
स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी परिवार समिति द्वारा प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में एक प्रेस वार्ता आयोजित की गई। इस अवसर पर समिति के राष्ट्रीय महासचिव जितेन्द्र रघुवंशी ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान माननीय प्रधानमंत्री ने शताब्दी समारोह तक स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों का भारत बनाने का संकल्प व्यक्त किया था, किंतु अब तक इस दिशा में ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। रघुवंशी ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के सपने क्या थे, यह उनके वंशज ही सही रूप से बता सकते हैं, परंतु सरकार ने उनसे दूरी बना रखी है। उन्होंने बताया कि अमृत महोत्सव वर्ष में समिति ने सरकार को कई मांगें प्रस्तुत की थीं, जिनमें दिल्ली में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मेमोरियल की स्थापना, सेनानी परिवार कल्याण परिषद का गठन, राज्यसभा एवं विधान परिषदों में सेनानी परिवारों को प्रतिनिधित्व, ऑनलाइन पहचान पत्र की व्यवस्था, पेंशन लाभ उत्तराधिकारियों तक पहुंचाने, शहीदों की जीवनी को पाठ्यक्रम में शामिल करने और दिल्ली में शहीद परिवारों के लिए सेवा सदन बनाने जैसी मांगें शामिल थीं। उन्होंने अफसोस जताया कि 4 अगस्त और 4 अक्टूबर 2022 को प्रधानमंत्री को स्मरण पत्र भेजने के बावजूद कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया। इससे देशभर के लगभग चार करोड़ स्वतंत्रता सेनानी व शहीद परिवारों में गहरी नाराजगी और आक्रोश है। संगठन के अध्यक्ष देशबंधु ने कहा कि हम सरकार के सहयोगी के रूप में पूर्वजों के सपनों को साकार करना चाहते हैं, परंतु उपेक्षा से यह विशाल परिवार मर्माहत है। उन्होंने सेनानी परिवारों से आह्वान किया कि केवल उन्हीं जनप्रतिनिधियों को समर्थन दें जो सेनानी परिवारों के हितों की रक्षा में सहयोगी बनते हैं।

सुरेश चंद्र सुयाल ने कहा कि हरिद्वार से निकली सेनानी परिवारों की गूंज पूरे देश में सम्मान की लड़ाई को धार देगी। प्रेस वार्ता में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भारत भूषण विद्यालंकार, संगठन सचिव कपूर सिंह दलाल, सुरेश चंद्र सुयाल, मुरली मनोहर खंडेलवाल (छत्तीसगढ़), चंद्रप्रकाश बाजपेई, मृगांक शेखर आनंद (उत्तर प्रदेश), रमेश कुमार मिश्रा, विशाल सिंह सौदा (राजस्थान), परमजीत सिंह टिवाना, ज्ञान सिंह सग्गू (पंजाब), डॉ. राजा भैया मिश्रा, कमल अग्रवाल, सुनील गुजराती (मध्य प्रदेश), अशोक कुमार वर्मा (बिहार), ओमप्रकाश मांझी (झारखंड), विजय कुमार तोमर (दिल्ली), भगवान फोगाट (हरियाणा), सचिन कुमार (महाराष्ट्र), सुंदर विमलनाथन (तमिलनाडु), सिंगू रमेश (कर्नाटक) सहित अनेक पदाधिकारी उपस्थित रहे। प्रेस वार्ता से पूर्व भारतीय किसान संघ कार्यालय में देश के 19 प्रांतों के वरिष्ठ पदाधिकारियों की कार्यकारिणी बैठक आयोजित हुई। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि यदि सरकार ने उपेक्षा जारी रखी तो संगठन को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, चंद्रशेखर आजाद और भगत सिंह जैसे महानायकों का अनुसरण करते हुए आंदोलन और क्रांति का बिगुल बजाना होगा। इस बैठक में राज्यसभा सांसद माननीय नरेश बंसल भी उपस्थित रहे। उन्होंने आश्वासन दिया कि सेनानी परिवारों की आवाज प्रधानमंत्री तक पहुंचाई जाएगी और उनके सपनों का भारत बनाने की दिशा में ठोस प्रयास होंगे।

बैठक में विभिन्न प्रांतों से आए प्रतिनिधियों में राजेश प्रताप सिंह, महंथ प्रजापति, सूर्य प्रकाश पांडे, सुरेश चंद्र बबेले, भगवत शरण पश्तोर, शिवयोगैया, बिजेंद्र भादू, अरुण प्रताप सिंह, रवि दत्त राय, मदन मोहन राय, अनुराग सिंह गौतम, आदित्य गहलोत, अवधेश सिंह, वीरांगना चन्नाबेसम्मा तथा अलका चौहान की विशेष उपस्थिति रही।