पांच राज्यों के विधानसभा नतीजे आम आदमी पार्टी के लिए बुरी खबर लेकर आए हैं। पार्टी ने जिन तीन राज्यों में चुनाव लड़ा था, वहां अधिकांश उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई है। उनके सभी उम्मीदवारों के वोट को जोड़ दिया जाए तो भी उन्हें राज्यों में नोटा से भी कम वोट मिले हैं। वहीं, ‘आप’ का कहना है कि उसने हार-जीत के लिए नहीं, बल्कि संगठन विस्तार के लिए चुनाव लड़ा था। उसमें पार्टी काफी हद तक सफल हुई है।
आम आदमी पार्टी ने राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में पूरी ताकत के साथ चुनाव लड़ने की बात कही थी। उसने राजस्थान में 142 सीटों पर, मध्य प्रदेश में 208 और छत्तीसगढ़ में 85 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। पार्टी के दिल्ली प्रदेश संयोजक गोपाल राय ने इन राज्यों में मेहनत भी की थी। मगर अब जो नतीजे सामने आए हैं, वह उम्मीद से भी कम आंके गए हैं।
सबसे बेहतर प्रदर्शन छत्तीसगढ़ में :
नतीजों पर नजर डालें तो ‘आप’ का सबसे बेहतर प्रदर्शन छत्तीसगढ़ में रहा है। यहां पर शाम छह बजे तक हुई मतगणना के मुताबिक, कुल पड़े मतों का महज 0.9 फीसदी वोट ही मिला है। यह हिस्सा नोटा को मिले मत से भी कम है। छत्तीगढ़ में नोटा पर ही 2.1 फीसदी वोट मिला है। हालांकि पार्टी का कहना है कि यह तुलना करना ठीक नहीं है, क्योंकि नोटा सभी सीटों का जोड़ा जाता है। हमने 90 में से महज 85 सीटों पर ही चुनाव लड़े थे। इसी तरह मध्य प्रदेश में महज 0.7 फीसदी और राजस्थान में 0.4 फीसदी वोट मिले हैं।
तीन राज्यों के नतीजे पर दिल्ली प्रदेश के संय़ोजक और छत्तीसगढ़ के प्रभारी का कहना है कि राज्यों के चुनावी नतीजे बता रहे हैं कि जनता मोदी को हटाना चाहती है। इसलिए वह उसे वोट दे रही है जो उसे हरा सके। उन राज्यों पर आगे की रणनीति पर उन्होंने कहा कि इसपर आगे पार्टी के मंच पर चर्चा करके तय किया जाएगा।
राज्य ‘आप’ ने उतारे प्रत्याशी कुल वोट शेयर नोटा वोट शेयर
छत्तीसगढ़ 85 0.9 (कुल मत 78208) 2.1 (1.92 लाख मत)
मध्य प्रदेश 208 0.7 (कुल मत 1,96,08) 1.5 (4.2 लाख)
राजस्थान 142 0.4 (कुल मत 1,26,909) 1.3 (4.45 लाख)