
vintage vision of the profession of reporter
डॉ. हरीश चंद्र लखेड़ा
नई दिल्ली। देशभर में वरिष्ठ पत्रकारों के लिए राष्ट्रीय पेंशन नीति की मांग जोर पकड़ने लगी है। सीनियर जर्नलिस्ट्स फोरम ने इस मुद्दे पर केंद्र सरकार का ध्यान आकर्षित करते हुए आगामी 19 से 21 अगस्त तक केरल के तिरुअनंतपुरम में राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करने का ऐलान किया है। हाल ही में दिल्ली में भी इस मुद्दे पर फोरम की बैठक हुई जिसमें रणनीति तैयार की गई।
सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य
सम्मेलन का उद्देश्य वरिष्ठ पत्रकारों के आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा के लिए केंद्र सरकार पर दबाव बनाना और एक ठोस राष्ट्रीय पेंशन नीति का प्रारूप पेश करना है। इसमें वरिष्ठ पत्रकारों के साथ नीति निर्माता और सरकारी प्रतिनिधि शामिल होंगे।
फोरम की मुख्य मांगें
60 वर्ष या उससे अधिक उम्र के वरिष्ठ पत्रकारों के लिए अलग राष्ट्रीय पेंशन नीति लागू हो।
ऐसे पत्रकार जो किसी पेंशन योजना से वंचित हैं, उन्हें कवर किया जाए।
असंगठित क्षेत्र में कार्यरत पत्रकारों के लिए विशेष योजना बने।
मौजूदा योजनाओं की खामियां
फोरम का कहना है कि वर्तमान में भारत में मौजूद योजनाएं जैसे:
नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) नियमित अंशदान पर आधारित है, जो अस्थिर आय वाले पत्रकारों के लिए मुश्किल है।
अटल पेंशन योजना (APY) 18-40 वर्ष तक सीमित है, जिससे वरिष्ठ पत्रकार बाहर हो जाते हैं।
वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (SCSS) पूंजी निवेश पर आधारित है, जो आर्थिक रूप से कमजोर पत्रकारों के लिए संभव नहीं।
संगठित क्षेत्र की ईपीएफ जैसी योजनाएं भी पत्रकारों को कवर नहीं करतीं।
कुछ राज्यों में पत्रकार पेंशन योजनाएं
राज्य योजना का नाम मासिक पेंशन
मध्यप्रदेश वरिष्ठ पत्रकार सम्मान पेंशन ₹10,000
छत्तीसगढ़ पत्रकार पेंशन योजना ₹5,000-₹10,000 + स्वास्थ्य बीमा
राजस्थान पत्रकार पेंशन योजना ₹8,000-₹10,000
उत्तर प्रदेश पत्रकार पेंशन योजना ₹5,000
हरियाणा ग्रामीण पत्रकार योजना ₹6,000-₹8,000
असम पत्रकार पेंशन योजना ₹10,000
पुदुचेरी पत्रकार पेंशन योजना ₹6,000
जबकि दिल्ली, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, गुजरात, पंजाब, पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में कोई समर्पित पत्रकार पेंशन योजना नहीं है।
केंद्र सरकार से सीधा सवाल
फोरम ने सवाल उठाया है कि— “जब केंद्र सरकार 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन और करोड़ों लोगों को वृद्धावस्था पेंशन दे रही है, तो जीवन भर सच की लड़ाई लड़ने वाले वरिष्ठ पत्रकार पेंशन के हकदार क्यों नहीं?”
एक सम्मानजनक पहल
सीनियर जर्नलिस्ट्स फोरम का यह कदम न केवल वरिष्ठ पत्रकारों के लिए सामाजिक सुरक्षा की दिशा में महत्वपूर्ण पहल है, बल्कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को सम्मान दिलाने की एक ऐतिहासिक कोशिश है। देखना यह है कि केंद्र सरकार इस पर कितना सकारात्मक रुख अपनाती है।