सुनील नेगी
देहरादून। गढ़वाली भाषा में बनी बहुचर्चित फिल्म “बौल्या काका”, जो उत्तराखंड के विभिन्न हिस्सों में पहले ही दर्शकों की सराहना प्राप्त कर चुकी है, अब राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और एनसीआर में नवंबर के पहले सप्ताह में रिलीज़ होने जा रही है। फिल्म के लेखक और निर्देशक हैं प्रसिद्ध फिल्मकार शिव नारायण सिंह रावत, जिन्होंने मुंबई, बॉलीवुड और दक्षिण भारतीय फिल्म उद्योग में अपने लंबे अनुभव के बाद यह फिल्म उत्तराखंड की संस्कृति, परंपराओं और विरासत को समर्पित की है।रावत का मानना है कि “फिल्में समाज का दर्पण होती हैं। वे न केवल समाज की अच्छाइयों-बुराइयों को दिखाती हैं, बल्कि दर्शकों को बेहतर नागरिक बनने की प्रेरणा भी देती हैं।”

गढ़वाली बोली में बनी यह फिल्म तीन प्रमुख पात्रों पर केंद्रित है, जो उत्तराखंड की सुंदर वादियों में चल रही एक बस में सफर कर रहे हैं।
मुख्य पात्र ‘बौल्या काका’ (हेमंत पांडे) बस में बैठे यात्रियों से उनकी कहानियाँ पूछते हैं — और यहीं से शुरू होते हैं विभिन्न पात्रों के फ़्लैशबैक, जो उत्तराखंड समाज की ज्वलंत समस्याओं और उनके समाधानों को उजागर करते हैं।
इन फ्लैशबैक दृश्यों के माध्यम से निर्देशक ने राज्य सामाजिक-सांस्कृतिक और युवा वर्ग से जुड़े मुद्दों को संवेदनशीलता और सजीवता से प्रस्तुत किया है।
फिल्म में हेमंत पांडे के साथ यशस्वी, प्रीत घनश्याला, भरत शाह, कुँवर सिंह रौथाण, अनीता देवी, किमी गायत्री, और कई अन्य कलाकारों ने शानदार अभिनय किया है। वॉइस ओवर कलाकार हैं भूपेश कैंतुरा।फिल्म के निर्माता हैं प्रशांत कुमार, जबकि सह-निर्माता हैं अभिषेक कुमार और प्रेमलता।
लाइन प्रोड्यूसर — दीपिका और श्वेता
संगीत — विनोद चौहान
गीत — ध्रुपद उकी
संवाद — जागेश्वर जोशी
संपादन — रौन नेर
नृत्य निर्देशन — असलम खान
बैकग्राउंड स्कोर और साउंड मिक्सिंग — न्यू रेज स्टूडियो
फिल्म निर्माण में उत्तराखंड फिल्म विकास परिषद का विशेष सहयोग रहा। निर्देशक शिव नारायण सिंह रावत का कहना है कि “बौल्या काका” को एक नए दृष्टिकोण और उच्च तकनीकी गुणवत्ता के साथ बनाया गया है। शानदार लोकेशन्स, संगीत, और छायांकन इसे अन्य गढ़वाली फिल्मों से अलग बनाते हैं।
फिल्म का पोस्टर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में अपने कार्यालय में जारी किया था।रावत का विश्वास है कि यह फिल्म दर्शकों के दिलों को छूएगी और उत्तराखंड सिनेमा के इतिहास में एक यादगार फिल्म साबित होगी।