दीवाली के उत्सव पर यूं तो हर व्यक्ति मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए उनकी आराधना करता है। भक्तगण उनकी कृपा पाने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहते। लेकिन अक्सर देखने में आता है कि कुछ लोगों पर मां की कृपा होती है तो कुछ मुफलिसी के दिन गुजारते हैं। पर क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों होता है। जिस तरह हर व्यक्ति अलग होता है, उसकी राशि व ग्रह−नक्षत्र भी अलग होते हैं और उसके ग्रहों की दशाओं का उसके जीवन पर व्यापक प्रभाव पड़ता है। ऐसे में अगर राशि को ध्यान में रखते हुए लक्ष्मी पूजन किया जाए तो इससे विशेष लाभ प्राप्त होता है। तो चलिए जानते हैं कि राशि अनुसार माता लक्ष्मी के किस स्वरूप का पूजन किया जाए और वह भी किस तरह−
पूजन के दौरान प्रथम पूज्य गणेश के अतिरिक्त माता लक्ष्मी के विभिन्न स्वरूपों की पूजा की जाती है।
लक्ष्मी पूजन के समय राशि अनुसार एवं जन्म लग्न को दृष्टिगोचर रखते हुए अष्टलक्ष्मी के निम्न स्वरूप मंत्र का ध्यान−पूजन, अर्चन, जप किया जाना हितकर रहेगा।
राशि लक्ष्मी स्वरूप मंत्र मंत्र राशि अनुसार
मेष आद्य लक्ष्मी ओम आद्य लक्ष्म्यै नमः ओम ऐं क्लीं सोः
वृष विद्या लक्ष्मी ओम विद्या लक्ष्म्यै नमः ओम ऐं क्लीं श्रीं
मिथुन काम लक्ष्मी ओम काम लक्ष्म्यै नमः ओम क्लीं ऐं सोः
कर्क सौभाग्य लक्ष्मी ओम सौभाग्य लक्ष्म्यै नमः ओम ऐं क्लीं श्रीं
सिंह भोग लक्ष्मी ओम भोग लक्ष्म्यै नमः ओम ह्रीं श्रीं सोः
कन्या काम लक्ष्मी ओम काम लक्ष्म्यै नमः ओम श्रीं ऐं सोः
तुला विद्या लक्ष्मी ओम विद्या लक्ष्म्यै नमः ओम ह्रीं क्लीं श्रीं
वृश्चिक आद्य लक्ष्मी ओम आद्य लक्ष्म्यै नमः ओम ऐं क्लीं सोः
धनु सत्य लक्ष्मी ओम सत्य लक्ष्म्यै नमः ओम ह्रीं कलीं सोः
मकर योग लक्ष्मी ओम योग लक्ष्म्यै नमः ओम ऐं क्लीं ह्रीं श्रीं सोः
कुम्भ योग लक्ष्मी ओम योग लक्ष्म्यै नमः ओम ह्रीं ऐं क्लीं श्री
मीन सत्य लक्ष्मी ओम सत्य लक्ष्म्यै नमः ओम ह्रीं क्लीं सोः