नई दिल्ली : दिल्ली में आगामी लोकसभा चुनावों के लिए आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन की अटकलों को लेकर पार्टी की वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने बुधवार को कहा कि इस बाबत हाईकमान जो भी फैसला लेगा, वो हमें मंजूर होगा. न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में उन्होंने यह बात की. दरअसल, लोकसभा चुनाव 2019 में दिल्ली की सभी सातों सीट जीतने के लिए एक ओर जहां बीजेपी ने बैठकों का दौर शुरू कर दिया है, वहीं, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन की सुगबुगाहट एक बार फिर तेज है. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, आप पार्टी का नेतृत्व दिल्ली की सात में से दो लोकसभा सीटों पर कांग्रेस के साथ साझा उम्मीदवार उतारने तक संभावित गठबंधन को सीमित रखने की सोच रहा है. हालांकि, दोनों पार्टियों के नेता एक साथ मंच साझा करने से जरूर बच रहे हैं.
5 सीटों पर AAP घोषित कर चुकी उम्मीदवार
आम आदमी पार्टी दिल्ली की सात सीटों में पांच के संभावित उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर चुकी है. ये पांच सीटें: उत्तर-पूर्व दिल्ली, पूर्व दिल्ली, उत्तर-पश्चिम दिल्ली, दक्षिण दिल्ली. इसमें दिलीप पांडेय उत्तर-पूर्व दिल्ली, दक्षिणी दिल्ली से राघव चड्ढा, पंकज गुप्ता चांदनी चौक से, पूर्वी दिल्ली से आतिशी, उत्तर पश्चिम गुग्गन सिंह रंगा के नाम फाइनल कर चुकी है. अभी तक नई दिल्ली और पश्चिमी दिल्ली सीट को छोड़कर पांच सीटों के लिए पार्टी संयोजक के रूप में संभावित उम्मीदवारों की घोषणा पहले ही कर दी है.
इन दो सीटों पर हो सकता है गठबंधन!
चर्चा है कि नई दिल्ली और पश्चिमी दिल्ली की सीट पर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच गठबंधन हो सकता है. सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस ने अपने आंतरिक सर्वे में पाया है कि अगर साझा उम्मीदवार नहीं उतारा गया तो इन दो सीटों पर उसकी जीत संभव नहीं है. ऐसा ही कुछ अंदेशा आम आदमी पार्टी को भी हो रहा है. सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन इस गठबंधन में सबसे बड़ी बाधा हैं. माकन किसी भी सूरत में आम आदमी पार्टी से गठबंधन नहीं चाहते लेकिन हाईकमान उन्हें मनाने में लगा हुआ है. देखना होगा कि वह इसमें कितना सफल हो पाती है.