
New Delhi: Congress President Mallikarjun Kharge addresses the AICC Observers’ meeting at Indira Bhawan in New Delhi on Thursday, September 25, 2025. (Photo: IANS/AICC)
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को मंगलवार रात बुखार, थकान और सांस लेने में तकलीफ की शिकायत के बाद बेंगलुरु स्थित एमएस रमैया मेमोरियल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। खड़गे की सेहत के बारे में उनके बेटे और कर्नाटक सरकार में मंत्री प्रियंक खड़गे ने जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मल्लिकार्जुन खड़गे की हालत स्थिर है और वे ठीक हैं।
कर्नाटक सरकार में मंत्री प्रियंक ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट शेयर कर बताया, “खड़गे को पेसमेकर लगवाने की सलाह दी गई है और वे इसके लिए अस्पताल में भर्ती हैं। उनकी स्थिति स्थिर है और वे ठीक हैं। आप सभी की चिंता और शुभकामनाओं के लिए आभार।”
अस्पताल सूत्रों के अनुसार, खड़गे को मंगलवार रात को बुखार और पैर में दर्द की शिकायत के बाद अस्पताल लाया गया था। उनकी नियमित चिकित्सा जांच (जिसमें ईसीजी भी शामिल है) की गई और डॉक्टरों ने उन्हें भर्ती होने की सलाह दी। डॉक्टरों ने पुष्टि की है कि उनकी स्थिति स्थिर है और उनका इलाज सामान्य वार्ड में किया जा रहा है।
वरिष्ठ डॉक्टर उनकी सेहत की निगरानी कर रहे हैं। पार्टी सूत्रों के अनुसार, खड़गे ने मंगलवार सुबह अपनी राजनीतिक गतिविधियां सामान्य रूप से जारी रखीं और वह सामान्य दिख रहे थे।
मल्लिकार्जुन खड़गे बिहार विधानसभा चुनाव प्रचार में सक्रिय रूप से हिस्सा ले रहे हैं। उन्होंने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बिहार चुनाव में ‘वोट चोरी’ के माध्यम से जीतने की कोशिश का आरोप लगाया था।
पटना में राहुल गांधी की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के समापन के दिन एक सार्वजनिक सभा में खड़गे ने कहा था, “प्रधानमंत्री मोदी को चोरी करने की आदत है। वह वोट चुराते हैं, पैसे चुराते हैं और वे उन लोगों का ध्यान रखते हैं जो देश के बैंकों को लूटकर विदेश भाग गए।”
उन्होंने आगे कहा, “प्रधानमंत्री मोदी बिहार चुनाव में वोट चोरी के जरिए जीतने की कोशिश कर रहे हैं। आपको सतर्क रहना चाहिए।”
बता दें कि खड़गे ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत कर्नाटक से की है। वह 1972 से 2008 तक गुरमितकल विधानसभा क्षेत्र से और 2008 से 2009 तक चित्तापुर विधानसभा क्षेत्र से कर्नाटक विधानसभा के सदस्य रहे। उन्होंने 1996 से 1999 तक कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के नेता के रूप में कार्य किया। इसके अलावा, 2005 से 2008 तक कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष रहे और विभिन्न मुख्यमंत्रियों के अधीन मंत्री के रूप में भी सेवाएं दीं।