नई दिल्ली।
चंडीगढ़ गोल्फ क्लब में बतौर कैडी का काम शुरू कर प्रोफेशनल गोल्फर बनने वाले 23 वर्षीय गोल्फर संजू कुमार की कहानी पूरी फिल्मी है। फिल्हाल इस खेल की बदौलत अब संजू को स्पोर्ट्स कोटे के तहत रेलवे में बतौर जूनियर क्लर्क की नौकरी मिल गई है। अभी वह पटियाला में तैनात हैं। और बतौर गोल्फर अभी भी उनका संघर्ष जारी है।
बता दें कि संजू ने 13 वर्ष की उम्र में चंडीगढ़ गोल्फ क्लब में बतौर कैडी काम करना शुरू किया था। एक साल तक कैडी का काम किया और इसी दौरान दूसरे गोल्फर्स की स्टिक से गोल्फ के गुर भी सीख लिए। एक गोल्फर ने संजू की प्रतिभा को देखा और उसे प्रमोट किया। उसकी प्रतिभा को देख दुबई के एक बिजनेसमैन हसन मैजी और मेहर बाबा चैरिटेबल ट्रस्ट के एएवस चट्ठा ने उनकी मदद की और उन्हें स्पांसर किया। संजू ने अगले दो-तीन वर्ष में गोल्फ में अपना नाम बनाया और बतौर प्रोफेशनल गोल्फ खेलने लगे।
चंडीगढ़ गोल्फ क्लब चंडीगढ़ में 300 के करीब कैडी हैं। इन कैडियों में संजू ऐसे कैडी रहे, जिन्होंने अपने हालातों को अपनी ताकत बनाकर गोल्फ की दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाई। संजू की उम्र चाहे छोटी हो लेकिन उनका संघर्ष और उनकी उपलब्धियों की फेहरिस्त काफी लंबी है। उन्होंने डेराबस्सी गोल्फ टूर्नामेंट, दिल्ली आईटीसी गोल्फ टूर्नामेंट, लुधियाना गोल्फ कोर्स टूर्नामेंट, लखनऊ गोल्फ कोर्स टूर्नामेंट, फोरेस्ट हिल गोल्फ टूर्नामेंट, पंचकूला गोल्फ टूर्नामेंट और चंडीगढ़ गोल्फ टूर्नामेंट जीते। इसके अलावा कई टूर्नामेंट में वह रनरअप व तीसरे स्थान पर रहे। पिछले वर्ष जयपुर में आयोजित नेशनल एमच्योर गोल्फ टूर्नामेंट में संजू ने चौथा स्थान हासिल किया।
पिता की मदद को शुरू किया था काम
संजू ने बताया कि उनके पिता ओम प्रकाश पहले होमगार्ड की नौकरी करते थे और अभी सेक्टर-7 में एक हार्डवेयर की दुकान पर बतौर हेल्पर काम करते हैं। मैंने उनकी मदद के लिए ही पढ़ाई के साथ कैडी का काम शुरू किया था। अपनी मेहनत से मैंने अपने पिता के साथ मिलकर हाल ही सकतेड़ी में अपना घर बनाया, यह भी मेरे जीवन की बड़ी उपलब्धि है। संजू ने बताया कि मैं नहीं जानता कि यह सब कैसे हुआ, मैंने खूब मेहनत की और लोगों ने मेरी मेहनत को सराहा और आगे बढ़ने में खूब मदद की। मैं उन सभी का शुक्रिया अदा करता करता हूं। अभी भी मैं नियमित रूप से टीएलडबल्यू शूटिंग रेंज पटियाला और चंडीगढ़ गोल्फ क्लब में प्रैक्टिस करता हूं।
कैडी को अब नहीं गोल्फ खेलने की अनुमति
चंडीगढ़ क्लब में वर्ष 2019 के बाद कैडियों को गोल्फ खेलने पर रोक लगा दी है। यह पहले से होता तो संजू जैसे कैडी के लिए गोल्फर बनने का सपना कभी पूरा नहीं हो पाता। कई प्रतिभावान कैडी अभी भी गोल्फर बनना चाहते हैं लेकिन चंडीगढ़ गोल्फ क्लब के आदेशों की वजह से वह गोल्फ नहीं खेल पाते हैं। दूसरी तरफ गोल्फ क्लब के पदाधिकारियों की दलील है कि गोल्फ क्लब के रखरखाव में करोड़ों रुपये खर्च होते हैं, यह खर्च गोल्फ क्लब के सदस्यों से लिया जाता है। ऐसे में कैडियों को गोल्फ खेलने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।