
चित्र-कला-संगम द्वारा आयोजित प्रतिष्ठित कार्यक्रम “रामलीला: शाश्वत अनुशीलन” 11 अक्टूबर 2025 को प्रस्तुत किया जाएगा। यह आयोजन प्रेरणा स्रोत पद्मश्री स्वर्गीय वीरेंद्र प्रभाकर की स्मृति में किया जा रहा है।

कार्यक्रम में श्रीराम भारतीय कला केंद्र के कलाकार अपनी उत्कृष्ट कलात्मक प्रस्तुति देंगे। इस अवसर पर रामलीला का रंगमंचीय रूप, भव्य परिधान और पारंपरिक संगीत का संगम दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देगा। प्रेरणा स्रोत – स्वर्गीय श्री वीरेंद्र प्रभाकर :श्री वीरेंद्र प्रभाकर का जन्म 15: अगस्त 1928 को उत्तर प्रदेश के एक संवाहित जैन साहित्यिक परिवार में हुआ था।
इन्होंने कला एवं फोटोग्राफी का प्रशिक्षण प्राप्त किया। 1947 में पहली बार फोटो-पत्रकार के रूप में जीवन-संगम में प्रवेश किया। प्रभाकर द्वारा विभिन्न विषयों पर कुल 14,958 न्यूज़ फोटोज़ हिन्दी और अंग्रेजी के राष्ट्रीय समाचार पत्रों में प्रकाशित हुए। इनके नाम का उल्लेख लिंका बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स में भी दर्ज है। इस कार्यक्रम में भाग लेने से दर्शक भारतीय कला और संस्कृति की समृद्ध परंपरा का आनंद लेंगे और स्वर्गीय श्री वीरेंद्र प्रभाकर के योगदान को श्रद्धांजलि देंगे।