
नोएडा। एशियन एकेडमी ऑफ फिल्म एंड टेलीविजन (AAFT) द्वारा आयोजित 11वें ग्लोबल लिटरेरी फेस्टिवल नोएडा 2025 का आयोजन साहित्य, कला और संस्कृति का अनूठा संगम बना। इस अवसर पर डॉ. संदीप मारवाह परq आधारित पुस्तक “अनंतत की राह पर एक सफर – एक अनकही कहानी का कथन” का भव्य विमोचन किया गया। फेस्टिवल में देश-विदेश से आए विशिष्ट अतिथियों, लेखकों, संपादकों और शिक्षाविदों ने बड़ी संख्या में भाग लिया। फेस्टिवल की अध्यक्षता एएएफटी यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति डॉ. संदीप मारवाह ने की। इस मौके पर उन्होंने भावुक होते हुए कहा – “इतने अथाह प्रेम के लिए मैं दिल से शुक्रगुज़ार हूँ। मुझे अपने छात्रों पर गर्व है जिन्होंने अपनी रचनात्मकता और परिश्रम से हमारे संस्थान को गौरवान्वित किया है।” कार्यक्रम में विद्यार्थियों द्वारा निर्मित वस्तुओं और खानपान से जुड़े उत्पादों के स्टॉल भी लगाए गए, जिन्हें अतिथियों ने खूब सराहा। साथ ही सामाजिक जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से तीनों दिन नुक्कड़ नाटकों का आयोजन भी हुआ, जिसने दर्शकों का ध्यान आकर्षित किया।
इस अवसर पर एक साहित्यिक संगोष्ठी का भी आयोजन किया गया जिसका विषय था – “साहित्य क्या है? क्या लिखी गई हर चीज़ साहित्य मानी जा सकती है?”। इस संगोष्ठी में प्रख्यात लेखक अरविंद मिश्रा, अवधेश सिंह, संजय चंद्रा, पवन माथुर, करण पुरी, लक्ष्मी वल्लूरी, डॉ. पी.के. राजपूत के अलावा वेनेज़ुएला की महामहिम राजदूत कैपाया रोड्रिग्ज गोंजालेज और दूतावास के सांस्कृतिक परामर्शदाता अल्फ्रेडो कालडेरा भी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के दौरान पंडित दीनदयाल उपाध्याय फ़ोरम की जयंती पर एक पोस्टर लॉन्च किया गया। इस अवसर पर निदेशक डॉ. सुशील भारती ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जीवन और राजनीतिक यात्रा पर अपने विचार साझा किए। फेस्टिवल का आकर्षण यहीं समाप्त नहीं हुआ। मौके पर आयोजित विशेष पेंटिंग प्रदर्शनी का भी अतिथियों ने संयुक्त रूप से उद्घाटन किया, जिसमें उभरते कलाकारों की कृतियों ने सबका मन मोह लिया।
तीन दिवसीय यह महोत्सव साहित्य और कला की विविधता का अद्भुत अनुभव कराता रहा और सभी प्रतिभागियों व मेहमानों के लिए यह अविस्मरणीय रहा।