
भारतीय फिल्म इंडस्ट्री के पहले और सबसे बड़े सुपरस्टार राजेश खन्ना, जिन्हें उनके चाहने वाले प्यार से ‘काका’ कहकर बुलाते हैं, की तेरहवीं पुण्यतिथि के अवसर पर राजधानी दिल्ली में एक भावुक कर देने वाला भव्य आयोजन किया गया। यह आयोजन न केवल उनकी याद में संगीत और श्रद्धांजलि का संगम था, बल्कि उनके जीवन के उस ‘मानवीय पहलू’ को भी दर्शाता था, जो आज भी उनके प्रशंसकों के दिलों में ज़िंदा है।
दिल्ली के डिप्लोमैटिक एन्क्लेव, चाणक्यपुरी स्थित द ट्रीट – राजेश खन्ना फूड वैन स्थल पर आयोजित इस कार्यक्रम में न सिर्फ काका के सदाबहार गीतों की गूंज सुनाई दी, बल्कि गरीबों और जरूरतमंदों को भरपेट भोजन और टी-शर्ट भी वितरित की गईं। यह वही स्थान है, जहां काका बतौर सांसद अपने दिल्ली प्रवास के दौरान अक्सर भोजन करने पहुंचते थे। राजनीति छोड़ने के बाद भी दिल्ली से उनका यह जुड़ाव बना रहा, जिसे आज उनके चाहने वाले पूरे सम्मान और श्रद्धा के साथ जीवंत रखते हैं।

राजेश खन्ना की स्मृति में हवन, भजन और भंडारा
कार्यक्रम की शुरुआत एक विशाल हवन से हुई, जिसका आयोजन विपिन ओबेरॉय और उनके परिवार द्वारा किया गया। विपिन ओबेरॉय न केवल काका के सबसे कट्टर प्रशंसक हैं बल्कि काका उन्हें अपना छोटा भाई मानते थे। विपिन ओबेरॉय और उनका परिवार पिछले तेरह वर्षों से निरंतर काका की पुण्यतिथि पर गरीबों के बीच भोजन और वस्त्र वितरण का यह कार्यक्रम आयोजित करता आ रहा है।
इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार एवं काका के पूर्व मीडिया सलाहकार सुनील नेगी, जाने-माने लेखक व पत्रकार सुरेश नौटियाल, सुप्रसिद्ध संगीत आयोजक संजय मलिक और अनेक कला प्रेमियों तथा काका के अनगिनत प्रशंसकों ने हिस्सा लिया।
‘मेरे सपनों की रानी कब आएगी तू…’ से ‘ज़िंदगी कैसी है पहेली…’ तक सजी सुरों की महफिल
कार्यक्रम की सबसे दिल छू लेने वाली झलकियां वो रहीं जब मंच पर देशभर से आए प्रतिष्ठित गायकों और कलाकारों ने काका के सदाबहार गीतों को अपनी आवाज़ में पेश किया। सुप्रसिद्ध गायिका व मिमिक्री कलाकार गंगा ठाकुर के सधे सुरों ने जैसे पुराने समय को फिर से जीवंत कर दिया।


संगीत महफिल में आराधना, आप की कसम, रोटी, दुश्मन, अमर प्रेम, आनंद, दो रास्ते, आखिरी खत, बावर्ची जैसी सुपरहिट फिल्मों के गाने प्रस्तुत किए गए। ‘चिंगारी कोई भड़के’, ‘ये शाम मस्तानी’, ‘कोरा कागज़ था ये मन मेरा’, और ‘कहीं दूर जब दिन ढल जाए’ जैसे अमर गीतों ने पूरे वातावरण को भावविभोर कर दिया।
इस संगीतमय श्रद्धांजलि में गंगा ठाकुर, किशन दुबे, खुशी सुंघ, अतुल कुमार, शाधि चौहान, सृष्टि, रवि सिन्हा समेत कई लोकप्रिय गायकों और युवा कलाकारों ने सुरों का जादू बिखेरा।
बारिश भी रोक न सकी श्रद्धांजलि की रवानी
हालांकि कार्यक्रम के दौरान हल्की बारिश ने कुछ देर के लिए व्यवधान डाला, लेकिन जैसे ही बादल छटे, श्रद्धांजलि का कारवां और भी ऊर्जा के साथ आगे बढ़ा। शाम ढलते-ढलते मौसम खुला और फिर से सुरों और श्रद्धा का समंदर बहता रहा।

मानवता की मिसाल — एक हजार गरीबों को भोजन वितरित
काका को याद करते हुए एक हज़ार से अधिक गरीबों को भोजन के पैकेट और टी-शर्ट वितरित की गईं। आयोजन स्थल पर उपस्थित लोगों ने एक स्वर में कहा कि काका के जीवन की यही सबसे बड़ी सीख थी — “जो प्रेम देता है, वही सच्चा सितारा होता है।”
यह आयोजन सिर्फ एक श्रद्धांजलि नहीं बल्कि एक प्रेरणा बन गया — कि एक कलाकार की महानता सिर्फ पर्दे तक सीमित नहीं होती, बल्कि उसका असर समाज और पीढ़ियों पर भी बना रहता है।
राजेश खन्ना के चाहने वालों ने यह सिद्ध कर दिया कि ‘राजेश खन्ना’ सिर्फ एक नाम नहीं, बल्कि करोड़ों दिलों की धड़कन और हर पीढ़ी की यादों में हमेशा ज़िंदा रहने वाला ‘सुपरस्टार’ है।