 
                New Delhi: President Droupadi Murmu administers the oath of office to C. P. Radhakrishnan as the Vice President of India during a swearing-in ceremony at Ganatantra Mandap, Rashtrapati Bhavan, in New Delhi, Friday, September 12, 2025. (Photo: IANS/X/@rashtrapatibhvn)
विजय शंकर चतुर्वेदी
सीपी राधाकृष्णन ने भारत के 15वें उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ली है। राष्ट्रपति भवन में आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सीपी राधाकृष्णन को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ भी मौजूद रहे।
राष्ट्रपति भवन में शपथ ग्रहण समारोह की शुरुआत राष्ट्रगान के साथ हुई। इसके बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के आदेश पर चुनाव आयोग से प्राप्त उपराष्ट्रपति के निर्वाचन का प्रमाण पढ़ा गया। फिर राष्ट्रपति ने सीपी राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई।
नवनिर्वाचित उपराष्ट्रपति के रूप में सीपी राधाकृष्णन ने जगदीप धनखड़ की जगह ली है। धनखड़ ने 21 जुलाई को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अचानक से उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था। उपराष्ट्रपति चुने जाने से पहले राधाकृष्णन महाराष्ट्र के राज्यपाल के पद पर कार्यरत थे।
राधाकृष्णन का उपराष्ट्रपति के रूप में निर्वाचन उपराष्ट्रपति चुनाव में उनकी जीत के बाद हुआ, जिसमें उन्होंने विपक्षी उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी के खिलाफ 452 प्रथम वरीयता वोट हासिल किए, जिन्हें 300 वोट मिले।
शपथ ग्रहण समारोह के लिए एनडीए के वरिष्ठ नेताओं के साथ-साथ विपक्ष के नेताओं को भी निमंत्रण भेजे गए थे। शुक्रवार को कार्यक्रम में पूर्व उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू और हामिद अंसारी नजर आए। इसके अलावा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत केंद्रीय मंत्रिमंडल के सदस्य मौजूद रहे। एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्री भी कार्यक्रम में शामिल थे।
बता दें कि उपराष्ट्रपति का कार्यकाल 5 साल का होता है। भारत के उपराष्ट्रपति राज्यसभा के पदेन सभापति भी होते हैं।
तमिलनाडु के तिरुप्पुर में जन्मे सीपी राधाकृष्णन आरएसएस के स्वयंसेवक के तौर पर सार्वजनिक जीवन में आए और 1974 में जनसंघ की राज्य कार्यकारिणी समिति के सदस्य बने।
1996 में उन्हें भाजपा का राज्य सचिव बनाया गया और दो साल बाद, 1998 में वे पहली बार कोयंबटूर से लोकसभा पहुंचे। 1999 में वे दोबारा सांसद बने। 2004 से 2007 तक उन्होंने भाजपा तमिलनाडु इकाई की अध्यक्षता की। 2020 से 2022 के बीच वे केरल भाजपा के प्रभारी भी रहे। 18 फरवरी 2023 को उन्हें झारखंड का राज्यपाल नियुक्त किया गया। 31 जुलाई 2024 को राधाकृष्णन ने महाराष्ट्र के राज्यपाल पद की शपथ ली थी।
 
                 
                 
                 
                