलन का बिगुल

rashtratimesnewspaper December 26, 2025 0
WhatsApp Image 2025-12-24 at 12.20.55 AM
1 min read
  • राजनीति
  • राष्ट्रीय

चौधरी चरण सिंह हर क्षण किसानों के लिए जीते थे

rashtratimesnewspaper December 26, 2025 0
WhatsApp Image 2025-12-23 at 11.54.18 PM
1 min read
  • राजनीति
  • राष्ट्रीय

‘करुणा एवं अन्य कहानियां’ और ‘शांति का अशांत मन’ पर हुई सारगर्भित साहित्यिक चर्चा

rashtratimesnewspaper December 26, 2025 0

लेखक के बारे में

Vijay Shankar Chaturvedi

ट्रेंडिंग समाचार

राष्ट्र टाइम्स, वर्षः 45, अंकः 52, नई दिल्ली, 28 दिसम्बर 25 से 03 जनवरी 2026 logo 1
  • E-Paper

राष्ट्र टाइम्स, वर्षः 45, अंकः 52, नई दिल्ली, 28 दिसम्बर 25 से 03 जनवरी 2026

December 27, 2025 0
24 साल से वेतन-पेंशन नहीं, 96 पूर्व सैनिकों ने दिल्ली में फूंका आंदोलन का बिगुल WhatsApp Image 2025-12-26 at 2.35.25 PM 2
  • राजनीति
  • राष्ट्रीय

24 साल से वेतन-पेंशन नहीं, 96 पूर्व सैनिकों ने दिल्ली में फूंका आंदोलन का बिगुल

December 26, 2025 0
चौधरी चरण सिंह हर क्षण किसानों के लिए जीते थे WhatsApp Image 2025-12-24 at 12.20.55 AM 3
  • राजनीति
  • राष्ट्रीय

चौधरी चरण सिंह हर क्षण किसानों के लिए जीते थे

December 26, 2025 0
‘करुणा एवं अन्य कहानियां’ और ‘शांति का अशांत मन’ पर हुई सारगर्भित साहित्यिक चर्चा WhatsApp Image 2025-12-23 at 11.54.18 PM 4
  • राजनीति
  • राष्ट्रीय

‘करुणा एवं अन्य कहानियां’ और ‘शांति का अशांत मन’ पर हुई सारगर्भित साहित्यिक चर्चा

December 26, 2025 0
30वां ‘उद्भव’ सांस्कृतिक सम्मान समारोह एवं पुस्तक लोकार्पण udbhav 5
  • राजनीति
  • राष्ट्रीय

30वां ‘उद्भव’ सांस्कृतिक सम्मान समारोह एवं पुस्तक लोकार्पण

December 26, 2025 0
  • Share on Facebook
  • Share on Twitter
  • Share on LinkedIn

हो सकता है आप चूक गए हों

logo
  • E-Paper

राष्ट्र टाइम्स, वर्षः 45, अंकः 52, नई दिल्ली, 28 दिसम्बर 25 से 03 जनवरी 2026

rashtratimesnewspaper December 27, 2025 0
WhatsApp Image 2025-12-26 at 2.35.25 PM
1 min read
  • राजनीति
  • राष्ट्रीय

24 साल से वेतन-पेंशन नहीं, 96 पूर्व सैनिकों ने दिल्ली में फूंका आंदोलन का बिगुल

rashtratimesnewspaper December 26, 2025 0
WhatsApp Image 2025-12-24 at 12.20.55 AM
1 min read
  • राजनीति
  • राष्ट्रीय

चौधरी चरण सिंह हर क्षण किसानों के लिए जीते थे

rashtratimesnewspaper December 26, 2025 0
WhatsApp Image 2025-12-23 at 11.54.18 PM
1 min read
  • राजनीति
  • राष्ट्रीय

‘करुणा एवं अन्य कहानियां’ और ‘शांति का अशांत मन’ पर हुई सारगर्भित साहित्यिक चर्चा

rashtratimesnewspaper December 26, 2025 0

Meta

  • Log in
  • Entries feed
  • Comments feed
  • WordPress.org

नवीनतम

  • राष्ट्र टाइम्स, वर्षः 45, अंकः 52, नई दिल्ली, 28 दिसम्बर 25 से 03 जनवरी 2026
  • 24 साल से वेतन-पेंशन नहीं, 96 पूर्व सैनिकों ने दिल्ली में फूंका आंदोलन का बिगुल
  • चौधरी चरण सिंह हर क्षण किसानों के लिए जीते थे
  • ‘करुणा एवं अन्य कहानियां’ और ‘शांति का अशांत मन’ पर हुई सारगर्भित साहित्यिक चर्चा
  • 30वां ‘उद्भव’ सांस्कृतिक सम्मान समारोह एवं पुस्तक लोकार्पण

श्रेणियाँ

  • E-Paper
  • Uncategorized
  • खेल
  • तकनीक
  • दुनिया
  • धार्मिक
  • बिज़नेस
  • मनोरंजन
  • राजनीति
  • राष्ट्रीय
  • स्वास्थ्य
कॉपीराइट © सर्वाधिकार सुरक्षित rashtratimes | MoreNews by AF themes.