सर्दियों में छह माह तक के बच्चों को किसी प्रकार के तेल से मालिश नहीं करनी चाहिए। क्योंकि तेल में आर्गेनिक तत्व होता है, जो कि नवजात की त्वचा के लिए नुकसानदेह होता। सर्दी में नवजात की त्वचा से बड़े लोगों की अपेक्षा 50 फीसदी ज्यादा पानी निकल जाता है। इससे नवजात की त्वचा शुष्क हो जाती है। इस वजह से त्वचा पर चकत्ते पड़ना, दाने निकलने की समस्या हो जाती है। ऐसे में नवजात की त्वचा को नम रखने के लिए उसे जन्म से छह माह तक मॉश्चराइजर लगाना चाहिए। नवजात को संक्रमण और एलर्जी से बचाव होगा। यह जानकारी शनिवार को बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. आशुतोष वर्मा ने दी।
इनफर्टिलिटी से 15 फीसदी परेशान
आईएमए के अध्यक्ष डॉ. सूर्यकांत और सचिव डॉ. जेडी रावत ने बताया कि एसोसिएशन की ओर से दो दिवसीय प्रदेश स्तरीय सम्मेलन जॉपलिंग रोड स्थित एक होटल में शुरू हुआ है, जो कि रविवार तक चलेगा। अजंता अस्पताल की डॉ. गीता खन्ना ने बताया कि देश में 15 फीसदी लोग इनफर्टिलिटी से परेशान हैं।
हॉर्ट अटैक में बरतें सावधानी
हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. राकेश सिंह ने बताया कि सर्दी में हॉर्ट अटैक पड़ने का खतरा काफी बढ़ जाता है। ऐसे में लोगों को काफी सतर्क रहने की जरूरत है। हॉर्ट अटैक पड़ने के एक से डेढ़ घंटे के बीच मरीज की एंजियोग्राफी जरूरी हो जानी चाहिए। क्योंकि इससे तुरंत यह पता चल जाता है कि मरीज को एंजियोप्लास्टी और बाईपास सर्जरी की जरूरत है या नहीं। मरीज की एंजियोप्लास्टी समय रहते नहीं होती है तो इससे उसकी दिल की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं।
सर्जन की कमी
डॉ. मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि पूरे प्रदेश में कैंसर सर्जन की कमी है। हर साल दो लाख नए कैंसर के मरीज सामने आ रहे हैं। इनमें से 90 फीसदी मरीजों का कैंसर विशेषज्ञों से इलाज नहीं हो पाता है। यहां पर डॉ. अलीम सिद्दीकी, डॉ. बीपी सिंह, डॉ. आनंद श्रीवास्तव, डॉ. सरिता सिंह, डॉ. शैलेंद्र यादव, डॉ. अभिषेक शुक्ला समेत अन्य अलग-अलग विशेषज्ञों ने अपने विचार बदलती जीवनशैली और बढ़ती बीमारी व मरीजों की संख्या पर साझा किए।