
बच्चों के यौन शोषण के मामलों में न्याय सुनिश्चित करने की दिशा में बड़ा कदम। सुप्रीम कोर्ट द्वारा 2023 में पारित आदेश के तहत पॉक्सो मामलों में पीड़ित बच्चों के लिए “सपोर्ट पर्सन” की अनिवार्य नियुक्ति के बाद, प्रशिक्षित और संवेदनशील पेशेवरों की भारी कमी महसूस की जा रही थी। इसी आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए द सेंटर फॉर लीगल एक्शन एंड बिहेवियर चेंज फॉर चिल्ड्रेन (C-LAB) ने देश का पहला प्रमाणित प्रशिक्षण पाठ्यक्रम शुरू किया है, जो सपोर्ट पर्सन की भूमिका के लिए समर्पित है।
यह पाठ्यक्रम बच्चों के साथ होने वाले यौन अपराधों के मामलों में न्याय की प्रक्रिया को मानवीय और प्रभावी बनाने की दिशा में एक निर्णायक पहल है।
सपोर्ट पर्सन: न्याय की प्रक्रिया में एक अनदेखा लेकिन अनिवार्य स्तंभ
सपोर्ट पर्सन वह व्यक्ति होता है जो यौन उत्पीड़न के शिकार बच्चों को कानूनी, चिकित्सकीय और भावनात्मक सहायता प्रदान करता है और उन्हें समाज की मुख्यधारा में वापस लाने में मदद करता है।
सी-लैब के मुताबिक, 2019 से 2022 के बीच पॉक्सो मामलों में 300% की बढ़ोतरी दर्ज की गई, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि देश को एक मजबूत और प्रशिक्षित सपोर्ट पर्सन नेटवर्क की सख्त आवश्यकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने 2023 में सभी राज्य सरकारों को निर्देश दिया था कि प्रत्येक पॉक्सो पीड़ित बच्चे के लिए एक सपोर्ट पर्सन की अनिवार्य नियुक्ति सुनिश्चित की जाए। इसके बावजूद, आज भी लाखों बच्चे न्याय के लिए संघर्ष कर रहे हैं, क्योंकि राज्यों के पास पर्याप्त प्रशिक्षित सपोर्ट पर्सन नहीं हैं।
सी-लैब का कोर्स: ज्ञान, संवेदना और कार्रवाई का संगम
यह 10 सप्ताह का कोर्स ऑनलाइन और क्लासरूम आधारित शिक्षा का मिश्रण है, जिसमें फील्ड वर्क और असाइनमेंट भी शामिल हैं। पाठ्यक्रम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि भविष्य के सपोर्ट पर्सन बच्चों की ज़रूरतों को समझ सकें, उन्हें सशक्त बना सकें और न्याय की यात्रा में उनके साथी बनें।
प्रमुख विषयवस्तुएं:
बाल अधिकार और बाल संरक्षण की बुनियादी जानकारी
पॉक्सो अधिनियम और कानूनी प्रक्रियाएं
सपोर्ट पर्सन की भूमिकाएं व दायित्व
पीड़ितों के पुनर्वास व मुआवजे की प्रक्रिया
मनोवैज्ञानिक प्राथमिक सहायता और बच्चों के साथ संवाद के व्यावहारिक कौशल
इस कोर्स को कानून, मानसिक स्वास्थ्य, और सामाजिक कार्य के क्षेत्र के प्रतिष्ठित विशेषज्ञों द्वारा पढ़ाया जाएगा।
विशेषज्ञों की राय
‘जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन’ के संस्थापक श्री भुवन ऋभु ने उद्घाटन सत्र में कहा:
“न्याय सिर्फ फैसले नहीं, पूरी प्रक्रिया में बच्चे की गरिमा बनाए रखना भी है। सपोर्ट पर्सन वह मजबूत आधार हैं जो पीड़ित परिवार को कानूनी और भावनात्मक रूप से सहारा देते हैं। सी-लैब की यह पहल सामाजिक परिवर्तन की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है।”
पाठ्यक्रम की निदेशक डॉ. संगीता गौड़ ने बताया: “कई बच्चे आज भी न्याय की प्रक्रिया से कटे हुए हैं, क्योंकि उनके पास मार्गदर्शन करने वाला कोई नहीं है। यह कोर्स उन्हें वह सुरक्षा, जानकारी और समर्थन प्रदान करेगा जिसकी उन्हें सबसे ज़्यादा ज़रूरत है।”
कौन कर सकता है आवेदन?
जो व्यक्ति यौन शोषण के शिकार बच्चों के लिए काम कर रहे हैं
सामाजिक कार्यकर्ता, काउंसलर, शिक्षक, एनजीओ कार्यकर्ता
कानून, समाजशास्त्र, बाल विकास या मानसिक स्वास्थ्य के छात्र
न्याय, बाल अधिकार और पुनर्वास में रुचि रखने वाले सभी लोग
सी-लैब: बच्चों के लिए न्याय की आवाज़
सी-लैब, इंडिया चाइल्ड प्रोटेक्शन की एक सोच है। यह संस्था बाल यौन शोषण, बाल तस्करी, ऑनलाइन उत्पीड़न, और बाल विवाह जैसे गंभीर मुद्दों पर लगातार काम कर रही है।
सपोर्ट पर्सन सर्टिफिकेट कोर्स इस मिशन की एक ठोस कड़ी है—एक ऐसा प्रयास जो न्याय को संवेदनशील और बच्चों के अनुकूल बना सके।