इंडियन ट्रस्ट फॉर रूरल हेरिटेज एंड डेवलपमेंट (ITRHD) ने नई दिल्ली स्थित डॉ. अंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय केंद्र में ग्रामीण बौद्ध धरोहर संरक्षण पर तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन की शुरुआत की। उद्घाटन सत्र में पद्म विभूषण डॉ. करण सिंह, धर्माचार्य शान्तुम सेठ, अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के प्रतिनिधि, विद्वान, नीति विशेषज्ञ और संरक्षण क्षेत्र के प्रमुख विशेषज्ञ शामिल हुए।

सम्मेलन के दौरान ITRHD ने भारत में ग्रामीण बौद्ध धरोहर संरक्षण एवं विकास के लिए देश की पहली समर्पित अकादमी स्थापित करने का प्रस्ताव पेश किया, जिसके लिए आंध्र प्रदेश में पाँच एकड़ भूमि आवंटित की गई है। यह अकादमी ग्रामीण बौद्ध स्थलों के दस्तावेजीकरण, संरक्षण, कौशल विकास और स्थानीय समुदायों की भागीदारी पर केंद्रित होगी।
डॉ. करण सिंह ने कहा कि “भारत की सांस्कृतिक शक्ति उसकी बहुलता में है” और बौद्ध धरोहर देश की आत्मा का अभिन्न हिस्सा है। उन्होंने जोर दिया कि ग्रामीण बौद्ध स्थलों की रक्षा के लिए समुदायों को जागरूक और सक्षम बनाना होगा।
धर्माचार्य शान्तुम सेठ ने ग्रामीण शिल्प, पाक परंपराओं और सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण पर बल दिया, जबकि अंतरराष्ट्रीय बौद्ध महासंघ के महानिदेशक अभिजीत हलदर ने कहा कि “बुद्ध की शिक्षाएँ संरक्षण को सामूहिक जिम्मेदारी बनाती हैं।”