
देश की राजधानी दिल्ली के प्रतिष्ठित स्कूल डीपीएस द्वारका में बच्चों के मानसिक उत्पीड़न, भेदभाव और प्रताड़ना के गंभीर आरोपों को लेकर अभिभावक लगातार प्रशासन, सरकार और कानून की शरण में जा रहे हैं। बीते 25 दिनों से चल रहे इस मामले में अब तक बच्चों को कोई राहत नहीं मिली है, जिससे अभिभावकों में भारी आक्रोश है।
अभिभावकों ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस
अभिभावकों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर संविधान के चौथे स्तंभ – मीडिया – से हस्तक्षेप की अपील की है, ताकि बच्चों की आवाज सरकार और सिस्टम तक पहुँच सके। उनका आरोप है कि स्कूल प्रशासन द्वारा बच्चों को प्रताड़ित किया जा रहा है और शासन-प्रशासन मूक दर्शक बने हुए हैं।
क्या है मामला?
20 मार्च 2025 से अब तक 50 से अधिक बच्चे स्कूल प्रशासन की प्रताड़ना और मानसिक उत्पीड़न का शिकार हो चुके हैं। जिलाधिकारी दक्षिण पश्चिम दिल्ली की जांच, शिक्षा निदेशालय के निर्देश, और सरकार के आश्वासन के बावजूद कोई प्रभावी कार्यवाही नहीं हुई है। स्कूल पर कोविड काल से लेकर अब तक लगातार नियमों की अवहेलना और शिक्षा का व्यवसायीकरण करने के आरोप भी लगाए गए हैं।

अभिभावकों की मांग
अभिभावकों ने स्कूल प्रशासन के खिलाफ प्रभावी कार्यवाही करने और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है। वे चाहते हैं कि सरकार और प्रशासन इस मामले में गंभीरता से संज्ञान लें और बच्चों के हित में फैसला लें।डीपीएस द्वारका में बच्चों की सुरक्षा पर सवाल
देश की राजधानी दिल्ली के प्रतिष्ठित स्कूल डीपीएस द्वारका में बच्चों के मानसिक उत्पीड़न, भेदभाव और प्रताड़ना के गंभीर आरोपों को लेकर अभिभावक लगातार प्रशासन, सरकार और कानून की शरण में जा रहे हैं। बीते 25 दिनों से चल रहे इस मामले में अब तक बच्चों को कोई राहत नहीं मिली है, जिससे अभिभावकों में भारी आक्रोश है।
अभिभावकों ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस
अभिभावकों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर संविधान के चौथे स्तंभ – मीडिया – से हस्तक्षेप की अपील की है, ताकि बच्चों की आवाज सरकार और सिस्टम तक पहुँच सके। उनका आरोप है कि स्कूल प्रशासन द्वारा बच्चों को प्रताड़ित किया जा रहा है और शासन-प्रशासन मूक दर्शक बने हुए हैं।
क्या है मामला?
20 मार्च 2025 से अब तक 50 से अधिक बच्चे स्कूल प्रशासन की प्रताड़ना और मानसिक उत्पीड़न का शिकार हो चुके हैं। जिलाधिकारी दक्षिण पश्चिम दिल्ली की जांच, शिक्षा निदेशालय के निर्देश, और सरकार के आश्वासन के बावजूद कोई प्रभावी कार्यवाही नहीं हुई है। स्कूल पर कोविड काल से लेकर अब तक लगातार नियमों की अवहेलना और शिक्षा का व्यवसायीकरण करने के आरोप भी लगाए गए हैं।
अभिभावकों की मांग
अभिभावकों ने स्कूल प्रशासन के खिलाफ प्रभावी कार्यवाही करने और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है। वे चाहते हैं कि सरकार और प्रशासन इस मामले में गंभीरता से संज्ञान लें और बच्चों के हित में फैसला लें।