
मान्यता प्राप्त पत्रकार संघ (रजि.) ने लोकप्रिय, निर्भीक और वरिष्ठ पत्रकार तथा AAA मीडिया न्यूज चैनल के प्रधान संपादक श्री अजीत अंजुम के विरुद्ध बिहार में दर्ज की गई प्राथमिकी (एफआईआर) पर गहरा रोष और गंभीर चिंता व्यक्त की है।
संघ का स्पष्ट कहना है कि लोकतंत्र में मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है और जब इस स्तंभ को सच दिखाने की सजा दी जाती है, तब यह केवल एक पत्रकार पर नहीं, बल्कि पूरे लोकतांत्रिक ताने-बाने पर हमला माना जाता है।
सत्य और साहस की पत्रकारिता पर दमन का प्रयास निंदनीय है
प्राप्त जानकारी के अनुसार, श्री अजीत अंजुम ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण अभियान के दौरान बीएलओ द्वारा हो रही तमाम प्रशासनिक अनियमितताओं और खामियों को तथ्यपरक ढंग से उजागर किया। उन्होंने बिना किसी भय या दबाव के, जनता के हित में, प्रशासन की गंभीर गड़बड़ियों को अपने चैनल पर प्रमुखता से दिखाया। यही रिपोर्टिंग उनके ऊपर एफआईआर का कारण बनी, जो अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और खतरनाक प्रवृत्ति का संकेत है।
संघ के अध्यक्ष विजय शंकर चतुर्वेदी का स्पष्ट और सशक्त बयान
संघ के अध्यक्ष श्री विजय शंकर चतुर्वेदी ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा: “अजीत अंजुम पत्रकारिता की दुनिया का एक प्रतिष्ठित नाम है, जिनकी निष्पक्षता और ईमानदार रिपोर्टिंग को दशकों से देश भर में सराहा गया है। उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करना लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के विरुद्ध सीधा हमला है। प्रशासन का यह कदम प्रेस की आज़ादी को दबाने और सच को छुपाने का घृणित प्रयास है।”
उन्होंने कहा: “लोकतंत्र का मूलभूत सिद्धांत है ‘सत्य का सम्मान’। अगर सच्चाई को उजागर करने वालों को इस प्रकार प्रताड़ित किया जाएगा तो यह समाज और राष्ट्र के भविष्य के लिए अत्यंत चिंताजनक संकेत है।”
संघ ने प्रशासन से रखी तीन प्रमुख मांगे:
एफआईआर की तटस्थ और निष्पक्ष जांच कर निष्कलंक पत्रकार की गरिमा बहाल की जाए।
पत्रकारों को प्रताड़ित करने और दबाव में लेने की प्रवृत्ति पर तत्काल रोक लगे।
पत्रकारिता की स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति के अधिकार की पूर्ण रक्षा सुनिश्चित की जाए।
संघ का संकल्प — पत्रकारों के मान-सम्मान की रक्षा के लिए हर स्तर पर संघर्ष जारी रहेगा
मान्यता प्राप्त पत्रकार संघ ने स्पष्ट कर दिया है कि जब भी किसी पत्रकार की स्वतंत्रता या गरिमा पर प्रहार होगा, पूरा पत्रकार समाज एकजुट होकर उसका डटकर मुकाबला करेगा।
“हम अजीत अंजुम जैसे निर्भीक पत्रकारों के साथ खड़े हैं। हम हर उस पत्रकार के साथ हैं जो सत्य की राह पर डटकर खड़ा है। प्रेस की आज़ादी और लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा के लिए हम हर मंच पर संघर्षरत रहेंगे।”
पत्रकारिता कोई अपराध नहीं — पत्रकारों का दमन बर्दाश्त नहीं!
लोकतंत्र का प्रहरी झुकेगा नहीं — सच बोलना बंद नहीं होगा!