
राजस्थान की संस्कृति से महकी दिल्ली, हस्तशिल्प व लोकनृत्य बने आकर्षण का केंद्र
राजस्थान की रंग-बिरंगी संस्कृति और परंपराओं की गूंज बुधवार को दिल्ली के बीकानेर हाउस में सुनाई दी, जब राजस्थान के मुख्य सचिव सुधांश पंत ने विधिवत रूप से तीज उत्सव 2025 का शुभारंभ किया। यह सप्ताहभर चलने वाला उत्सव (23 से 30 जुलाई) राजधानीवासियों और प्रवासी राजस्थानियों को लोककला, हस्तशिल्प और पारंपरिक व्यंजनों का जीवंत अनुभव दे रहा है।


उत्सव में राजीविका और रूडा द्वारा लगाए गए हस्तनिर्मित उत्पादों के स्टॉल और फूड फेस्टिवल विशेष आकर्षण हैं। मुख्य सचिव श्री पंत ने कहा कि “राजस्थान की कला और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए ‘राजसखी ऐप/पोर्टल’ बनाया गया है, जिससे कारीगर अपने उत्पाद देश-विदेश तक पहुंचा सकें।”

इस अवसर पर प्रसिद्ध डिज़ाइनर रूमा देवी ने मुख्य सचिव को राखी बांधकर तीज और रक्षाबंधन की शुभकामनाएं दीं, जिससे उत्सव को एक पारिवारिक और सांस्कृतिक स्पर्श मिला। आवासीय आयुक्त जोगाराम और राजीविका की स्टेट मिशन डायरेक्टर श्रीमती नेहा गिरि ने बताया कि यह मेला महिला शिल्पकारों की रचनात्मकता और आत्मनिर्भरता का उत्सव है, जो उन्हें नई पहचान और आजीविका का मंच देता है।


प्रतिदिन नए रंग:
11 बजे से रात 9 बजे तक चलने वाले इस उत्सव में विभिन्न प्रतियोगिताएँ और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
24 जुलाई: मेहंदी रैंप वॉक, नृत्य व गायन :28 जुलाई: रस्साकसी व लैमन स्पून रेस,29 जुलाई: खो-खो व टरबन टाई प्रतियोगिता
राजस्थान पर्यटन विभाग द्वारा आयोजित सांस्कृतिक संध्याओं में घूमर, भवई, चरी, फूलों की होली और मयूर नृत्य जैसे लोकप्रदर्शन दर्शकों को लोकजीवन से जोड़ रहे हैं। आगामी 27 व 28 जुलाई को भी ऐसी संध्याओं का आयोजन होगा।
उद्घाटन समारोह में वरिष्ठ आईएएस, आईपीएस अधिकारी और विभिन्न राज्यों के आवासीय आयुक्त उपस्थित रहे, जिन्होंने राजस्थान की सांस्कृतिक समृद्धि की सराहना की।