
उत्तराखण्ड राज्य के अचिन्हित आन्दोलनकारियों का एक शिष्टमंडल पूर्व मुख्यमंत्री एवं वर्तमान हरिद्वार सांसद त्रिवेन्द्र सिंह रावत से उनके निवास पर मिला। इस मुलाकात का मुख्य उद्देश्य दिल्ली एनसीआर क्षेत्र के लगभग 317 सूचीबद्ध अचिन्हित आन्दोलनकारियों के चिन्हीकरण की लम्बित प्रक्रिया को लेकर चर्चा करना था।
शिष्टमंडल ने सरकार द्वारा वर्ष 2008 में जारी शासनादेश को पुनर्जीवित करने की मांग की, जिसमें चिन्हीकरण अखबारों की खबरों और जिलाधिकारी के विवेक पर आधारित था। आन्दोलनकारियों ने इस शासनादेश को आधार मानकर चिन्हीकरण प्रक्रिया को तेज़ करने की आवश्यकता पर बल दिया।
शिष्टमंडल में शामिल प्रमुख व्यक्तियों में उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलनकारी कमेटी दिल्ली के संरक्षक अनिल कुमार पन्त, पंचम सिंह रावत, शिवप्रसाद बलूणी (उत्तराखण्ड राज्य लोकमंच), जगदीश कुमार थपलियाल, नरेंद्र सिंह विष्ट, जगदीश कुकरेती, भाष्करानंद नवानी, खुशहाल सिंह विष्ट आदि शामिल रहे।
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने विषय को गंभीरता से लेते हुए आश्वासन दिया कि वे इसी माह दिल्ली एनसीआर के अचिन्हित आन्दोलनकारियों के साथ एक बैठक करेंगे, जिससे चिन्हीकरण की दिशा में सकारात्मक पहल हो सके।
यह मुलाकात आन्दोलनकारियों के लंबे समय से चले आ रहे संघर्ष को एक नई उम्मीद दे रही है।