नयी दिल्ली : वायु गुणवत्ता पर वाहनों से होने वाले उत्सर्जन के प्रतिकूल प्रभाव को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने परिवहन मंत्रालय को निर्देश दिया है कि इस बात का अध्ययन कराया जाए कि राष्ट्रीय राजधानी में सड़कों की क्षमता के अनुपात में कितने वाहनों को आने की अनुमति दी जा सकती है। एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की पीठ ने कहा कि अवैध पार्किंग और अतिक्रमण की समस्या न केवल दिल्ली में बल्कि सभी बड़े शहरों में गंभीर है।
पीठ ने कहा, ‘‘शहर में सड़कों की क्षमता के अनुपात में कितने वाहनों को आने की अनुमति दी जा सकती है, यह सवाल महत्वपूर्ण है जिस पर पर्यावरण के व्यापक हित में एक नीति बनाने पर विचार करना जरूरी है। खासतौर पर उन शहरों या क्षेत्रों के लिए यह जरूरी है जहां वायु गुणवत्ता मानकों के अनुरूप नहीं है।’’
उसने कहा, ‘‘केंद्रीय परिवहन मंत्रालय द्वारा संबंधित राज्यों से परामर्श करते हुए इस बारे में विचार करने की जरूरत है। इस विषय पर विशेषज्ञों की समिति बनाने का सुझाव दिया जा सकता है जो समयबद्ध तरीके से मुद्दे पर विचार करेगी।’’ अधिकरण ने कहा कि वाहनों से होने वाला उत्सर्जन वायु प्रदूषण बढ़ाता है जो लोगों की सेहत पर बुरा असर डालता है। अधिकरण ने मंत्रालय को 31 मार्च तक कारवाई रिपोर्ट ईमेल के जरिये या सीधे पेश करने के निर्दश दिए हैं। इस पर अगले साल 29 अप्रैल को विचार किया जा सकता है।
 
                 
                 
                 
                 
                 
                