
पॉल अवस्थी
स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव केवल भारत की सीमाओं तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसकी गूँज सात समंदर पार भी सुनाई दी। इसी क्रम में मॉन्ट्रियल की धरती पर भारतीय समुदाय ने अत्यंत उत्साह और गर्व के साथ 79वाँ भारतीय स्वतंत्रता दिवस धूमधाम से मनाया।
कार्यक्रम का शुभारंभ राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे के ध्वजारोहण से हुआ, जो मॉन्ट्रियल की फिज़ाओं में शान से लहराता रहा। जैसे ही “भारत माता की जय” और “वंदे मातरम्” के नारों से पूरा प्रांगण गूंजा, हर भारतीय हृदय भावविभोर हो उठा और मानो मातृभूमि से हजारों किलोमीटर दूर भी सभी को भारत की मिट्टी की सुगंध का अनुभव हुआ।

इस अवसर पर बड़ी संख्या में भारतीय मूल के प्रवासी, स्थानीय कनाडाई नागरिक, सांस्कृतिक प्रेमी, सामाजिक कार्यकर्ता और भारतीय उच्चायोग के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। स्थानीय नेताओं और गणमान्य व्यक्तियों ने स्वतंत्रता दिवस की बधाई देते हुए भारत और कनाडा के मजबूत रिश्तों पर प्रकाश डाला और दोनों देशों के बीच सहयोग और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को और प्रगाढ़ करने की बात कही।


कार्यक्रम की विशेषता रही विविध सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ — बच्चों और युवाओं ने देशभक्ति गीतों पर रंगारंग नृत्य प्रस्तुतियाँ दीं, कवियों और वक्ताओं ने आज़ादी के अमर बलिदानियों को काव्य और शब्दों के माध्यम से श्रद्धांजलि अर्पित की। मंच पर गूँजते गीत “सारे जहाँ से अच्छा” और “झंडा ऊँचा रहे हमारा” ने हर श्रोता के मन में रोमांच भर दिया।


इस पूरे कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए इंडिया कनाडा ऑर्गनाइजेशन का हृदय से आभार, जिन्होंने अथक परिश्रम और समर्पण के साथ प्रवासी भारतीय समुदाय को एक मंच पर जोड़ा और स्वतंत्रता दिवस को अविस्मरणीय बना दिया। उनका यह प्रयास न केवल भारतीय संस्कृति को जीवित रखता है, बल्कि नई पीढ़ी को अपनी जड़ों से जोड़ने का सेतु भी बनता है।


मॉन्ट्रियल की ठंडी हवाओं में जब तिरंगा लहराया, तो वह केवल स्वतंत्रता का प्रतीक नहीं रहा, बल्कि वह भारत के गौरव, उसकी लोकतांत्रिक परंपरा और उसकी अदम्य शक्ति का संदेश भी देता रहा। यह आयोजन इस बात का प्रमाण है कि भारत की आत्मा जहाँ भी भारतीय रहते हैं, वहाँ जीवंत रहती है।

इस स्वतंत्रता दिवस ने यह संदेश दिया कि आज़ादी सिर्फ एक ऐतिहासिक घटना नहीं है, बल्कि यह हर पल जीने योग्य प्रेरणा है — भारत माता के उन वीर सपूतों की याद दिलाती है जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति देकर हमें यह स्वतंत्रता का अमूल्य उपहार दिया।

जय हिंद! जय भारत!