
ब्रिटेन की प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी ऑफ़ वॉरविक ने अपनी स्थापना के 60 गौरवशाली वर्षों को चिह्नित करते हुए नई दिल्ली स्थित होटल शांगरी-ला में एक भव्य मीडिया संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया। इस आयोजन का उद्देश्य विश्वविद्यालय की शैक्षणिक उपलब्धियों, शोध कार्यों, वैश्विक साझेदारियों और नवाचार के प्रभाव को साझा करना था।
कार्यक्रम में यूनिवर्सिटी के वरिष्ठ प्रतिनिधियों ने विशेष रूप से यूके से भारत आकर भाग लिया। इनमें अजय टेली (ग्लोबल चीफ कम्युनिकेशंस, मार्केटिंग एंड कंटेंट ऑफिसर) और सतनाम राणा-ग्रिंडले (डायरेक्टर ऑफ कम्युनिकेशंस – कॉरपोरेट ब्रांड) शामिल थे। इन अधिकारियों ने भारतीय मीडिया से संवाद कर भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच शिक्षा व शोध के क्षेत्र में सहयोग को और गहरा करने की बात कही।
भारत के साथ मजबूत रिश्ता
कार्यक्रम में वॉरविक यूनिवर्सिटी ने भारत में शिक्षा, उद्योग और नवाचार में अपनी साझेदारी को रेखांकित किया। टाटा समूह के साथ 25 वर्षों से चली आ रही शोध साझेदारी इसका बेहतरीन उदाहरण है। यूनिवर्सिटी ने भारत में अपने पूर्व छात्रों की उपलब्धियों को भी विशेष रूप से सराहा—जो देश के विभिन्न क्षेत्रों में नेतृत्व, नवाचार और उद्यमिता का प्रतीक बनकर उभरे हैं।
पूर्व छात्रा ममता मरासिनी की प्रेरक कहानी
ऐसी ही एक प्रेरणादायक पूर्व छात्रा हैं ममता मरासिनी, जिन्होंने वॉरविक बिज़नेस स्कूल से एमएससी इन बिजनेस विद मार्केटिंग किया है। आज ममता Roar Corp नामक एक क्रिएटिव एजेंसी की संस्थापक हैं, जिसका संचालन नई दिल्ली और काठमांडू दोनों से होता है।

नवंबर 2023 में शुरू हुई यह एजेंसी आज ब्रांड कंसल्टिंग, इवेंट प्रोडक्शन, सोशल मीडिया मार्केटिंग, और इन्फ्लुएंसर अभियानों में सक्रिय है। तकनीक और कहानी कहने की कला को मिलाकर Roar अंतरराष्ट्रीय ब्रांड्स के लिए प्रभावशाली और उद्देश्यपूर्ण अभियानों का निर्माण करती है।
ममता को उनकी टीम ‘चीफ़ लायनेस’ के नाम से जानती है। वे कहती हैं, “Roar सिर्फ एक एजेंसी नहीं है, यह मेरी मेहनत और जुनून से बनी सोच है। हम हर प्रोजेक्ट को रणनीति और रचनात्मकता के साथ लेते हैं।”
आज तक Roar ने Superdry, Yamaha, G Star Raw और Mothercare जैसे बड़े ब्रांड्स के लिए कार्य किया है।
वॉरविक से मिली दिशा और आत्मबल
ममता के अनुसार, वॉरविक ने न सिर्फ उन्हें मार्केटिंग का गहरा ज्ञान दिया, बल्कि आत्मविश्वास और दृष्टिकोण भी दिया जिससे वे अपनी राह खुद तय कर सकीं। “मैं गर्व से कह सकती हूँ कि मैं वॉरविक की पूर्व छात्रा हूँ,” वे मुस्कुराकर कहती हैं।
अंतरराष्ट्रीय सोच, स्थानीय कार्यान्वयन
Roar का उद्देश्य केवल ब्रांड प्रचार नहीं, बल्कि ब्रांड्स और लोगों के बीच एक मजबूत भावनात्मक रिश्ता बनाना है। ममता का मानना है कि “मार्केटिंग केवल दिखाने के लिए नहीं, जोड़ने और प्रभावित करने का एक माध्यम होना चाहिए।”