इंद्र वशिष्ठ
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) नेआतंकियों, बदमाशों और ड्रग्स तस्करों के गठजोड़ में शामिल दिल्ली, हरियाणा के तीन बदमाशों की संपत्तियां कुर्क की हैं। इन बदमाशों के आतंकी अर्श डल्ला और विदेश में स्थित अन्य आतंकवादियों से संबंध हैं।
छेनू का घर कुर्क-
उत्तर पूर्वी दिल्ली के कुख्यात बदमाश इरफ़ान उर्फ छेनू पहलवान के घर की कुर्की की गई है। हत्या, जबरन वसूली समेत अनेक आपराधिक मामलों में शामिल छेनू पहलवान पंजाब के बंबीहा गिरोह को हथियार उपलब्ध कराने के अलावा उनके रहने ठहरने का इंतजाम भी करता था।
छेनू पहलवान कौशल चौधरी और भूपी राणा आदि के कहने पर आतंकी/अपराधिक मामलों में शामिल भगोड़े बदमाशों के लिए सुरक्षित ठिकाने का इंतजाम करता था।
घरों की कुर्की-
हरियाणा में गुरुग्राम में बदमाश कौशल चौधरी और अमित डागर के घरों की कुर्की की गई है। ये दोनों विदेश में बैठे आतंकी अर्श डल्ला और गौरब पटयाल उर्फ सौरव ठाकुर उर्फ लकी के खास सहयोगी हैं। कौशल और अमित व्यवसायियों/गायकों/ खिलाड़ियों आदि की हत्या,जबरन वसूली और आतंकित करने के अपराध में शामिल हैं। इसके अलावा ये आतंक और हिंसा के लिए हथियारों भी उपलब्ध कराते हैं। जबरन वसूली से जुटाए धन का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों और बंबीहा समेत अन्य गिरोहों की मदद के लिए करते हैं।
आतंकवाद की आय-
एनआईए द्वारा संगठित अपराध सिंडिकेट में शामिल अपराधियों की कुर्क की गई संपत्तियां ‘आतंकवाद की आय’ पाई गईं, जिनका इस्तेमाल आतंकी साजिश रचने और अपराधों को अंजाम देने के लिए किया गया।
माफिया नेटवर्क-
एनआईए ने अगस्त 2022 में यूएपीए के तहत 3 प्रमुख संगठित अपराध सिंडिकेट के खिलाफ मामले दर्ज किए थे, जिन्होंने उत्तरी भारत के राज्यों में अपने माफिया शैली के नेटवर्क को फैलाया था।यह माफिया गायक सिद्धू मूसेवाला, महाराष्ट्र के बिल्डर संजय बियानी और पंजाब में एक अंतरराष्ट्रीय कबड्डी आयोजक संदीप नंगल अंबिया की हत्या और व्यापारियों से बड़े पैमाने पर जबरन वसूली जैसे सनसनीखेज अपराधों में शामिल है. इनमें से कई साजिशों के मास्टरमाइंड पाकिस्तान और कनाडा सहित विदेशों में या भारत की जेलों में बंद कुख्यात बदमाश है.
जेल में गैंगवार-
कई जेलों के इस घातक गठजोड़ के लिए स्वर्ग बन जाने और गैंगवार के केंद्र बनने की खबरें आई।हाल ही में गोइंदवाल जेल और तिहाड़ जेल के अंदर गैंगवार के कारण हत्याएं हुई है।
विदेश से सक्रिय-
एनआईए को जांच में पता चला था कि कई अपराधी, जो भारत में गैंगस्टरों का नेतृत्व कर रहे थे, पाकिस्तान, कनाडा, फिलीपींस, मलेशिया और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में भाग गए थे. भारत की विभिन्न राज्यों की जेलों में बंद अपराधियों के साथ मिलकर वहां से आतंकी गतिविधियों और अपराध की योजना बना रहे थे। ये जबरन वसूली और लक्षित हत्याएं (टार्गेट किलिंग) कर रहे थे
हवाला, ड्रग्स और हथियारों की तस्करी के जरिए अपनी नापाक गतिविधियों के लिए धन जुटा रहे थे।
एनआईए का टारगेट-
एनआईए की जांच का उद्देश्य आतंकी ,अपराधी, तस्कर सिंडिकेट की मदद करने वाले बुनियादी ढांचे के महत्वपूर्ण तत्वों की पहचान करना और इसमें शामिल लोगों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करना है।
इस तरह के आतंकी नेटवर्क के साथ-साथ उनकी फंडिंग और मददगारों ( सपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर) को खत्म करने के लिए जांच जारी है।
एनआईए द्वारा आतंकियों और माफिया के ऐसे नेटवर्क और उनके सहायक बुनियादी ढांचे को नष्ट करने और ‘आतंकवाद और अपराध की आय’ से बनाई गई उनकी संपत्तियों को कुर्क करने का अभियान तेज किया जाएगा.