लंदन: पाकिस्तान के 37 वर्षीय पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी दानिश कनेरिया ने छह साल तक इनकार करने के बाद आखिरकार स्पॉट फिक्सिंग मामले में शामिल होने की बात कबूली है और इस प्रकरण के चलते एसेक्स के उनके पूर्व साथी मर्विन वेस्टफील्उ को जेल काटनी पड़ी थी. दानिश पाकिस्तान के पूर्व स्पिनर हैं. वे काफी समय से पाकिस्तान टीम का हिस्सा नहीं हैं.
इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड का आजीवन प्रतिबंध झेल रहे कनेरिया ने अल जजीरा टीवी डाक्यूमेंटरी को दिए इंटरव्यू में कहा, ‘‘मेरा नाम दानिश कनेरिया है और मैं स्वीकार करता हूं कि इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड द्वारा 2012 में मेरे ऊपर लगाये गए दो आरोप सही थे.’’ लेग स्पिनर कनेरिया ने कहा, ‘‘मैं एसेक्स के अपने साथी खिलाड़ी मर्विन वेस्टफील्ड से, एसेक्स क्रिकेट क्लब और एसेक्स के प्रशंसकों से माफी मांगना चाहता हूं. मैं पाकिस्तान से माफी मांगता हूं.’’
सबूतों के अभाव में छूट गए थे दानिश
दानिश ने कहा, “मैंने खुद को बेहद मजबूत बनाते हुए यह फैसला लिया है, क्योंकि आप झूठ के साथ जीवन नहीं जी सकते.” स्पॉट-फिक्सिंग के मामले में दानिश को 2010 में वेस्टफील्ड के साथ गिरफ्तार किया गया था लेकिन सबूतों की कमी के कारण दोनों को छोड़ दिया गया. इतने वर्षो में दानिश इन आरोपों से स्वंय को बचाते फिर रहे थे. हालांकि, उन्हें इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड द्वारा आजीवन प्रतिबंधित कर दिया गया था.
हर एक रन के मिले 48 हजार
वेस्टफील्ड ने 2009 में डरहम में 40 ओवरों के एक काउंटी मैच के दौरान अपने पहले ओवर में 12 रन देने की एवज में कथित सटोरिये अनु भट्ट से 7862 डॉलर लिये थे जिसका आज का मूल्य करीबन 5.8 लाख भारतीय रुपये हैं. कनेरिया की मध्यस्थता में यह सौदा हुआ था जिसने वेस्टफील्ड को भट्ट से मिलवाया था.
दानिश अकेले ऐसे पाकिस्तानी क्रिकेटर नहीं
दानिश कनेरिया पहले पाकिस्तानी क्रिकेटर नहीं हैं जो कि मैच फिक्सिंग या कि स्पॉट फिक्सिंग में फंसे हों और अपना अपराध कबूला हो. इससे पहले पाकिस्तान के पूर्व कप्तान सलमान बट ने भी अपना अपराध कबूल करने संबंधी बयान पर हस्ताक्षर किए थे. सलमान बट ने पाकिस्तान और इंग्लैंड के बीच 2010 की सीरीज के दौरान स्पॉट फिक्सिंग में अपनी भूमिका को स्वीकार किया जिसके कारण उन्हें प्रतिबंधित किया गया था.
बट सहित तेज गेंदबाज मोहम्म्द आमिर और मोहम्मद आसिफ को भी अगस्त 2010 में इंग्लैंड के खिलाफ लार्डस में जान बूझकर नोबाल करने के षडयंत्र में शामिल होने दोषी पाया गया था. इन पर कम से कम पांच साल का प्रतिबंध लगाया गया था. मोहम्मद आमिर की तो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी भी हो चुकी है.
एशिया कप में भी स्पाट फिक्सिंग का दिखा था साया
वहीं आईसीसी भी क्रिकेट में भ्रष्टाचार को मिटाने के लिए प्रतिबद्धता दिखा रहा है. वहीं मैच या स्पॉट फिक्सिंग की कोशिशें भी कम नहीं हुई हैं. हाल ही में एशिया कप में स्पॉट फिक्सिंग फिर चर्चा में आई जब टूर्नामेंट के दौरान अफगानिस्तान के स्टार क्रिकेटर मोहम्मद शहजाद से फिक्सिंग के लिए संपर्क किया गया था. शहजाद ने इसकी जानकारी टीम प्रबंधन से की. टीम प्रबंधन ने इसकी सूचना आईसीसी तक पहुंचाई. अब मामले की जांच की जा रही है.
इस साल 5 कप्तानों से किया गया संपर्क
स्पॉट फिक्सिंग मामलों की जांच की निगरानी आईसीसी की एंटी करप्शन यूनिट (एसीयू) के प्रमुख एलेक्स मार्शल ने हाल ही में बताया कि एक साल में 5 अंतरराष्ट्रीय टीमों के कप्तानों से फिक्सिंग के लिए संपर्क किया जा चुका है. इन 4 कप्तानों में से पाकिस्तान के सरफराज अहमद और जिम्बाब्वे के ग्रीम क्रीमर शामिल हैं. दोनों ने सार्वजनिक तौर पर माना था कि उन्हें फिक्सिंग की पेशकश की गई. सरफराज ने श्रीलंका सीरीज के दौरान इस बात को सामने रखा था.