
पर्यावरण प्रेम, अहिंसा और मानव सेवा के अप्रतिम प्रतीक, परम पूज्य आचार्य सुशील कुमार महाराज के पर्यावरण जन्म शताब्दी वर्ष का शुभारंभ नई दिल्ली स्थित अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में अत्यंत गरिमामय और भव्य रूप से संपन्न हुआ। यह आयोजन न केवल गुरुदेव के सिद्धांतों का उत्सव था, बल्कि एक वैश्विक पर्यावरणीय जागृति का आह्वान भी।
इस ऐतिहासिक अवसर की शोभा बढ़ाई भारत के 14वें राष्ट्रपति माननीय रामनाथ कोविंद ने, साथ ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले, विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार, परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती, वरिष्ठ चिंतक कृष्णा साह विद्यार्थी, किशोर मकवाना, विश्व अहिंसा संघ ट्रस्ट के उपाध्यक्ष कमल ओसवाल, अध्यक्ष गौतम ओसवाल, कोषाध्यक्ष कुलदीप जैन, दिल्ली प्रांत विहिप अध्यक्ष कपिल खन्ना एवं प्रसिद्ध समाजसेवी सत्यभूषण जैन समेत अनेकों गणमान्य व्यक्तित्वों ने।

भारंभ: श्रद्धांजलि और शपथ से
कार्यक्रम की शुरुआत एक विमान दुर्घटना में दिवंगत आत्माओं के प्रति श्रद्धांजलि स्वरूप एक मिनट के मौन से हुई। इसके पश्चात सभी उपस्थितजनों को पर्यावरण संरक्षण की सामूहिक शपथ दिलाई गई, जिससे वातावरण गूंज उठा – “धरती बचाओ, जल बचाओ, वायु को शुद्ध करो!”
श्री कोविंद एवं होसबाले द्वारा कल्पवृक्ष जलाभिषेक गुरुदेव के चरणों में कल्पवृक्ष को जल अर्पित कर महोत्सव का उद्घाटन किया गया। इस अवसर पर दत्तात्रेय होसबाले ने घोषणा की कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का आगामी शताब्दी महोत्सव पर्यावरण संरक्षण को समर्पित रहेगा।

साध्वी दीप्ति ने अतिथियों का स्वागत पौधों की भेंट द्वारा किया – जो भारतीय संस्कृति में शुभता और हरियाली का प्रतीक है। उन्होंने कहा: “गुरुदेव वो दिव्य पुष्प हैं, जिनकी सुगंध आज भी हमारे जीवन में हरियाली घोलती है।” “उनके अरावली बचाओ अभियान के अंतर्गत 53,000 लोगों को पर्यावरण की शपथ दिलाई गई थी।”
“गुरुदेव की प्रेरणा से आज मैं संकल्प लेती हूं कि 15 जून 2025 से जून 2026 तक हम ‘एक करोड़ कल्पवृक्ष’ रोपित करेंगे। जो भी 9 वृक्ष लगाएगा, वह ‘पर्यावरण वीर’ कहलाएगा।”
उन्होंने गुरुदेव के वाक्य को दोहराया – “मिट्टी, पानी, धूप, हवा – सब रोगों की एक दवा।”और सभी से आग्रह किया कि – “9-9 कल्पवृक्ष लगाकर धरती माँ को ऋण मुक्त करें।”

सवामी चिदानंद सरस्वती ने कहा: “मरण उसका होता है जो केवल अपने लिए जीते हैं, और स्मरण उनका जो समाज के लिए जिए। गुरुदेव आज भी अपने कार्यों में जीवित हैं।”
आलोक कुमार ने वर्तमान वैश्विक संकटों का समाधान करुणा और अहिंसा में बताया:”यदि हम दूसरों के दुःख से दुखी नहीं हो सकते, तो विश्व शांति का सपना अधूरा रहेगा।”
कार्यक्रम के अंत में विश्व अहिंसा संघ ट्रस्ट के अध्यक्ष गौतम ओसवाल ने सभी महानुभावों का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस आयोजन के प्रमुख सहयोगी सत्यभूषण जैन ने कल्पवृक्ष संकल्प की मुक्तकंठ से सराहना की और साध्वी दीप्ति को पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया।