
दिल्ली की अदालतों में इन दिनों अधिवक्ताओं का विरोध तेज़ हो गया है। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन एवं शाहदरा बार एसोसिएशन के सदस्य एडवोकेट हरीश गोला ने माननीय उपराज्यपाल दिल्ली श्री विनय कुमार सक्सेना से आग्रह किया है कि 13 अगस्त 2025 की अधिसूचना को तत्काल वापस लिया जाए। इस अधिसूचना के तहत पुलिस अधिकारियों को सीधे थानों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा अदालत में गवाही देने की अनुमति दी गई है।
निष्पक्ष न्याय पर प्रश्नचिह्न
एडवोकेट गोला का कहना है कि यह कदम न केवल निष्पक्ष न्याय बल्कि न्यायिक पारदर्शिता के लिए भी गंभीर खतरा है। उन्होंने कहा—”न्यायालय केवल निष्पक्ष होना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि जनता की नज़रों में भी उसे निष्पक्ष दिखाई देना चाहिए।”इसके लिए उन्होंने दिल्ली के उपराज्यपाल को एक ज्ञापन पत्र भी प्रेषित किया है।
गवाहों पर दबाव और निष्पक्षता पर संकट
एडवोकेट गोला ने स्पष्ट किया कि थाने से गवाही देना गवाहों पर दबाव और पक्षपात की आशंका को बढ़ाता है। इससे क्रॉस-एग्ज़ामिनेशन (जिरह) जैसी निष्पक्ष सुनवाई की महत्वपूर्ण प्रक्रिया प्रभावित होती है। उन्होंने कहा कि यह संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 में निहित नागरिकों के निष्पक्ष सुनवाई के अधिकार का सीधा उल्लंघन है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का हवाला
गोला ने सुप्रीम कोर्ट के अहम फैसलों का हवाला दिया—
स्टेट ऑफ महाराष्ट्र बनाम डॉ. प्रफुल देसाई (2003)
जहीरा हबीबुल्ला शेख बनाम स्टेट ऑफ गुजरात (2004)
इन मामलों में उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग तभी मान्य है जब यह न्यायालय की निगरानी और निष्पक्ष वातावरण में हो।. अधिवक्ताओं का सामूहिक विरोध
इस अधिसूचना के खिलाफ दिल्ली की सभी जिला अदालतों में हजारों अधिवक्ता कार्य से विरत हैं। अधिवक्ताओं का कहना है कि यह केवल उनका पेशेवर मुद्दा नहीं है, बल्कि यह आम नागरिकों के न्याय व्यवस्था में विश्वास को बनाए रखने की लड़ाई है।
“जनता की आखिरी उम्मीद है न्यायालय”
एडवोकेट गोला ने कहा— “न्यायालय जनता की आखिरी उम्मीद हैं। यदि पारदर्शिता और निष्पक्षता पर आंच आती है तो आम आदमी का विश्वास डगमगा जाएगा। यह अधिसूचना न्याय व्यवस्था के मूल सिद्धांतों के विपरीत है और इसे तत्काल वापस लिया जाना चाहिए।”
अधिवक्ताओं का मानना है कि यदि इस व्यवस्था को बिना आपत्ति लागू कर दिया गया, तो यह भविष्य में न्यायिक कार्यवाही की साख और स्वतंत्रता के लिए एक खतरनाक मिसाल बन जाएगी।