
सेवा, करुणा और मानवीय उत्तरदायित्व की प्रेरणा से संचालित ‘बृज की रसोई’ के अंतर्गत रविवार को लखनऊ के आशियाना क्षेत्र में जरूरतमंदों को निःशुल्क ताजे व पौष्टिक भोजन का वितरण किया गया।
इण्डियन हेल्पलाइन सोसाइटी (पंजीकृत) द्वारा आयोजित इस सेवा अभियान का नेतृत्व संस्था के संस्थापक विपिन शर्मा ने किया। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम का उद्देश्य झुग्गी-झोपड़ियों, मलिन बस्तियों और श्रमिक क्षेत्रों में निवास करने वाले असहाय, वृद्ध और बच्चों तक सम्मानपूर्वक भोजन पहुंचाना था।


सेवा यात्रा की शुरुआत आशियाना स्थित साईं मंदिर, सेक्टर-जे से हुई और क्रमशः सेक्टर-एम रिक्शा कॉलोनी, रतन खंड, डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के समीप की झुग्गियाँ, निर्माणाधीन संस्थानों में कार्यरत श्रमिकों के अस्थायी निवास, नगर निगम जोन-8 की मलिन बस्तियाँ और पानी टंकी क्षेत्र तक चली।
राष्ट्रीय महिलाध्यक्ष रजनी शुक्ला ने बताया कि अभियान के दौरान सैकड़ों जरूरतमंदों को छोला-चावल जैसे पौष्टिक और स्वच्छ भोजन वितरित किया गया। बच्चों, महिलाओं, श्रमिकों और बुजुर्गों ने इस सेवा प्रयास के लिए दिल से आभार प्रकट किया।
इस अवसर को विशेष बना दिया समाजसेवी निकिता त्रिवेदी ने, जिन्होंने अपना जन्मदिन बस्ती के बच्चों के बीच केक काटकर मनाया और उन्हें मिठाइयाँ व खिलौने वितरित किए। बच्चों की मुस्कान ने आयोजन को एक मानवीय उत्सव में बदल दिया।
संजय श्रीवास्तव ने बताया कि संस्था का मूल उद्देश्य है—“प्राणी मात्र की सेवा”, जो सच्चे धर्म और मानवता की सबसे बड़ी पहचान है।

कार्यक्रम जयापार्वती व्रत के पावन अवसर पर आयोजित हुआ, जिससे इसका आध्यात्मिक महत्व और भी बढ़ गया।
विपिन शर्मा ने कहा, “सेवा केवल दान नहीं, आत्मिक संतोष और मानवीय कर्तव्य का प्रतीक है। जब तक समाज में कोई भूखा है, हमारा संकल्प अधूरा है।”
आशीष श्रीवास्तव ने नागरिकों और संगठनों से अपील की कि वे इस सेवा अभियान में सहभागिता करें — “आपका एक छोटा सहयोग भी किसी ज़रूरतमंद के जीवन में बड़ा बदलाव ला सकता है।”
इस सेवा कार्यक्रम की सफलता में सी. एच. तिवारी, संजय श्रीवास्तव, राजीव पाण्डेय, दिनेश कुमार पाण्डेय, आशीष श्रीवास्तव, मुकेश कनौजिया, कुणाल उपाध्याय, नवल सिंह, निकिता त्रिवेदी और रजनी शुक्ला जैसे समर्पित स्वयंसेवकों की प्रमुख भूमिका रही।
यह आयोजन यह दर्शाता है कि जब सेवा भाव और सामूहिक सहयोग मिलते हैं, तो समाज में सकारात्मक परिवर्तन संभव होता है।