
श्रावण मास की पावन शिवरात्रि के अवसर पर झण्डेवाला देवी मंदिर में भगवान शिव का भव्य रुद्राभिषेक श्रद्धा, भक्ति और विधि-विधान के साथ संपन्न हुआ। सुबह से ही मंदिर में भक्तों का तांता लग गया और “हर हर महादेव” के जयघोष से संपूर्ण वातावरण शिवमय हो उठा।


मंदिर के दोनों शिवालयों — ऊपरी नवीन शिवालय एवं प्राचीन गुफा शिवालय — में विशेष पूजा-अर्चना, रुद्राभिषेक तथा दूध, जल और पुष्प अर्पण का क्रम पूरे दिन चलता रहा।
प्राचीन गुफा वाले शिवालय में पूर्व आरक्षित भक्तों को ही रुद्राभिषेक की अनुमति दी गई थी। मंदिर प्रशासन ने यह व्यवस्था श्रद्धालुओं की सुविधा व भीड़ नियंत्रण हेतु पहले से की थी। वहीं ऊपरी शिवालय में प्रातःकाल से ही भक्तों ने दूध, जल, बिल्वपत्र व गंगाजल अर्पित करते हुए भोलेनाथ का पूजन किया। यद्यपि इस बार कांवड़ लेकर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या अपेक्षाकृत कम रही, लेकिन श्रद्धा व भक्ति में कोई कमी नहीं आई।

मंदिर प्रशासन एवं सेवा दल की ओर से संपूर्ण आयोजन की निगरानी एवं समन्वयन की जिम्मेदारी मीडिया प्रमुख नंद किशोर सेठी द्वारा कुशलतापूर्वक निभाई गई। उन्होंने स्वयं मौके पर उपस्थित रहकर सेवादारों को निर्देशित किया और भक्तों के मार्गदर्शन में अहम भूमिका अदा की। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया: “श्रावण मास में हर सोमवार और शिवरात्रि के दिन प्राचीन गुफा शिवालय में पाँच बार रुद्राभिषेक किया जाता है। हजारों भक्तों ने भोलेनाथ का जलाभिषेक कर आशीर्वाद प्राप्त किया। सेवादारों ने पूरी निष्ठा से दिनभर सेवा दी, जिससे भक्तजन सुचारू रूप से पूजन कर सकें।”
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए साफ-सफाई, जल प्रबंध, और लाइन व्यवस्था को लेकर विशेष सतर्कता बरती गई। पूरे मंदिर परिसर में श्रद्धा, सेवा और अनुशासन का अद्भुत समन्वय देखने को मिला।