नोएडा इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के अंतर्गत नोएडा इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (NIIMS) मेडिकल कॉलेज द्वारा यशोदा मेडिसिटी, इंदिरापुरम के सहयोग से 20वें अंतरराष्ट्रीय स्पाइन एवं पेन लाइव-कम-कैडैवर वर्कशॉप का भव्य एवं सफल आयोजन किया गया। यह 8 दिवसीय विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम दर्द प्रबंधन (Pain Management) के क्षेत्र में चिकित्सकों की तकनीकी दक्षता, एनाटॉमिकल समझ और व्यावहारिक कौशल को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया।
इस अंतरराष्ट्रीय स्तर की वर्कशॉप में भारत सहित विभिन्न देशों से आए विशेषज्ञ डॉक्टरों, पेन फिजिशियंस और मेडिकल प्रोफेशनल्स ने भाग लिया, जिससे यह आयोजन पेन मेडिसिन के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण अकादमिक मंच के रूप में स्थापित हुआ। वर्कशॉप का संचालन और अकादमिक नेतृत्व प्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय पेन स्पेशलिस्ट डॉ. नीरज जैन ने किया। उल्लेखनीय है कि यह उनकी 20वीं निरंतर अंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षण वर्कशॉप रही, जो उनके निरंतर योगदान और विशेषज्ञता को दर्शाती है।मुंबई से आए डॉ. शंतनु मल्लिक ने भी फैकल्टी सदस्य के रूप में प्रतिभागियों को प्रशिक्षण देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।अपने मुख्य संबोधन में डॉ. नीरज जैन ने कहा,“20वें अंतरराष्ट्रीय स्पाइन और पेन लाइव-कम-कैडैवर वर्कशॉप का आयोजन मेरे लिए अत्यंत संतोषजनक अनुभव रहा। इस पहल का मुख्य उद्देश्य पेन फिजिशियंस को सटीक एनाटॉमिकल समझ प्रमाण-आधारित आधुनिक तकनीकें और व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करना है, ताकि क्रॉनिक दर्द का इलाज बिना अनावश्यक सर्जरी के सुरक्षित एवं प्रभावी ढंग से किया जा सके। ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रम मरीज-केंद्रित और सटीक दर्द प्रबंधन को बढ़ावा देते हैं।”NIIMS परिसर में आयोजित कैडैवरिक ट्रेनिंग सत्रों के दौरान प्रतिभागियों को स्पाइन एवं दर्द से संबंधित अत्याधुनिक प्रक्रियाओं का लाइव और हैंड्स-ऑन प्रशिक्षण दिया गया। यशोदा मेडिसिटी की ओर से **डॉ. सुनील शर्मा, डॉ. राजश्री तथा डॉ. राखी गोयल ने अकादमिक योगदान देते हुए अपने समृद्ध चिकित्सकीय अनुभव साझा किए, जिससे प्रतिभागी चिकित्सकों को वास्तविक क्लिनिकल परिस्थितियों की गहन समझ प्राप्त हुई।

इस अवसर पर डॉ. रंजीत घुलियानी, एमएस, NIIMS ने अपने संबोधन में कहा,
“हम नोएडा इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के नेतृत्व के निरंतर मार्गदर्शन और सहयोग के लिए हृदय से आभारी हैं। मैं डॉ. देवेश कुमार सिंह, चेयरमैन, नोएडा इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी, डॉ. उमा भारद्वाज, कुलपति, NIU, तथा श्री राज वर्धन दीक्षित का विशेष धन्यवाद करता हूँ, जिनके सहयोग से इस अंतरराष्ट्रीय वर्कशॉप का सफल आयोजन संभव हो सका। इस प्रकार के कार्यक्रम चिकित्सा शिक्षा को सुदृढ़ करने के साथ-साथ उन्नत क्लिनिकल प्रशिक्षण को नई ऊँचाइयाँ प्रदान करते हैं।”
कार्यक्रम के दौरान विशेषज्ञों ने बताया कि वर्तमान समय में क्रॉनिक पेन एक गंभीर और तेजी से बढ़ती स्वास्थ्य समस्या बन चुकी है, जो सभी आयु वर्ग के लोगों को प्रभावित कर रही है। कमर दर्द, सायटिका, गर्दन दर्द, घुटनों एवं जोड़ों के दर्द जैसी समस्याएँ आम होती जा रही हैं। ऐसे में बिना सर्जरी दर्द प्रबंधन पर केंद्रित पेन फिजिशियंस की भूमिका स्वास्थ्य सेवाओं में लगातार अधिक महत्वपूर्ण होती जा रही है।
विशेषज्ञों के अनुसार डॉ. नीरज जैन द्वारा नियमित रूप से आयोजित इस प्रकार की अंतरराष्ट्रीय वर्कशॉप्स न केवल चिकित्सकों की तकनीकी दक्षता और विशेषज्ञता को सुदृढ़ करती हैं, बल्कि आम जनमानस में उन्नत, सुरक्षित और प्रभावी दर्द उपचार के प्रति जागरूकता बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।