आरईसी लिमिटेड भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के अंतर्गत एक “महारत्न” कंपनी है। यह भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के साथ गैर-बैंकिंग वित्त कंपनी (NBFC), सार्वजनिक वित्तीय संस्थान (PFI) तथा इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंसिंग कंपनी (IFC) के रूप में पंजीकृत है।
आरईसी देश के संपूर्ण विद्युत अवसंरचना क्षेत्र को वित्तपोषित कर रही है, जिसमें —उत्पादन (Generation)पारेषण (Transmission)
वितरण (Distribution)
नवीकरणीय ऊर्जा (Renewable Energy)तथा नई प्रौद्योगिकियाँ जैसे इलेक्ट्रिक वाहन, बैटरी भंडारण, पंप भंडारण परियोजनाएँ, ग्रीन हाइड्रोजन और ग्रीन अमोनिया परियोजनाएँ शामिल हैं। हाल ही में आरईसी लिमिटेड ने गैर-विद्युत अवसंरचना क्षेत्र में भी अपनी गतिविधियों का विस्तार किया है। इसमें सड़क एवं एक्सप्रेसवे, मेट्रो रेल, हवाई अड्डे, आईटी एवं संचार, सामाजिक एवं वाणिज्यिक अवसंरचना (जैसे शैक्षणिक संस्थान, अस्पताल), बंदरगाह, इस्पात संयंत्र, रिफाइनरी आदि परियोजनाओं से संबंधित इलेक्ट्रो-मैकेनिकल (E&M) कार्यों को भी सम्मिलित किया गया है। राष्ट्रीय योजनाओं में रणनीतिक भूमिका : आरईसी लिमिटेड देश में अवसंरचना परिसंपत्तियों के निर्माण हेतु राज्य, केंद्र तथा निजी क्षेत्र की कंपनियों को विभिन्न अवधियों के ऋण (Loans) प्रदान करती है।
कंपनी ने भारत सरकार की कई प्रमुख विद्युत योजनाओं में रणनीतिक और नोडल एजेंसी की भूमिका निभाई है, जिनमें प्रमुख हैं
प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य) दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (DDUGJY)राष्ट्रीय विद्युत निधि (NEF)इन योजनाओं के माध्यम से देश में अंतिम मील वितरण प्रणाली को सशक्त किया गया है तथा 100% गाँवों और घरेलू विद्युतीकरण सुनिश्चित किया गया है। इसके अतिरिक्त, आरईसी को पुनर्गठित वितरण क्षेत्र योजना (RDSS) के अंतर्गत कुछ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए नोडल एजेंसी के रूप में नामित किया गया है। साथ ही, केंद्र सरकार ने आरईसी लिमिटेड को प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के कार्यान्वयन की ज़िम्मेदारी भी सौंपी है, जिससे देशभर में हर घर सौर ऊर्जा के लक्ष्य को साकार किया जा सकेगा।