
नई दिल्ली/भोपाल। मध्य प्रदेश कांग्रेस में नेतृत्व स्तर पर एक ऐतिहासिक बदलाव की संभावना नजर आ रही है। भोपाल शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष पद को लेकर जारी दौड़ में महेश नंदमेहर का नाम सबसे प्रबल दावेदारों में उभरकर सामने आया है। यह पद लंबे समय से पार्टी संगठन में सामाजिक समावेश और प्रतिनिधित्व की मांग को लेकर सुर्खियों में है।
75 नियुक्तियों की तैयारी, लेकिन SC/ST को अब तक नहीं मिला हक़
मानवतावादी भाईचारा समिति के अध्यक्ष पटेल रामदास मंडराई ने जानकारी दी है कि कांग्रेस पार्टी द्वारा देशभर में जिला स्तर पर 75 कांग्रेस अध्यक्षों की नियुक्ति की प्रक्रिया जल्द शुरू की जा रही है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वर्ष 1965 के बाद से अब तक भोपाल शहर जिला कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर किसी भी अनुसूचित जाति (SC) या अनुसूचित जनजाति (ST) वर्ग से किसी भी व्यक्ति की नियुक्ति नहीं की गई है — जो कि सामाजिक न्याय और समान भागीदारी के दृष्टिकोण से एक चिंताजनक स्थिति है।
महेश नंदमेहर ने सौंपा आवेदन, जीतू पटवारी को दिया बायोडाटा
भोपाल से महेश नंदमेहर ने इस पद हेतु अपना संपूर्ण बायोडाटा मध्य प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता श्री जीतू पटवारी को सौंपा है। महेश नंदमेहर एक अनुभवी सामाजिक कार्यकर्ता हैं, जो वर्षों से कांग्रेस पार्टी के निचले स्तर से संगठन में सक्रिय रूप से जुड़े हुए हैं। उन्होंने SC/ST समुदाय के हक और अधिकार के लिए लगातार संघर्ष किया है।
उनकी उम्मीदवारी को बल देने के लिए राष्ट्रीय असंगठित कामगार कांग्रेस के राष्ट्रीय चेयरमैन और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ. उदित राज ने भी पार्टी हाईकमान से विशेष आग्रह किया है कि इस बार SC/ST समाज को नेतृत्व में उचित प्रतिनिधित्व मिले।
राहुल गांधी की सोच – “हर वर्ग की भागीदारी अनिवार्य”
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने अपने बयानों में बार-बार इस बात पर जोर दिया है कि पार्टी में सभी वर्गों को बराबरी का अवसर मिलना चाहिए। उनका यह विज़न केवल नारेबाजी तक सीमित नहीं है, बल्कि संगठनात्मक नियुक्तियों में भी इसे लागू करने की कोशिश की जा रही है।

भोपाल की सामाजिक संरचना पर नजर डालें तो यहां SC/ST समुदाय की जनसंख्या करीब 20% है। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए पटेल रामदास मंडराई और कई अन्य सामाजिक संगठनों ने कांग्रेस पार्टी से यह मांग की है कि 75 नियुक्तियों में से कम से कम 20 नियुक्तियाँ SC/ST समुदाय से होनी चाहिए।
समाज में खुशी की लहर, नेतृत्व में भागीदारी की उम्मीद
महेश नंदमेहर की दावेदारी की घोषणा होते ही भोपाल सहित पूरे मध्य प्रदेश के दलित, आदिवासी और पिछड़े वर्गों में खुशी की लहर दौड़ गई है। लोग इसे सामाजिक समावेश और बराबरी की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मान रहे हैं। महेश नंदमेहर को जमीनी स्तर पर कार्य करने का व्यापक अनुभव है और वे युवाओं, श्रमिकों, महिलाओं और हाशिए पर खड़े समुदायों के मुद्दों को लेकर लगातार सक्रिय रहे हैं।
निष्कर्ष: क्या बदलेगा कांग्रेस का चेहरा?
भोपाल शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष पद की यह नियुक्ति न केवल संगठनात्मक दृष्टि से बल्कि सामाजिक प्रतिनिधित्व के दृष्टिकोण से भी बेहद महत्वपूर्ण है। अगर कांग्रेस पार्टी इस बार सामाजिक न्याय के रास्ते पर चलते हुए महेश नंदमेहर जैसे अनुभवी और प्रतिबद्ध कार्यकर्ता को नेतृत्व सौंपती है, तो यह संगठन के भीतर एक सकारात्मक और ऐतिहासिक बदलाव का संकेत होगा।
अब सभी की निगाहें कांग्रेस हाईकमान पर टिकी हैं — क्या पार्टी इस बार सामाजिक समरसता और प्रतिनिधित्व के वादे को हकीकत में बदलेगी?