देश की प्रतिष्ठित सामाजिक, सांस्कृतिक एवं साहित्यिक संस्था ‘उद्भव’ द्वारा आयोजित 30वां उद्भव सांस्कृतिक सम्मान समारोह एवं पुस्तक लोकार्पण समारोह दिल्ली के होलीडे इन, मयूर विहार में गरिमामय वातावरण में संपन्न हुआ।
समारोह के मुख्य अतिथि दिल्ली के पूर्व शिक्षा मंत्री एवं वर्तमान में यमुनापार विकास बोर्ड के चेयरमैन अरविंदर सिंह लवली थे। समारोह अध्यक्षता कुशाभाई ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय, रायपुर के पूर्व कुलपति एवं नेशनल बुक ट्रस्ट के पूर्व अध्यक्ष प्रो. डॉ. बलदेव भाई शर्मा ने की। मुख्य वक्ता के रूप में सुप्रसिद्ध शिक्षाविद डॉ. अशोक पांडेय उपस्थित रहे। इस अवसर पर वरिष्ठ साहित्यकार एवं शिक्षाविद डॉ. अरुण प्रकाश ढौंडियाल की दो कृतियों — ‘सूर्यास्त’ एवं ‘अल्टीमेट एविडेंस’ — का लोकार्पण किया गया। लोकार्पण में अमेरिका से पधारे वरिष्ठ हिंदी सेवी इंद्रजीत शर्मा, आगरा से आए प्रो. डॉ. उमापति दीक्षित तथा ‘उद्भव’ संस्था के महासचिव-कवि डॉ. विवेक गौतम विशेष रूप से सम्मिलित रहे।
अटल बिहारी वाजपेयी राष्ट्रीय सम्मान-2025 से विभूतियां सम्मानित समारोह में ‘उद्भव’ संस्था द्वारा अटल बिहारी वाजपेयी राष्ट्रीय सम्मान–2025 से विभिन्न क्षेत्रों की विशिष्ट हस्तियों को सम्मानित किया गया। इनमें प्रमुख रूप से—
नेशनल एक्सप्रेस समूह के संस्थापक अध्यक्ष विपिन गुप्ता,डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के डीन प्रो. लवकुश मिश्रा,दिल्ली विश्वविद्यालय में संस्कृत की पूर्व प्रोफेसर सरोज खन्ना,प्रसिद्ध लेखिका एवं शिक्षाविद रेणु हुसैन,सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता सौम्यजीत पाणी,लेफ्टिनेंट कर्नल अभिषेक शर्मा, साहित्यकार डॉ. मधु चतुर्वेदी, स्कूआस ब्रेवरीज़ एंड बेवरेजेस के निदेशक गौरव शर्मा, नोएडा फिजिकल एजुकेशन कॉलेज के अध्यक्ष डॉ. सुशील राजपूत, बार एसोसिएशन ऑफ इंडिया के संयुक्त महासचिव डॉ. आकाश कौशिक, एक्यूप्रेशर थैरेपिस्ट डॉ. संजीव कुमार शर्मा, समाजसेवी सुशील गौतम, मीडिया कर्मी किरण शर्मा, दिल्ली सरकार की प्रधानाचार्य एवं लेखिका शीतल, नेटबॉल कोच प्रवीण नागर, साकेत कोर्ट के अधिवक्ता गगन भारद्वाज एवं सुप्रसिद्ध अधिवक्ता शेतुका गौड़ शामिल रहे।
विचार, संवाद और संस्कृति पर केंद्रित रहा आयोजन मुख्य अतिथि अरविंदर सिंह लवली ने अपने संबोधन में कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी केवल एक राजनेता नहीं, बल्कि बहुआयामी महान व्यक्तित्व थे, जिनका प्रभाव राजनीति के साथ-साथ साहित्य, संस्कृति और जीवन मूल्यों पर भी गहराई से पड़ा। उन्होंने कहा कि ऐसे सम्मानों का उद्देश्य समाज में सार्थक कार्यों को पहचान देना है तथा मनुष्यता को साहित्य और सांस्कृतिक चेतना के माध्यम से ही सुरक्षित रखा जा सकता है।
अध्यक्षीय उद्बोधन में प्रो. डॉ. बलदेव भाई शर्मा ने कहा कि व्यक्ति का मूल्यांकन उसके कार्य, निजी जीवन और मानवीय मूल्यों के आधार पर होता है। ‘उद्भव’ के सूत्र वाक्य “संवाद से राष्ट्र निर्माण” का उल्लेख करते हुए उन्होंने आज के समाज में बढ़ती संवादहीनता को गंभीर चिंता का विषय बताया।
विशिष्ट अतिथि डॉ. अशोक पांडेय, डॉ. अरुण प्रकाश ढौंडियाल इंद्रजीत शर्मा और प्रो. उमापति दीक्षित ने भी अपने विचार रखे और साहित्य व संस्कृति की सामाजिक भूमिका पर प्रकाश डाला।
गणमान्य उपस्थिति समारोह में देशभर से अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे, जिनमें सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता चंद्रशेखर आश्री, दर्शनानंद गौड़, लेखक अमरनाथ ‘अमर’, राकेश पांडेय, लेखिका डॉ. वीणा मित्तल, इंजी. अमोल प्रचेता, रवि शर्मा, इंजी. अनंत प्रचेता, एकता गौतम, मीनाक्षी शर्मा, मदन मोहन गौतम, शिक्षाविद सतीश शर्मा, अधिवक्ता भव्य गौड़ भवानी, अमन टंडन, गौरव, राजेंद्र पारचा, अरविंद द्विवेदी, प्रेम मिश्रा, राजेंद्र गोयल, नंदकिशोर शर्मा, सुनील कुमार, विक्रम द्विवेदी, मीनाक्षी जटाना, राजू बोहरा और दिनेश उप्रेती प्रमुख थे।
कार्यक्रम का सफल संचालन ‘उद्भव’ के महासचिव-कवि डॉ. विवेक गौतम ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन प्रख्यात अधिवक्ता दर्शनानंद गौड़ द्वारा प्रस्तुत किया गया।